Ghee Sankranti 2024: घी संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं, जानिए कहां और कैसे मनाया जाता है ये पर्व
Ghee Sankranti 2024: घी संक्रांति त्योहार उत्तराखंड में मनाया जाता है। इसे घी त्योहार, घ्यू त्यार, घु संक्रांति और ओग्लिया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन घी खाने का विशेष महत्व माना जाता है। चलिए जानते हैं घी संक्रांति कैसे मनाई जाती है।
Ghee Sankranti 2024
Ghee Sankranti 2024: इस साल घी संक्रांति 16 अगस्त को मनाई जा रही है। ये एक मौसमी त्योहार है जिसे किसानों और पशुपालकों द्वाका धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बेदू रोटी को मक्खन या घी के साथ खाने का रिवाज है। इस दिन किसान अपने गांव के देवता को गेबे, दही, घी, मक्खन आदि को ओलग अर्पित करते हैं। बता दें ये त्योहार मुख्य रूप से उत्तराखंड में मनाया जाता है। चलिए जानते हैं इस त्योहार का महत्व।
घी संक्रांति कब और कैसे मनाई जाती है
- घी संक्रांति पर्व उत्तराखंड में मनाया जाता है।
- ये पर्व भादो मास की प्रथम तिथि को पड़ता है।
Ghee Sankranti 2024
- इस दिन लोग कटोरीमें घी भरकर उसका भोग लगाते हैं, फिर इसके बाद विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर अपने देवता को प्रसाद रूप में चढ़ाते हैं।
Happy Ghee Sankranti 2024
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- इस दिन बेदू रोटी या बेड़वा रोटी को मक्खन या घी के साथ खाने की परंपरा निभाई जाती है। ये रोटी उरद की दाल से भरी हुई होती है।
- इस पर्व में किसान लोग सबसे पहले अपने गांव के देवता को अरबी पत्ते, मक्का, दही, घी, मक्खन आदि चीजों का ओलग अर्पित करते हैं। इसके बाद ओलग पंडितों, पुजारियों और रिश्तेदारों को दिया जाता है।
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- ये त्योहार किसानों और पशुपालकों के लिए बहुत खास होता है।
- कई जगह इस दिन महिलाएं अपने बच्चों के सिर पर ताजा मक्खन मलती हैं और उनकी लंबी आयु की कामना करती हैं।
इस दिन किसान अपने खेतों में उगाए गए ताजे फल और सब्जियां शाही दरबार में चढ़ाते थे इसे ही ओलाग का रिवाज कहा जाता था। ये ओलाग अब देवताओं को अर्पित किया जाता है।
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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