Gangaur Puja Geet: गौर –गौर गणपति ईसर पूजे पार्वती..., गणगौर के मारवाड़ी गीत यहां देखें

Gangaur Puja Geet 2024 (Gor Gor Ganpati Ishwar Puja Parvati Lyrics): गणगौर पूजा के समय कई पारंपरिक गीत गाए जाते हैं। जैसे किवाड़ी खुलवाने के, गौर गौर गोमती , हिंडा के गीत, चुनड़ी के गीत, ऊंचो चवरो चोकुंठो, टीकी के गीत, चोपड़ा के गीत आदि गीत गणगौर पर गाए जाते हैं। यहां देखें गणगौर पूजा के लोकप्रिय गीत।

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Gangaur Puja Geet: गणगौर पूजा गीत

Gangaur Puja Geet (Gor Gor Ganpati Ishwar Puja Parvati Lyrics): गणगौर पूजा सुहागिनों के लिए बेहद खास होती है। ये पूजा महिलाएं अपने पति से छुपाकर करती हैं। इस व्रत का प्रसाद तक पति को नहीं दिया जाता है। 17 दिनों तक चलने वाले इस पर्व के दौरान कई तरह के पारंपरिक गीत गाए जाते हैं। प्रमुख रूप से इस पर्व में किवाड़ी खुलवाने के, गौर गौर गोमती, ऊंचो चवरो चोकुंठो, हिंडा के गीत, चुनड़ी के गीत, टीकी के गीत, चोपड़ा के गीत आदि गाए जाते हैं। यहां आप देखेंगे गणगौर पूजा के सबसे लोकप्रिय गीतों के लिरिक्स। जिसे आप गणगौर के अवसर पर गा सकती हैं।

खोल किवाड़ी प्रार्थना गीत (Gangaur Famous Geet)

गौरि ए गणगौरी माता ! खोल किवाड़ी

बाहर उबी थारी पुजनवाली |

पूजो ए पूजाओ बाई , काई – काई ! मांगों ?

अन्न मांगों , धन मांगों , लाछ मांगों , लछमी ||

जलहर जामी बाबल माँगा रातादेई माई |

कान कुंवर सो बीरों माँगा राई सी भोजाई

ऊंट चढ्यो बहणेंई माँगा चुडला वाली बहणल ||

गणगौर पूजन का गीत (Gangaur Puja Geet)

गौर –गौर गणपति ईसर पूजे पार्वती

पार्वती का आला गीला , गौर का सोना का टिका ,

टिका दे , टमका दे , राजा रानी बरत करे ,

करता करता , आस आयो वास आयो ,

खेरो खांडो लाडू लायो ,

लाडू ले बीरा न दियो ,बीरो म्हाने चुनड दी

चुनड को में बरत करयो

सन मन सोला , ईसर गोरजा ,

दोनु जौड़ा , जोर ज्वार

रानी पूजे राज में , मैं पूजा सुहाग में ,

रानी को राज घटतो जाई , म्हाखो सुहाग बढतों जाय ,

किडी किडी कीड़ो ल्याय , किडी थारी जात दे ,

जात दे , गुजरात दे , गुजरात्या को पानी

दे दे थम्बा तानी , ताणी का सिघडा, बारी का बुजारा

म्हारो भाई एम्ल्यो खेम्ल्यो ,

सेर सिंघाड़ा ल्यो , पेफ का फूल ल्यो ,

सूरज जी को डोरों ल्यो , सोना को कचोलो ल्यो

गणगौर पूज ल्यो |

गौर गौर गोमती गीत (Gaur Gaur Gomati Geet)

गौर गौर गोमती ईसर पूजे पार्वती

पार्वती का आला-गीला , गौर का सोना का टीका

टीका दे , टमका दे , बाला रानी बरत करयो

करता करता आस आयो वास आयो

खेरे खांडे लाडू आयो , लाडू ले बीरा ने दियो

बीरो ले मने पाल दी , पाल को मै बरत करयो

सन मन सोला , सात कचौला , ईशर गौरा दोन्यू जोड़ा

जोड़ ज्वारा ,गेंहू ग्यारा , राण्या पूजे राज ने , म्हे पूजा सुहाग ने

राण्या को राज बढ़तो जाए , म्हाको सुहाग बढ़तो जाय ,

कीड़ी- कीड़ी , कीड़ी ले , कीड़ी थारी जात है , जात है गुजरात है ,

गुजरात्यां को पाणी , दे दे थाम्बा ताणी

ताणी में सिंघोड़ा , बाड़ी में भिजोड़ा

म्हारो भाई एम्ल्यो खेमल्यो , सेमल्यो सिंघाड़ा ल्यो

लाडू ल्यो , पेड़ा ल्यो सेव ल्यो सिघाड़ा ल्यो

झर झरती जलेबी ल्यो , हरी -हरी दूब ल्यो गणगौर पूज ल्यो

इस तरह सोलह बार बोल कर आखिरी में

बोले एक-लो , दो-लो ,तीन लो ……..सोलह-लो।

गणगौर के हिंडा के गीत (Gangaur Ke Hinda Geet)

