Gangaur Geet Lyrics In Hindi: 'गोर ए गणगौर माता खोल किँवाडी'...गणगौर पूजा के गीत यहां देखें

Gangaur Geet Lyrics In Hindi: गणगौर पूजा बिना गीतों के अधूरी मानी जाती है। इस पूजा में कई तरह के गीत गाए जाते हैं। यहां आप देखेंगे गणगौर पूजा के लोकप्रिय गाने।

gangaur puja geet

Gangaur Puja Geet Lyrics In Hindi

Gangaur Geet Lyrics In Hindi (गणगौर के गीत): गणगौर व्रत-पूजा महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए करती हैं तो कुवांरी लड़कियां अच्छे वर को पाने के लिए ये पूजा करती हैं। खासतौर से ये पर्व मध्यप्रेदश, राजस्थान और हरियाणा में मनाया जाता है। इस पर्व में भोलेनाथ और माता पार्वती की पूजा होती है। महिलाएं गणगौर पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती की मिटटी की मूर्तियां बनाती हैं और उनकी विधि विधान पूजा करती हैं। यह पूजा पूरे 17 दिनों तक चलती हैं। ये पूजा बिना गीतों के अधूरी मानी जाती हैं। इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं गणगौर पूजा के पारंपरिक गीत।

Gangaur Puja Vidhi In Hindi

गणगौर के गीत (Gangaur Ke Geet Lyrics In Hindi)

गणगौर पूजा में गीतों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। गीतों के जरिए गणगौर की प्रशंसा, माता पार्वती की भक्ति और उनके विवाह की खुशी का गान किया जाता है। मुख्य रूप से गणगौर पूजा में ओड़ो कोड़ो गीत, बधावे का गीत, ज्वारे का गीत, सूरज को अरग देने का गीत, गणगौर को पानी पिलाने का गीत शामिल है। यहां देखें गणगौर के गीतों के लिरिक्स। Gangaur Wishes In Hindi

Odo Kodo Geet (ओड़ो कोड़ो)

ओड़ो कोड़ो छ रावलो ये राई चन्दन को रोख

ये कुण गौरा छै पातला ऐ कुणा माथ ऐ मोल

ईसरदास जी गोरा छ पातला ऐ ब्रह्मा माथे मोल

बाई थारो काई को रूसणो ये काई को सिंगार

बाई म्हारे सोना को रूसणों ऐ मोतिया रो सिंगार

अब जाऊँ म्हारे बाप के ऐ ल्याउली नौसर हार

चौसर हार गढ़ाए ,पाटे पुवाए गोरक सुधों मूंदडो,

गोरा ईसरदास जी ब्रह्मदास जी जोगो मूंदडो,

वाकी रानिया होए बाई बेटिया होए आठ गढ़ाए

पाटे पुवाए गोरक सुधो मूंदडो

गोरा चाँद, सूरज, महादेव पार्वती जोगो मूंदडो

गोरा मालन, माली, पोल्या – पोली जोगो मूंदडो मूंदड़ो,

(अब आपको अपने घर वालों के नाम लेने है )

Gangaur Ka Geet – Badhava (गणगौर का गीत – बधावा)

चांद चढ़यो गिरनार, किरत्यां ढल रही जी ढल रही

जा बाई रोवा घरा पधार माऊजी मारेला जी मारेला

बापू जी देवला गाल, बडोड़ो बीरो बरजेलो जी बरजेलो,

थे मत दयो म्हारी बाई न गाल,

बाई म्हारी चिड़कोली जी चिड़कोली।

आज उड़ पर बात सवार बाई उड़ ज्यासी जी उड़ ज्यासी,

गोरायारं दिन चार जावईडो ले जासी जी ले जासी

(यहां घर की बहन बेटियों का नाम लेना है )

Gangaur ka Geet – Jwara Ka (गणगौर का गीत – ज्वारा का)

म्हारा हरया ए ज्वारा ऐ, गेन्हूला सरस बध्या

गोरा ईसरदास जी रा बायां ऐ वाकी रानी सींच लिया

गोरा ब्रह्मदास जी रा बायां ऐ वाकी रानी सींच लिया

वे तो सींच न जाने ये आड़ा ऊबा सरस बध्या

बाई रो सरस पोटलों ये, गेंहूडा सरस बध्या

म्हारा हरिया ए ज्वारा ये गेन्हुला सरस बध्या

गोरा चाँद सूरज बाया ये वाकी रानी सींच लिया

वे तो सींच न जाने ये आड़ा ऊबा सरस बध्या

बाई रो सरस पोटलो ये गेन्हुला सरस बध्या

मालीदास जी, पोलीदास जी बाया ऐ वाकी रानी सींच लिया

वे तो सींच न जाने ये आड़ा ऊबा सरस बध्या

(यहां आपको सभी घर वालों के नाम लेने हैं )

Sooraj Dev Ko Arak Dene Ka Geet (सूरज को अरक देने का गीत)

अल खल नदी जाय यो पाणी कहा जाय

आदो जाती अणया गलया आदो ईसर न्हासी

ईसर थे घरा पदारो गौरा जायो बैटो

अरदा लाओ परदा ल्याओ बन्दर बाल लगाओ

सार कीए सूई भाभी पाट काए तागा

सीम दरजी बेटा ईसर जी का बागा

सीमा लार सीमा आला मोत्या की लड़-जड़ पोउला थे चालो म्हे आवला।

Gangaur Ko Pani Pilane Ka Geet (गणगौर को पानी पिलाने का गीत)

म्हारी गोर तिसांई जी, राज घटियांरो मुकुट करो।

म्हारी गँवरा पानीडो सो पाय घटियांरो मुकुट करो

म्हारी गवर तिसांई ओ राज घाटयांरो मुकुट करो।

ब्रह्मदास जी रा ईशरदास जी ओ राज घाटयांरो मुकुट करो।

म्हारी गवरा पानीड़ो पिलाय घांटा रो मुकुट करो।

म्हारी गवरा तिसाई ओ राज घांटा रो मुकुट करो।

(यहां आपको बह्मदास जी की जगह अपने पिता और ईशरदास जी की जगह अपने पुत्र का नाम लेना हैं )

Gor e Gangaur Mata Lyrics (गोर ए गणगौर माता खोल किँवाडी)

गोर ए गणगौर माता खोल किँवाडी,

बाहर ऊबी थारी पूजन वाली,

पूजो ए पुजावो सँइयो काँई-काँई माँगा,

माँगा ए म्हेँ अन-धन लाछर लिछमी जलहर जामी बाबुल माँगा,

राताँ देई माँयड, कान्ह कँवर सो बीरो माँगा, राई (रुक्मणी) सी भौजाई,

ऊँट चढ्यो बहनोई माँगा, चूनडवाली बहना,

पून पिछोकड फूफो माँगा, माँडा पोवण भूवा,

लाल दुमाल चाचो माँगा, चुडला वाली चाची,

बिणजारो सो मामो माँगा, बिणजारी सी मामी,

इतरो तो देई माता गोरजा ए, इतरो सो परिवार,

दे ई तो पीयर सासरौ ए,

सात भायाँ री जोड

परण्याँ तो देई माता पातळा (पति)

ए साराँ मेँ सिरदार

Gangaur Puja 2024 (गणगौर पूजा कब है)

गणगौर पूजा का पर्व हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल ये तिथि 11 अप्रैल को पड़ रही है। बता दें इस पर्व की तैयारियां 17-18 दिनों पहले ही शुरू हो जाती हैं। इस साल गणगौर पर्व 25 मार्च से शुरू हो गया है।

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