Gangaur Date 2025: गणगौर पूजा कब है 2025 में, यहां देखें इस त्योहार के सदाबहार गीत

Gangaur Date 2025 (गणगौर पूजा कब है 2025 में): गणगौर पर्व मुख्य रूप से मध्यप्रदेश, राजस्थान और हरियाणा में मनाया जाता है। पंचांग अनुसार ये त्योहार हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ता है। जानिए इस साल गणगौर पूजा कब है और यहां देखेंगे इस पर्व के खास गीत।

Gangaur Date 2025

Gangaur Puja Date 2025 In Hindi

Gangaur Date 2025 (गणगौर पूजा कब है 2025 में): गणगौर का त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा है। इस दिन महिलाएं शिव-पार्वती की मिटटी की मूर्तियां बनाती हैं और उनकी दूर्वा और फूल से विधि विधान पूजा करती हैं। वैसे तो ये पूजा पूरे 17 दिनों तक चलती है लेकिन चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि इस पर्व का सबसे विशेष दिन होता है। इस पूजा की सबसे खास बात ये है कि इस पूजा के बार में महिलायें अपने पति को नहीं बताती हैं और न ही पति को पूजा का प्रसाद खाने को दिया जाता है। जानिए इस साल गणगौर पूजा कब है।

गणगौर पूजा कब है 2025 (Gangaur Puja Kab Hai 2025)

इस साल गणगौर पूजा पर्व 15 मार्च से 31 मार्च तक मनाया जाएगा। लेकिन 31 मार्च इस पर्व का सबसे प्रमुख दिन रहेगा। इस दिन इस पर्व का समापन हो जाएगा।

गणगौर के गीत (Gangaur Ke Geet Lyrics In Hindi)

गौर –गौर गणपति ईसर पूजे पार्वती

पार्वती का आला गीला , गौर का सोना का टिका ,

टिका दे , टमका दे , राजा रानी बरत करे ,

करता करता , आस आयो वास आयो ,

खेरो खांडो लाडू लायो ,

लाडू ले बीरा न दियो ,बीरो म्हाने चुनड दी

चुनड को में बरत करयो

सन मन सोला , ईसर गोरजा ,

दोनु जौड़ा , जोर ज्वार

रानी पूजे राज में , मैं पूजा सुहाग में ,

रानी को राज घटतो जाई , म्हाखो सुहाग बढतों जाय ,

किडी किडी कीड़ो ल्याय , किडी थारी जात दे ,

जात दे , गुजरात दे , गुजरात्या को पानी

दे दे थम्बा तानी , ताणी का सिघडा, बारी का बुजारा

म्हारो भाई एम्ल्यो खेम्ल्यो ,

सेर सिंघाड़ा ल्यो , पेफ का फूल ल्यो ,

सूरज जी को डोरों ल्यो , सोना को कचोलो ल्यो

गणगौर पूज ल्यो |

खोल किवाड़ी प्रार्थना गीत (Gangaur Famous Geet)

गौरि ए गणगौरी माता ! खोल किवाड़ी

बाहर उबी थारी पुजनवाली |

पूजो ए पूजाओ बाई , काई – काई ! मांगों ?

अन्न मांगों , धन मांगों , लाछ मांगों , लछमी ||

जलहर जामी बाबल माँगा रातादेई माई |

कान कुंवर सो बीरों माँगा राई सी भोजाई

ऊंट चढ्यो बहणेंई माँगा चुडला वाली बहणल ||

गौर गौर गोमती गीत (Gaur Gaur Gomati Geet)

गौर गौर गोमती ईसर पूजे पार्वती

पार्वती का आला-गीला , गौर का सोना का टीका

टीका दे , टमका दे , बाला रानी बरत करयो

करता करता आस आयो वास आयो

खेरे खांडे लाडू आयो , लाडू ले बीरा ने दियो

बीरो ले मने पाल दी , पाल को मै बरत करयो

सन मन सोला , सात कचौला , ईशर गौरा दोन्यू जोड़ा

जोड़ ज्वारा ,गेंहू ग्यारा , राण्या पूजे राज ने , म्हे पूजा सुहाग ने

राण्या को राज बढ़तो जाए , म्हाको सुहाग बढ़तो जाय ,

कीड़ी- कीड़ी , कीड़ी ले , कीड़ी थारी जात है , जात है गुजरात है ,

गुजरात्यां को पाणी , दे दे थाम्बा ताणी

ताणी में सिंघोड़ा , बाड़ी में भिजोड़ा

म्हारो भाई एम्ल्यो खेमल्यो , सेमल्यो सिंघाड़ा ल्यो

लाडू ल्यो , पेड़ा ल्यो सेव ल्यो सिघाड़ा ल्यो

झर झरती जलेबी ल्यो , हरी -हरी दूब ल्यो गणगौर पूज ल्यो

इस तरह सोलह बार बोल कर आखिरी में

बोले एक-लो , दो-लो ,तीन लो ……..सोलह-लो।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited