Ganga Saptami 2023 Katha: गंगा सप्तमी पर जानें कैसे हुई मोक्षदायिनी गंगा की उत्पत्ति, पढ़ें पौराणिक कथा

Ganga Saptami 2023 Vrat Katha: प्रति वर्ष वैशाख शुक्ल सप्तमी को गंगा सप्तमी मनाई जाती है। शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन मां गंगा ने भगवान शिव की जटाओं में प्रवेश किया था। आगे जानिए गंगा नदी और शिवजी से जुड़ी पौराणिक कथा।

गंगा सप्तमी की व्रत कथा

Ganga Saptami 2023 Vrat Katha: हिंदू धर्म में गंगा सप्तमी का विशेष महत्व बताया गया है। पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी मनाया जाता है। इस दिन मां गंगा की पूजा का विधान है। कहते हैं इस खास दिन पर गंगा नदी में डुबकी लगाने से हर तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है। इस साल गंगा सप्तमी का पावन पर्व 27 अप्रैल, गुरुवार को मनाया जा रहा है। क्या आप जानते हैं, गंगा सप्तमी क्यों मनाई जाती है, क्या है इसका महत्व आदि सारे सवालों के जवाब जानिए इस पौराणिक कथा में।

कौन हैं मां गंगा?

गंगा भारत की प्रमुख नदी है, जिसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और पतित पावनी माना गया है। हिंदू कथाओं के अनुसार, मां गंगा एक देवी थीं, जो ब्रह्माजी के कमंडल से जन्मी थी। शास्त्रों के अनुसार, गंगा को पर्वतराज हिमालय और उनकी पत्नी मीना की पुत्री भी माना जाता है। कुछ कथाओं के अनुसार, माता पार्वती भी हिमालय की पुत्री थीं, इस तरह मां गंगा और पार्वती दोनो बहनें हैं।

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