Japa Mala: पहली बार करने जा रहे हैं जप माला का प्रयोग, तो जान लें क्या है सही तरीका

Japa Mala: गृहस्थी सुख के लिए माला अंगूठे पर रखकर मध्यमा उंगली से फेरने का विधान है। मोक्ष हेतु अनामिका उंगली से और बैर− क्लेश आदि के नाश के लिए तर्जनी उंगली से माला फेरना उचित। शुभ कार्यों के लिए सफेद माला एवं कष्ट निवारण के लिए लाल माला का प्रयोग होता है।

जप माला का प्रयोग

मुख्य बातें
  • तीन तरह से होते हैं मंत्र जाप
  • माला में 108 मनकों का महत्व
  • अलग सिद्धि के लिए अलग माला का प्रयोग

Japa Mala: जप के मुख्यतः चार प्रकार हैं− पहला वैखरी, दूसरा उपांशु, तीसरा पश्यंती और चौथा परा। किसी भी पुरश्चरण के लिए मानसिक जप की आवश्यकता रहती है। कोइ भी मंत्र एकदम मानसिक रीति से नहीं जपा जा सकता। इसके लिए आरंभ में उस मंत्र को वैखरी से ही जपना चाहिए। वैखरी जप का अर्थ है− जोर से बोला जाने वाला मंत्र। वैखरी जप का संबंध मानव के जड़ शरीर से है जबकि उपांशु जप का संबंध मानव के वासना शरीर से है। पश्यंती यानी जुबान न हिलाते हुए किए जाने वाले जप का संबंध मानव के मन से होता है।

कैसे जपें माला पर मंत्र

भाैतिक सुखाें जैसे− द्रव्य प्राप्ति, संतान प्राप्ति, परिवार शांति आदि के लिए माला अंगूठे पर रखकर मध्यमा उंगली से फेरने का विधान है जबकि मोक्ष हेतु अनामिका उंगली से और बैर− क्लेश आदि के नाश के लिए तर्जनी उंगली से माला फेरना उचित है। माला को सदैव दाहिने हाथ के अंगूठे पर रख हृदय के पास स्पर्श करते हुए फेरना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें कि माला के मणियों को फिराते समय उनके नख न लगें और सुमेरु का उल्लंघन न हो, अन्यथा लाभ कम होता है। इसके अतिरिक्त ये भी नियम है कि माला साफ, समान व पूरे 108 मणियों तथा सुंदर सुमेरु वाली हो। शुभ कार्यों के लिए सफेद माला एवं कष्ट निवारण के लिए लाल माला का प्रयोग प्रायः किया जाता है।

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