Gita Jayanti 2022 Date: गीता जयंती 2022 में कब है, जानिए तिथि, पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व
Gita Jayanti 2022 Date, Puja Time, Shubh Muhurat: गीता एकादशी के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन कुरुक्षेत्र में गीता का ज्ञान दिया था। जानें गीता जयंती तिथि,पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व।
- मोक्षदा एकादशी के दिन ही मनाई जाती है गीता जयंती
- इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है
- जानें गीता जयंती तिथि,पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व
Gita Jayanti 2022 Date, Puja Time, Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में सनातन काल से ही गीता जयंती का खास महत्व है। यह हर साल मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान श्री कृष्ण (Bhagwan Krishna) ने महाभारत युद्ध से पहले अर्जुन का मोह भंग करने के लिए गीता का उपदेश दिया था। बता दें इस दिन ही मोक्षदा एकादशी (Moshada Ekadashi Vrat) का व्रत भी रखा जाता है। शास्त्र के अनुसार जो व्यक्ति प्रतिदिन गीता का पाठ करता हैं, उसे मरने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार गीता का पाठ करने से व्यक्ति के अंदर से मोह की समाप्ति होती है। साल 2022 में गीता जयंती कब मनाई जाएगी (When is Gita Jayanti 2022) यदि आप इससे जुड़ी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह लेख देखें।
Gita Jayanti Date 2022 in India
हिंदू पंचांग के अनुसार गीता जयंती हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। साल 2022 में गीता जयंती 3 दिसंबर को मनाई जाएगी। बता दें इस बार भगवत गीता की 5159वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।
Gita Jayanti 2022 Shubh Muhurat
- मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि प्रारंभ- 3 दिसंबर 2022, सुबह 05:39 मिनट से शुरू
- मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि समापन- 4 दिसंबर 2022, सुबह 05:34 पर
Gita Jayanti Puja Vidhi In Hindi
- गीता जयंती के दिन सुबह-सुबह नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। यदि आप बाहर जा सकते है, तो आप किसी भी पवित्र नदी में डुबकी लगा सकते है।
- अब भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा के सामने उनकी पूजा करते हुए व्रत का संकल्प लें।
- अब भगवान के सामने धूप दीप जलाकर विधि-विधान से पूजा करें।
- पूजा करने के बाद भगवान श्री कृष्ण की आरती करें। क्योंकि इसी दिन मोक्षदा एकादशी का व्रत भी रखा जाता है, इसलिए इस दिन अनाज अनाज ग्रहण ना करें।
- गीता एकादशी के दिन गीता का पाठ अवश्य करें। ऐसी मान्यता है कि इस दिन गीता का पाठ करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- व्रत के अगले दिन स्नान दान करने के बाद दान ही भोजन ग्रहण करें।
Gita Jayanti Significance, Importance, mahatva
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गीता जयंती के दिन व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह सांसारिक मोह से भी मुक्ति मिलती हैं। बता दें कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन के मोह को भंग करने के लिए इसी दिन युद्ध से पहले गीता का उपदेश दिया था। गीता जयंती के दिन ही मोक्षदा एकादशी का व्रत भी रखा जाता है। ऐसी मान्यता है, कि गीता का पाठ व्यक्ति को अंधकार से दूर ज्ञान की ओर ले जाता है। आपको बता दें भगवत गीता में लगभग 700 श्लोक हैं, जो जीवन के महत्वपूर्ण मूल्यों को सिखाते हैं।
गीता जयंती के दिन क्या करना चाहिए
गीता जयंती के दिन पवित्र नदियों में स्नान करके एकाग्रचित्त होकर गीता का पाठ करें। भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करें। खुद को नेगेटिव चीजों को दूर करने की कोशिश करें। इसके साथ ही गीता में दिए गए श्लोकों को अपने जीवन में अपनाने की कोशिश करें।
भगवान श्री कृष्ण का भव्य रूप का दर्शन करने के लिए गीता जयंती बहुत शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है, कि इस दिन घर में गीता का श्लोक पढ़ने से घर की शांति बनी रहती है। यदि आपके घर की शांति भंग हो गई हो या लोगों में मनमुटाव जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई हो, तो आप नियम से गीता का पाठ करें। फर्क खुद नजर आने लगेगा।
डिसक्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें
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