Ganga Dussehra Kab Hai 2024: गंगा दशहरा कब है? यहां जानिए तिथि और महत्व
Ganga Dussehra Kab Hai 2024: गंगा दशहरा के पर्व का हिंदू धर्म में खास महत्व है। इस दिन पाप नाशिनी मां गंगा की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। ऐसे में आइए जानें इस साल कब है गंगा दशहरा और इसके महत्व के बारे में।

Ganga Dussehra
Ganga Dussehra Kab Hai 2024: गंगा दशहरा का त्योहार ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाया जाता है। ये पर्व गंगा घाटों पर बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन मां गंगा की पूजा पूरे विधि- विधान के साथ की जाती है। ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन ही मां गंगा धरती लोक पर अवतरित हुईं थी। इस दिन गंगा स्नान करने और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। गंगा दशहरा के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण भी किया जाता है। आइए जानें कब है गंगा दशहरा और क्या है इसका महत्व।
Ganga Dussehra Kab Hai 2024 (गंगा दशहरा कब है 2024)गंगा दशहरा का पर्व हर साल ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन गंगा दशहरा का पर्व 18 जून 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन निर्जला एकादशी का व्रत भी रखा जाएगा।
गंगा दशहरा पूजा शुभ मुहूर्त 2024 (Ganga Dussehra Puja Shubh Muhurat 2024)हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल गंगा दशहरा का पर्व 18 जून 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 11:13 मिनट तक हस्त नक्षत्र होता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:03 से सुबह 04:45 तक रहेगा। इस समय में गंगा स्नान करना शुभ रहेगा। गंगा दशहरा के दिन रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत योग भी बन रहा है।
गंगा दशहरा पूजा विधि (Ganga Dussehra Puja Vidhi)- गंगा दशहरा के दिन सुबह स्नान करें।
- उसके बाद साफ वस्त्र धारण करें और मां गंगा की विधिपूर्वक पूजा करें।
- फिर मां गंगा को फूल, चंदन और अक्षत अर्पित करें।
- इस दिन आप शिव जी की पूजा भी करें और जलभिषेक करें।
- इसके साथ ही इस दिन गंगा स्तुति का पाठ करें।
गंगा दशहरा महत्व (Ganga Dussehra Importance)हिंदू धर्म में गंगा दशहरा का खास महत्व है। ये पवित्र दिन मां गंगा के अवतरण के रूप में मनाया जाता है। शास्त्रों में मां गंगा को पापमोक्षनी माना जाता है। मां गंगा के पवित्र जल में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन मां गंगा की पूजा-अर्चना करने से साधक को सुख, शांति मिलती है। गंगा दशहरा पर दान का भी खास महत्व होता है। इस दिन दान करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
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बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

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