Ganga Maiya Ki Aarti: ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता...देखें गंगा मैया की आरती के लिरिक्स

Ganga Maiya Ki Aarti: सनातन धर्म में गंगा आरती का विशेष महत्व माना जाता है और जब बात हो गंगा दशहरा की तो इस आरती का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। श्रद्धालु गंगा दशहरा के पावन अवसर पर विधि विधान गंगा मैया की पूजा करते हैं और उनकी आरती गाते हैं। यहां देखें गंगा आरती के लिरिक्स।

Ganga Maiya Ki Aarti

Ganga Maiya Ki Aarti (गंगा मैया की आरती): हिंदू धर्म में कोई भी पूजा बिना गंगाजल के अधूरी मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि गंगाजल का छिड़काव करने से समस्त तरह की अशुद्धियां दूर हो जाती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि गंगा के जल को बेहद पवित्र माना गया है। सनातन धर्म में सदियों से गंगा की पूजा होती आ रही है और आज भी गंगा नदी के घाटों पर मां की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। जिसमें गंगा आरती मुख्य है। हरिद्वार, ऋषिकेश, प्रयागराज और वाराणसी जैसे पवित्र स्थानों पर गंगा आरती देखने के लिए भारी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। गंगा दशहरा पर तो इस आरती का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। यहां आप देखेंगे गंगा आरती के लिरिक्स।

Ganga Mata Ki Aarti (गंगा मैया की आरती)

॥ श्री गंगा मैया आरती ॥

नमामि गंगे ! तव पाद पंकजम्,

सुरासुरैः वंदित दिव्य रूपम् ।

भक्तिम् मुक्तिं च ददासि नित्यं,

भावानुसारेण सदा नराणाम् ॥

हर हर गंगे, जय माँ गंगे,

हर हर गंगे, जय माँ गंगे ॥

ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता ।

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