Gangaur Sinjara: गणगौर पूजा से एक दिन पहले मनाया जाता है सिंजारा, जानिए इस दिन क्या-क्या करते हैं

Gangaur Puja Sinjara: गणगौर पूजा से एक दिन पहले सिंजारा मनाया जाता है। इस दिन घर की महिलाएं मेहंदी लगाती हैं। साथ ही गणगौर के गीत गाती हैं। सिंजारा को सिंधारा के नाम से भी जाना जाता है। यहां जानिए सिंजारा कैसे मनाते हैं।

Gangaur Sinjara

Gangaur Puja Sinjara (गणगौर पूजा सिंजारा): गणगौर पूजा की कई रस्में होती हैं जिनमें से एक है सिंजारा। सिंजारा चैत्र शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है और ये तिथि इस साल 10 अप्रैल को पड़ी है। इस दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं साथ ही अपनी पूजी हुई गणगौरों को किसी नदी, तालाब या सरोवर में जाकर पानी भी पिलाती हैं। इसके बाद दूसरे दिन शाम में उनका विसर्जन किया जाता है। चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू हुए गणगौर पर्व का समापन चैत्र शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को होता है। यहां आप जानेंगे सिंजारा कैसे मनाया जाता है।

गणगौर पूजा से एक दिन पहले मनाया जाता है सिंजारा

गणगौर पूजा से एक दिन पहले सिंजारा मनाया जाता है। जिन लड़कियों की नई-नई शादी हुई है उनके पीहर से सिंजारा आता है। इस सिंजारे में मिठाई, घेवर, फल, कपड़े, चूड़ियां, गहने, मेहंदी इत्यादि चीजें होती हैं। इस दिन घर की महिलाएं एक-दूसरे के हाथों में मेहंदी लगाती हैं। लेकिन इस मेहंदी को लगाने से पहले इसे गणगौर माता को अर्पित किया जाता है। इसके अलावा इस दिन सुहाग पिटारी अपनी बेटी के यहां जरूर भेजी जाती है जिसमें सुहाग का सामान होता है। वहीं कई जगह नई नवेली दुल्हनें पहली बार गणगौर पूजने अपने मायके जाती हैं। तब सास अपनी बहू के लिए सिंधारे का सामान उसके मायके भेजती है तो वहीं बेटी के घरवाले भी लड़की की सास को सिंधारा देते हैं।

गणगौर सिंजारा फोटो (Gangaur Sinjara Images)

Gangaur Sinjara Images

सिंधारा में क्या-क्या सामान होता है (Sindhara Samagri)

  • गहने
  • साड़ी
  • मेहंदी
  • चूड़ियां
  • मिठाई
  • फल
  • घेवर
गणगौर पूजा का महत्व (Gangaur Puja Ka Mahatva)

गणगौर पूजा के दिन महिलाएं भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं। ये उत्सव होली के ठीक बाद शुरू होता है और अगले 17 दिनों तक जारी रहता है। गणगौर पूजा विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं तो अविवाहित महिलाएं मनचाहा वर पाने के लिए। मान्यता है इस पूजा को करने से वैवाहिक जीवन में सुख बना रहता है।

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