Gauri Vrat Aarti: गौरी व्रत आरती लिरिक्स, जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी

Maa Gauri Aarti: आज से गौरी व्रत प्रारंभ हो गया है। इसकी समाप्ति गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2023) के दिन होगी। गौरी व्रत में मां गौरी की ही पूजा की जाती है। यहां जानिए इस दिन पूजा में किस आरती को करना जरूरी माना गया है।

gauri vrat aarti

Gauri Mata Ki Aarti

Gauri Vrat Aarti Lyrics: देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2023) से गौरी व्रत की शुरुआत हो गई है। ये व्रत आषाढ़ पूर्णिमा (Ashadha Purnima 2023) तक रखा जाएगा। इस व्रत में मां गौरी की पूजा-अर्चना की जाती है। विशेष रूप से ये पर्व गुजरात में रखा जाता है। ये व्रत विवाहित और कुंवारी दोनों ही स्त्रियां रख सकती हैं। इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं कुंवारी कन्याएं ये व्रत मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए रखती है। इस व्रत की पूजा के समय मां गौरी की इस आरती को जरूर करें।

Gauri Vrat Puja Vidhi And Mahatva

Maa Gauri Aarti In Hindi

जय अम्बे गौरी

मैया जय श्यामा गौरी

तुमको निशिदिन ध्यावत

तुमको निशिदिन ध्यावत

हरि ब्रह्मा शिवरी

ॐ जय अम्बे गौरी

जय अम्बे गौरी

मैया जय श्यामा गौरी

तुमको निशिदिन ध्यावत

तुमको निशिदिन ध्यावत

हरि ब्रह्मा शिवरी

ॐ जय अम्बे गौरी

मांग सिंदूर विराजित

टीको जगमग तो

मैया टीको जगमग तो

उज्ज्वल से दोउ नैना

उज्ज्वल से दोउ नैना

चंद्रवदन नीको

ॐ जय अम्बे गौरी

कनक समान कलेवर

रक्ताम्बर राजै

मैया रक्ताम्बर राजै

रक्तपुष्प गल माला

रक्तपुष्प गल माला

कंठन पर साजै

ॐ जय अम्बे गौरी

केहरि वाहन राजत

खड्ग खप्पर धारी

मैया खड्ग खप्पर धारी

सुर नर मुनिजन सेवत

सुर नर मुनिजन सेवत

तिनके दुखहारी

ॐ जय अम्बे गौरी

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती

मैया नासाग्रे मोती

कोटिक चंद्र दिवाकर

कोटिक चंद्र दिवाकर

सम राजत ज्योती

ॐ जय अम्बे गौरी

शुंभ निशुंभ बिदारे महिषासुर घाती

मैया महिषासुर घाती

धूम्र विलोचन नैना

धूम्र विलोचन नैना

निशदिन मदमाती

ॐ जय अम्बे गौरी

चण्ड-मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे

मैया शोणित बीज हरे

मधु कैटभ दोउ मारे

मधु कैटभ दोउ मारे

सुर भयहिन करे

ॐ जय अम्बे गौरी

ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी

मैया तुम कमला रानी

अगम निगम बखानी

अगम निगम बखानी

तुम शिव पटरानी

ॐ जय अम्बे गौरी

चौंसठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरों

मैया नृत्य करत भैरों

बाजत ताल मृदंगा

बाजत ताल मृदंगा

ओर बाजत डमरू

ॐ जय अम्बे गौरी

तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता

मैया तुम ही हो भरता

भक्तन की दुख हरता

भक्तन की दुख हरता

सुख संपति करता

ॐ जय अम्बे गौरी

भुजा चार अति शोभित वर-मुद्रा धारी

मैया वर मुद्रा धारी

मनवांछित फल पावत

मनवांछित फल पावत

सेवत नर नारी

ॐ जय अम्बे गौरी

कंचन ढाल विराजत अगर कपूर बाती

मैया अगर कपूर बाती

श्रीमालकेतु में राजत

श्रीमालकेतु में राजत

कोटि रतन ज्योती

ॐ जय अम्बे गौरी

श्री अम्बे जी की आरती

जो कोई नर गावे

मैया जो कोई नर गावे

कहते शिवानंद स्वामी

कहते शिवानंद स्वामी

सुख सम्पति पावे

ॐ जय अम्बे गौरी

जय अम्बे गौरी

मैया जय श्यामा गौरी

तुमको निशिदिन ध्यावत

तुमको निशिदिन ध्यावत

हरि ब्रह्मा शिवरी

ॐ जय अम्बे गौरी

माता गौरी की आरती कैसे करें

मां पार्वती का ही एक नाम गौरी भी है। कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से मां गौरी की अराधना करता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। माता गौरी अपने भक्तों का कल्याण करने वाली देवी मानी जाती हैं। मां गौरी की आरती करने से पहले इनकी विधि विधान पूजा करें उन्हें मिठाई का भोग लगाएं। फिर आरती करें।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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