Ganga Saptami 2023: आज है गंगा सप्तमी, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

Ganga Saptami 2023: गंगा सप्तमी को गंगा पूजन (Ganga Pujan), गंगा जयंती (Ganga Jayanti) और जान्हु सप्तमी के नाम से जाना जाता है। इस बार गंगा सप्तमी 27 अप्रैल 2023 को मनाई जाएगी। वहीं गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) 30 मई को मनाया जाएगा।

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Ganga Saptami 2023 Puja Vidhi: गंगा सप्तमी की पूजा विधि और मुहूर्त

Ganga Saptami 2023: गंगा सप्तमी 2023, 27 अप्रैल गुरुवार को मनाई जाएगी। इसे गंगा जयंती (Ganga Jayanti 2023), गंगा पूजन (Ganga Pujan 2023) और जान्हु सप्तमी (Jahnu Saptami 2023) के नाम से भी जाना जाता है। कई लोग इसे गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2023) समझने की भूल कर लेते हैं। लेकिन गंगा सप्तमी और गंगा दशहरा (Difference Between Ganga Dussehra And Ganga Saptami) दोनों में अंतर है। दरअसल गंगा सप्तमी मां गंगा के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है वहीं मां गंगा जिस दिन स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थीं उस दिन को गंगा दशहरे के रूप में जाना जाता है। इस साल गंगा दशहरा 30 मई को है। यहां आप जानेंगे गंगा सप्तमी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

Ganga Sapatmi 2023 Shubh Muhurat (गंगा सप्तमी 2023 शुभ मुहूर्त)

गंगा सप्तमी 26 अप्रैल 2023 को सुबह 11 बजकर 27 मिनट से शुरू होगी और इसकी समाप्ति 27 अप्रैल दोपहर 1 बजकर 38 मिनट पर होगी। गंगा सप्तमी मध्याह्न मूहूर्त सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक है। इस मुहूर्त में आप मां गंगा की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

Ganga saptami 2023 Puja Vidhi (गंगा सप्तमी 2023 पूजा विधि)

  • गंगा सप्तमी यानि गंगा जयंती के दिन लोग सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी में स्नान करते हैं।
  • अगर गंगा नदी में स्नान कर पाना संभव न हो तो आप नहाने के पानी में कुछ बूंदें गंगाजल डालकर स्नान कर लें।
  • इसके बाद मां गंगा की पूजा करें।
  • गंगा नदी में फूल और माला अर्पित करें।
  • गंगा मैया की आरती उतारें।
  • इसके बाद जरूरतमंदों को दान करें।
  • इस दिन नदी में दीप जलाने की भी परंपरा है।
  • दीप जलाकर गायत्री मंत्र और गंगा सहस्त्रनाम स्त्रोत का उच्चारण किया जाता है।

Ganga Saptami 2023 Significance (गंगा सप्तमी महत्व)

हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार ये माना जाता है कि जो कोई व्यक्ति भी अपने जीवन में एक बार भी गंगा नदी में डुबकी लगा लेता है उसे अपने इस जन्म ही नहीं बल्कि पिछले जन्म के पापों से भी मुक्ति मिल जाती है। मान्यताओं अनुसार गंगा सप्तमी के दिन ही गंगा जी की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए इस दिन गंगा-पूजन का विशेष महत्व माना गया है। कहा जाता है कि जो कोई भी इंसान गंगा जयंती के दिन गंगा नदी में स्नान करता है उसके जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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