Ganga Saptami 2024: गंगा सप्तमी साल में कितनी बार आती है, जानिए गंगा दशहरा और गंगा सप्तमी में अंतर

Ganga Saptami Sal Mein Kitni Bar Aati Hai: गंगा सप्तमी साल में एक ही बार पड़ती है। दूसरी बार गंगा दशहरा मनाया जाता है। दोनों ही त्योहारों में अंतर है। चलिए जानते हैं गंगा सप्तमी और गंगा दशहरा में क्या अंतर है।

Difference Between Ganga Dussehra And Ganga Saptami

Ganga Saptami And Ganga Dussehra: गंगा सप्तमी का त्योहार वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी को मनाया जाता है तो वहीं गंगा दशहरा पर्व ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी को पड़ता है। इस साल गंगा सप्तमी 14 मई को तो गंगा दशहरा 16 जून को मनाया जाएगा। अधिकतर लोगों को लगता है ये दोनों त्योहार एक ही हैं। लेकिन ऐसा नहीं इन दोनों में जमीन आसमान का अंतर है। चलिए जानते हैं गंगा सप्तमी और गंगा दशहरा पर्व क्यों मनाया जाता है दोनों में अंतर क्या है।

इसलिए मनाई जाती है गंगा सप्तमी

गंगा सप्तमी का त्योहार मां गंगा के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। तभी इसे गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथा अनुसार गंगा सप्तमी के दिन मां गंगा ब्रह्म देव के कमंडल से जन्मी थीं। मान्यताओं अनुसार जब ब्रह्मा जी ने सभी को राक्षस बलि से मुक्त कराने के लिए भगवान विष्णु के पैर धोए तो उस जल को अपने कमंडल में भर लिया। बाद में इस जल से गंगा नदी की उत्पत्ति हुई। माना जाता है कि गंगा को धरती पर लाने का प्रयास राजा भागीरथ ने किया था। उन्होंने कड़ी तपस्या की जिससे गंगा मैया धरती पर आने के लिए तैयार हो गईं। लेकिन गंगा की जलधारा इतनी तेज थी कि उसके धरती पर आते ही प्रलय आ सकता है। तब भगवान शिव ने गंगा को अपनी जटाओं में धारण किया। कहते हैं जिस दिन मां गंगा ब्रह्मा जी के कमंडल से शिव की जटाओं में पहुंची उस दिन वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी थी। इसलिए ही इस दिन को गंगा सप्तमी के नाम से जाना जाता है।

गंगा दशहरा मनाने का कारण

जहां एक तरफ गंगा सप्तमी को गंगा मैया के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है तो वहीं गंगा दशहरा मां गंगा के पृथ्वी पर आगमन की खुशी में मनाया जाता है। माना जाता है कि गंगा सप्तमी के बाद गंगा मैया लगभग 32 दिनों तक शिवजी की जटाओं में बहती रही। फिर जब ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि आई तब भगवान शिव ने अपनी एक जटा खोली और गंगा माता को धरती पर भेज दिया।

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