Gita Jayanti Quotes In Sanskrit: यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:..., गीता जयंती पर अपनों को भेजें गीता के ये प्ररेक श्लोक
Gita Jayanti Wishes In Sanskrit: धार्मिक मान्यताओं अनुसार भगवान कृष्ण ने अपने मित्र अर्जुन को मार्गशीर्ष माह की एकादशी तिथि को गीता का उपदेश दिया था इसलिये ही इस दिन को गीता जयंती के रुप में मनाया जाता है। इस शुभ अवसर पर देखें गीता के लोकप्रिय श्लोक।
Gita Jayanti 2023 Quotes In Hindi
Gita Jayanti Wishes In Sanskrit: हर साल मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) पर गीता जयंती का पावन पर्व मनाया जाता है। मान्यता अनुसार इस शुभ दिन पर श्रीमद्भगवद् गीता के दर्शन मात्र से ही सभी दुखों का नाश हो जाता है साथ ही हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। गीता जयंती पर भगवान कृष्ण और वेद व्यास ऋषि की पूजा करने की परंपरा है। साथ ही इस शुभ अवसर पर श्रीमद्भगवद् गीता के श्लोकों का वाचन करना भी शुभ माना जाता है। यहां देखें भागवत गीता के श्लोक।
Gita Jayanti Shlok In Hindi (गीता जयंती श्लोक)
-नैनं छिद्रन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक: ।
न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुत ॥
हिंदी अर्थ: आत्मा को न कोई शस्त्र काट सकता है, न आग जला सकती है। न पानी भिगो सकता है, न हवा सुखा सकती है।
-यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत:।
अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्॥
हिंदी अर्थ: जब-जब धर्म का नाश होता है और अधर्म बढ़ता है, तब-तब मैं धर्म के अभ्युत्थान के लिए स्वयं की रचना करता हूं अर्थात अवतार लेता हूं।
-हतो वा प्राप्यसि स्वर्गम्, जित्वा वा भोक्ष्यसे महिम्।
तस्मात् उत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृतनिश्चय:॥
हिंदी अर्थ: यदि तुम युद्ध में वीरगति प्राप्त करते हो तो तुम्हें स्वर्ग मिलेगा और यदि विजयी होते हो तो तुम धरती का सुख भोगोगे.. इसलिए उठो, हे कौन्तेय, और निश्चय करके युद्ध करो।
-कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥
हिंदी अर्थ: कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, लेकिन कर्म के फलों पर नहीं… इसलिए किसी भी कर्म को फल की इच्छा से मत करो और न ही काम करने में तुम्हारी आसक्ति हो।
-क्रोधाद्भवति संमोह: संमोहात्स्मृतिविभ्रम:।
स्मृतिभ्रंशाद्बुद्धिनाशो बुद्धिनाशात्प्रणश्यति॥
हिंदी अर्थ: क्रोध से मनुष्य की मति मारी जाती है जिससे स्मृति भ्रमित हो जाती है और जब स्मृति-भ्रमित हो जाती है तो मनुष्य की बुद्धि नष्ट हो जाती है।बुद्धि का नाश हो जाने से मनुष्य खुद का ही नाश कर लेता है।
-सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:॥
हिंदी अर्थ: सभी धर्मो को छोड़कर मेरी शरण में आ जाओ। मैं तुम्हें सभी पापो से मुक्त कर दूंगा, इसमें कोई संदेह नहीं हैं।
-श्रद्धावान्ल्लभते ज्ञानं तत्पर: संयतेन्द्रिय:।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति॥
हिंदी अर्थ: श्रद्धा रखने वाले मनुष्य, अपनी इन्द्रियों पर कंट्रोल रखने वाले मनुष्य, साधनपारायण हो अपनी तत्परता से ज्ञान प्राप्त करते हैं, फिर ज्ञान मिल जाने पर जल्द ही परम-शान्ति को प्राप्त होते हैं।
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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