Gangaur Bidai Geet Lyrics: शुक्र को तारो रे ईश्वर उंगी रह्यो... यहां देखें गणगौर पूजा के बिदाई गीत

Gangaur Ke Geet: गणगौर पूजा का त्योहार नवरात्रि के तीसरे दिन मनाया जाता है। इस दौरान गणगौर माता के गीतों को खूब गाया और सुना जाता है। यहां देखें गणगौर माता के गीत।

Gangaur Puja geet

Gangaur Mata Ke Geet

Gangaur Mata Ke Geet (गणगौर के गीत): गणगौर पूजा पर्व चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि तक मनाया जाता है। इस पर्व का मुख्य दिन चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि और तृतीया तिथि होती है। महिलाएं द्वितीया तिथि को तालाब या सरोवर में जाकर अपनी पूजी गई गणगौरों को पानी पिलाती हैं और फिर दूसरे दिन शाम के समय उनका विसर्जन करती हैं। इस दौरान गणगौर के खूब गीत भी गाये जाते हैं। मुख्य रूप से गणगौर की पूजा में ओड़ो कोड़ो गीत, बधावे का गीत, ज्वारे का गीत, सूरज को अरग देने का गीत और गणगौर को पानी पिलाने का गीत शामिल हैं।

गणगौर बिदाई गीत (Gangaur Bidai Geet)

शुक्र को तारो रे ईश्वर उंगी रह्यो |
कि तेकी मख टिकी घड़ाव ||
तेकी मख तबोल रंगाव
सरग कि बिजलई रे ईश्वर चमकी रही
तेकी मख मगजी लगाव
नव लाख तारा ,रे ईश्वर चमकी रह्य
तेकी मख अंगिया सिलाओ
चाँद और सूरज रे ईश्वर चमकी रह्या |
कि तेखी मख बदन घड़ाव
कि तेकी मख येणी गुन्थाव
बड़ी हट वालाई रे गोरल -गोरड़ी
गणगौर की बिदाई
पिताजी कि गोद बठी रनुबाई बिनय |
कहो तो पिताजी हम रमवा हो जावा
जावो बेटी रनुबाई रमवा जाओ
लंबो बाजार देखि दौड़ी मत चलजो
उच्चो व्ट्लो देखि जाई मत बठ्जो
परायो पुरुष देखि हंसी मत बोलजो
नीर देखि न चीर मत धोवजो
पाठो देखि न बेटी ,आड़ी मत घसजो
परायो बालो देखि न हाय मत करजो
संपत देखि न बेटी चढ़ी मत चलजो
विपद देखि न बेटी रडी मत बठ्जो
जाओ बेटी राज करजो
देवी गणगौर कि भावपूर्ण बिदाई |

गणगौर माता के गीत (Gangaur Ke Geet Lyrics In Hindi)

Gangaur Ko Pani Pilane Ka Geet (गणगौर को पानी पिलाने का गीत)

  • म्हारी गोर तिसांई जी, राज घटियांरो मुकुट करो।
  • म्हारी गँवरा पानीडो सो पाय घटियांरो मुकुट करो
  • म्हारी गवर तिसांई ओ राज घाटयांरो मुकुट करो।
  • ब्रह्मदास जी रा ईशरदास जी ओ राज घाटयांरो मुकुट करो।
  • म्हारी गवरा पानीड़ो पिलाय घांटा रो मुकुट करो।
  • म्हारी गवरा तिसाई ओ राज घांटा रो मुकुट करो।
(इस गीत में बह्मदास जी की जगह पिता और ईशरदास जी की जगह पुत्र का नाम लेना है )

गणगौर का लोकगीत - गौर गौर गोमती ईसर पूजे पार्वती

  • गौर गौर गोमती ईसर पूजे पार्वती
  • पार्वती का आला-गीला, गौर का सोना का टीका
  • टीका दे, टमका दे, बाला रानी बरत करयो
  • करता करता आस आयो वास आयो
  • खेरे खांडे लाडू आयो, लाडू ले बीरा ने दियो
  • बीरो ले मने पाल दी, पाल को मै बरत करयो
  • सन मन सोला, सात कचौला , ईशर गौरा दोन्यू जोड़ा
  • जोड़ ज्वारा, गेंहू ग्यारा, राण्या पूजे राज ने, म्हे पूजा सुहाग ने
  • राण्या को राज बढ़तो जाये, म्हाको सुहाग बढ़तो जाये,
  • कीड़ी- कीड़ी, कीड़ी ले, कीड़ी थारी जात है, जात है गुजरात है,
  • गुजरात्यां को पाणी, दे दे थाम्बा ताणी
  • ताणी में सिंघोड़ा, बाड़ी में भिजोड़ा
  • म्हारो भाई एम्ल्यो खेमल्यो, सेमल्यो सिंघाड़ा ल्यो
  • लाडू ल्यो, पेड़ा ल्यो सेव ल्यो सिघाड़ा ल्यो
  • झर झरती जलेबी ल्यो, हर-हरी दूब ल्यो गणगौर पूज ल्यो
  • इस प्रकार सोलह बार बोल कर अन्त में बोलें- एक-लो , दो-लो …… सोलह-लो।

गारा की गणगौर गीत (Gara Ki Gangaur Geet)

