Ratna Astrology: इन तिथियों में नहीं धारण करना चाहिए रत्न, होता है नुकसान
Ratna Astrology: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में ग्रह के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए ग्रह और राशि से संबंधित रत्नों को धारण करने की सलाह दी जाती है। लेकिन रत्नों को धारण करने के कुछ नियम होते हैं। नियम के अनुसार रत्नों पर पहनने से ही इससे लाभ मिलते हैं।
रत्नों को धारण करते समय इन बातों का रखें ध्यान
- अमावस्या और संक्राति के दिन नहीं धारण करना चाहिए रत्न
- रत्न धारण करने के लिए शुभ होते हैं माह के शुक्ल पक्ष
- किसी भी रत्न को धारण करने से पहले लें ज्योतिषी सलाह
Ratna Astrology, Gemstone wearing Rules: ज्योतिष शास्त्र में कुंडली में चल रहे ग्रह-नक्षत्रों की प्रतिकूल स्थिति को ठीक करने के लिए रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है। ज्योतिष में कई ग्रहों के बारे में बताया गया है जो नवग्रहों से संबंधित होते हैं। ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए रत्न काफी कारगर माने जाते हैं। लेकिन रत्नों को धारण करने के कुछ खास नियम और दिन भी होते हैं, जिसके अनुसार पहने गए रत्न का ही फायदा मिलता है। इसलिए हमेशा ज्योतिषीय सलाह के बाद ही किसी रत्न को धारण करना चाहिए। जानते हैं रत्नों के शुभ प्रभाव के लिए रत्नों से जुड़े नियमों के बारे में और जानते हैं रत्न धारण करते समय किन बातों का रखें ध्यान।
किन तिथियों में धारण नहीं करना चाहिए रत्न
- रत्न शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार माह की 4, 9 और 14 तारीखों में किसी भी रत्न को धारण करने से बचना चाहिए। लेकिन यदि इन तिथियों में कोई विशेष या शुभ संयोग बनते हैं तो आप इसमें रत्न धारण कर सकते हैं।
- रत्न को कभी भी गोचर, राशि परिवर्तन या संक्रांति के दिन धारण नहीं करना चाहिए।
- साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि जिस दिन आप रत्न धारण करें उस दिन गोचर का चंद्रमा आपकी राशि से 4, 8 और 12 वें भाव में ना हो.
- अमावस्या, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण में रत्न धारण करना वर्जित होता है।
- रत्न को दोपहर से पहले शुभ मुहूर्त में ही धारण करें। रत्न को सूर्य यानी पूर्व की ओर मुंह करके धारण करना चाहिए।
- रत्नों को धारण करने के लिए शुक्ल पक्ष की तिथियां सबसे उत्तम मानी जाती है।
रत्नों को लेकर इन बातों का भी रखें ध्यान
किसी भी रत्न को बिना ज्योतिषी सलाह के धारण नहीं करना चाहिए। इस बात भी ध्यान रखें कि धारण करने से पहले रत्न को अभिमंत्रित कर लें, तभी रत्न से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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