Gayatri Jayanti 2023 Puja Vidhi, Mantra, Subh Muhurat: इस विधि से करें गायत्री जयंती की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, आरती, मंत्र व अन्य खास बातें
Gayatri Jayanti 2023 Puja Vidhi Subh Muhurat Katha Mantra Aarti: आज माता गायत्री की जयंती यानी गायत्री जयंती है। गायत्री जयंती हिंदू धर्म में काफी महत्व रखती है। इस दिन माता गायत्री के सभी स्वरूपों यानी दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती की पूजा की जाती है। यहां जानें गायत्री जयंती शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, आरती-
Gayatri Jayanti 2023 Puja Vidhi, Mantra, Subh Muhurat
गायत्री जयंती हिंदू धर्म में काफी महत्व रखती है। इस दिन माता गायत्री के सभी स्वरूपों यानी दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर मां गायत्री का अवतरण हुआ था। इस तिथि को गायत्री जयंती के नाम से भी जाना जाता है, गायत्री समाज के लोग इस दिन श्रद्धा-भाव के साथ माता गायत्री की पूजा करते हैं। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं।
Gayatri Jayanti Puja Vidhi गायत्री जयंती पूजा विधि
- स्नान के बाद हाथ में जल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। पूजा घर में साफ स्थान पर देवी गायत्री की प्रतिमा स्थापित करें।
- गंगा जल से प्रतिमा पर छींटे मारें और स्थान पर गंगाजल के छींटे मारकर शुद्ध करें।
- इसके बाद देवी गायत्री के चित्र सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
- माता गायत्री की प्रतिमा को फूल माला पहनाएं, कुमकुम से तिलक लगाएं।
- इसके बाद फूल, फल आदि चीजें अर्पित करें। इस दौरान गायत्री मंत्र का जाप करें।
- सबसे बाद में देवी को भोग लगाएं और गायत्री मंत्र का जाप करें। कम से कम 5 माला जाप अवश्य करें।
- इसके बाद गायत्री माता की आरती करें।
Gayatri Jayanti 2023 Shubh Muhurat, गायत्री जयंती शुभ मुहूर्त
- सुबह 08:51 से 10:35 तक
- सुबह 10:35 से दोपहर 12:19 तक
- दोपहर 12:19 से 02:02 तक
- दोपहर 03:46 से शाम 05:30 तक
Devi Gayatri Jayanti Ki Aarti देवी गायत्री की आरती
जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता ।
सत् मार्ग पर हमें चलाओ, जो है सुखदाता ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक कर्त्री ।
दु:ख शोक, भय, क्लेश कलश दारिद्र दैन्य हत्री ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे ।
भव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि ।
अविकारी, अखहरी, अविचलित, अमले, अविनाशी ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
कामधेनु सतचित आनन्द जय गंगा गीता ।
सविता की शाश्वती, शक्ति तुम सावित्री सीता ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
ऋग, यजु साम, अथर्व प्रणयनी, प्रणव महामहिमे ।
कुण्डलिनी सहस्त्र सुषुमन शोभा गुण गरिमे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
स्वाहा, स्वधा, शची ब्रह्माणी राधा रुद्राणी ।
जय सतरूपा, वाणी, विद्या, कमला कल्याणी ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
जननी हम हैं दीन-हीन, दु:ख-दरिद्र के घेरे ।
यदपि कुटिल, कपटी कपूत तउ बालक हैं तेरे ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
स्नेहसनी करुणामय माता चरण शरण दीजै ।
विलख रहे हम शिशु सुत तेरे दया दृष्टि कीजै ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
काम, क्रोध, मद, लोभ, दम्भ, दुर्भाव द्वेष हरिये ।
शुद्ध बुद्धि निष्पाप हृदय मन को पवित्र करिये ॥
॥ जयति जय गायत्री माता..॥
जयति जय गायत्री माता,
जयति जय गायत्री माता ।
सत् मार्ग पर हमें चलाओ,
जो है सुखदाता ॥
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कुलदीप सिंह राघव 2017 से Timesnowhindi.com ऑनलाइन से जुड़े हैं।पॉटरी नगरी के नाम से मशहूर यूपी के बु...और देखें
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