गारा की गणगौर कुआ पर क्यों रे खड़ी है।
सिर पर लम्बे-लम्बे केश, गले में फूलों की माला पड़ी रे।। गारा की गणगौर...
चल्यो जा रे मूरख अज्ञान, तुझे मेरी क्या पड़ी रे।
म्हारा ईशरजी म्हारे साथ, कुआ पर यूं रे खड़ी रे।। गारा की गणगौर...
माथा ने भांवर सुहाय, तो रखड़ी जड़ाव की रे।
कान में झालज सुहाय, तो झुमकी जड़ाव की रे।। गारा की गणगौर...
मुखड़ा ने भेसर सुहाय, तो मोतीड़ा जड़ाव का रे।
हिवड़ा पे हांसज सुहाय, तो दुलड़ी जड़ाव की रे।। गारा की गणगौर...
तन पे सालू रंगीलो, तो अंगिया जड़ाव की रे।
हाथों में चुड़ला पहना, तो गजरा जड़ाव का रे।। गारा की गणगौर...
पावों में पायल पहनी, तो घुंघरू जड़ाव का रे।
उंगली में बिछिया सुहाय, तो अनवट जड़ाव का रे।। गारा की गणगौर...

Gangaur Ka Geet Odo Kodo (गणगौर का गीत ओड़ो कोड़ो)

  • ओड़ो कोड़ो छ रावलो ये राई चन्दन को रोख, ये कुण गौरा छै पातला ऐ कुणा माथ ऐ मोल
  • ईसरदास जी गोरा छ पातला ऐ ब्रह्मा माथे मोल, बाई थारो काई को रूसणो ये काई को सिंगार
  • बाई म्हारे सोना को रूसणों ऐ मोतिया रो सिंगार, अब जाऊँ म्हारे बाप के ऐ ल्याउली नौसर हार
  • चौसर हार गढ़ाए ,पाटे पुवाए गोरक सुधों मूंदडो, गोरा ईसरदास जी ब्रह्मदास जी जोगो मूंदडो,
  • वाकी रानिया होए बाई बेटिया होए आठ गढ़ाए, पाटे पुवाए गोरक सुधो मूंदडो
  • गोरा चाँद, सूरज, महादेव पार्वती जोगो मूंदडो, गोरा मालन, माली, पोल्या – पोली जोगो मूंदडो मूंदड़ो,
(इस गीत को गाते समय अपने घर वालों के नाम लेने हैं)

Gangaur Ka Geet Badhava (गणगौर का गीत बधावा)

  • चांद चढ़यो गिरनार, किरत्यां ढल रही जी ढल रही, जा बाई रोवा घरा पधार माऊजी मारेला जी मारेला
  • बापू जी देवला गाल, बडोड़ो बीरो बरजेलो जी बरजेलो, थे मत दयो म्हारी बाई न गाल,
  • बाई म्हारी चिड़कोली जी चिड़कोली।
  • आज उड़ पर बात सवार बाई उड़ ज्यासी जी उड़ ज्यासी, गोरायारं दिन चार जावईडो ले जासी जी ले जासी
(इस गीत के समय घर की बहन बेटियों का नाम लेना है)

Gangaur ka Geet Jwara Ka (गणगौर का गीत ज्वारा का)

  • म्हारा हरया ए ज्वारा ऐ, गेन्हूला सरस बध्या, गोरा ईसरदास जी रा बायां ऐ वाकी रानी सींच लिया
  • गोरा ब्रह्मदास जी रा बायां ऐ वाकी रानी सींच लिया, वे तो सींच न जाने ये आड़ा ऊबा सरस बध्या
  • बाई रो सरस पोटलों ये, गेंहूडा सरस बध्या, म्हारा हरिया ए ज्वारा ये गेन्हुला सरस बध्या
  • गोरा चाँद सूरज बाया ये वाकी रानी सींच लिया, वे तो सींच न जाने ये आड़ा ऊबा सरस बध्या
  • बाई रो सरस पोटलो ये गेन्हुला सरस बध्या, मालीदास जी, पोलीदास जी बाया ऐ वाकी रानी सींच लिया
  • वे तो सींच न जाने ये आड़ा ऊबा सरस बध्या
(इस गीत के समय अपने सभी घर वालों के नाम लेने हैं )

Sooraj Dev Ko Arak Dene Ka Geet (सूरज को अरक देने का गीत)

  • अल खल नदी जाय यो पाणी कहा जाय, आदो जाती अणया गलया आदो ईसर न्हासी
  • ईसर थे घरा पदारो गौरा जायो बैटो, अरदा लाओ परदा ल्याओ बन्दर बाल लगाओ
  • सार कीए सूई भाभी पाट काए तागा, सीम दरजी बेटा ईसर जी का बागा
  • सीमा लार सीमा आला मोत्या की लड़-जड़ पोउला थे चालो म्हे आवला।

गणगौर कथा या त्योहार से जुड़ी कहानी क्या है? (Gangaur Ki Kahani)

गणगौर कथा देवी पार्वती की भगवान शिव के प्रति अटूट भक्ति और उनसे विवाह करने के दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। इसलिए इस पर्व में शिव पार्वती की पूजा की जाती है।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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