चम्पा री डाली , हिन्डो माण्डयो , रेशम री गज डोर।

जी ओ म्हे हिन्डो माण्डयो।

म्हारे हिंडोल इशरदास जी पधारया , ले बाई गवरा ने साथ।

जी ओ म्हे हिन्डो माण्डयो।

होले से झोटो दिया ओ पातलीया डरप लो नाजूक जीव।

जी ओ म्हे हिंडो मण्डियों।

चम्पल री डाली हिंडो मांडियो ,रेशम री गज डोर।

जी ओ म्हे हिंडो मंड्यो।

गणगौर के चूनड़ी के गीत (Gangaur Song)

ईशरदास जी बीरो चूनड़ी रंगाई बाई रोवां के दाय नहीं आई रे

नीलगर ओज्यूँ रंग दे म्हारी चुनड़ी

अल्ला रंग दे पल्ला रंग दे।

म्हारे माथे पे मोरिया छपाई दे नीलगर।

चमकण लागे घाघरा गीत

चमकण घाघरो चमकण चीर , बोलबाई रोवां कुण थारा बीर

बड़ो बड़ो म्हारो ईशरदास बीर बांसयुं छोटो कानीराम बीर

चुनरी ओढावे म्हारो ईशरदास बीर माय स्यु मिलावे म्हारो छोटो कानीराम बीर।

चमकण लागे घाघरा चमकण चीर …

गणगौर का टीकी गीत (Gangaur Ka Tiki Geet)

अम्बो तो जाम्बा टीकी ,पाना तो पल्ला टीकी

हरो नगीनों टीकी सोना की

या टीकी गौरा बाई ने सोवे

ईशरदास जी बैठ घडावे टीकी

अम्बो तो जाम्बा

गणगौर का थारो चोपडो गीत (Gangaur Ke Geet Lyrics)

गौर थारो चोपडो माणक मोती छायो ऐ

माणक मोती छायो ऐ यो तो सच्चा मोती धायो ऐ

ब्रह्मदास जी रा ईसरदास जी रोली रंग लाया ऐ

ईसरदास जी रा कानीराम जी परण पधराया ऐ

परण पधारया वाकी माया टीका काड़या ऐ

रोली का वे टीका काड़या ऊपर चावल चेपया ऐ

गौर थारो चोपडो माणक मोतिया छायो ऐ

माणक मोतिया छायो ऐ वो तो सच्चा मोती छायो ऐ।

गारा की गणगौर गीत (Gara Ki Gangaur Geet)

गारा की गणगौर कुआ पर क्यों रे खड़ी है।

सिर पर लम्बे-लम्बे केश, गले में फूलों की माला पड़ी रे।। गारा की गणगौर...

चल्यो जा रे मूरख अज्ञान, तुझे मेरी क्या पड़ी रे।

म्हारा ईशरजी म्हारे साथ, कुआ पर यूं रे खड़ी रे।। गारा की गणगौर...

माथा ने भांवर सुहाय, तो रखड़ी जड़ाव की रे।

कान में झालज सुहाय, तो झुमकी जड़ाव की रे।। गारा की गणगौर...

मुखड़ा ने भेसर सुहाय, तो मोतीड़ा जड़ाव का रे।

हिवड़ा पे हांसज सुहाय, तो दुलड़ी जड़ाव की रे।। गारा की गणगौर...

तन पे सालू रंगीलो, तो अंगिया जड़ाव की रे।

हाथों में चुड़ला पहना, तो गजरा जड़ाव का रे।। गारा की गणगौर...

पावों में पायल पहनी, तो घुंघरू जड़ाव का रे।

उंगली में बिछिया सुहाय, तो अनवट जड़ाव का रे।। गारा की गणगौर...

गणगौर पूजा की आरती (Gangaur Mata Ki Aarti)

म्हारी डूंगर चढती सी बेलन जी

म्हारी मालण फुलडा से लाय |

सूरज जी थाको आरत्यों जी

चन्द्रमा जी थाको आरत्यो जी |

ब्रह्मा जी थाको आरत्यो जी

ईसर जी थाको आरत्यो जी

थाका आरतिया में आदर मेलु पादर मेलू

पान की पचास मेलू

पीली पीली मोहरा मेलू , रुपया मेलू

डेड सौ सुपारी मेलू , मोतीडा रा आखा मेलू

राजा जी रो सुवो मेलू , राणी जी री कोयल मेलू

करो न भाया की बहना आरत्यो जी

करो न सायब की गौरी आरत्यो जी

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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