Govardhan Puja Bhajan: श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ...गोवर्धन पूजा के भजन लिरिक्स

Govardhan Puja Bhajan (गोवर्धन भजन लिरिक्स): गोवर्धन का त्योहार दिवाली के पांच दिवसीय त्योहारों में से एक होता है। इस दिन श्री कृष्ण, गोवर्धन भगवान और गाय माता की पूजा का विधान है। यहां देखिए गोवर्धन पूजा के भजन लिरिक्स।

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Govardhan Puja Bhajan

Govardhan Puja Bhajan (गोवर्धन भजन लिरिक्स): दिवाली का अगला त्योहार गोवर्धन पूजा ही होता है। जो हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की पहली तारीख को मनाया जाता है। इस दिन घर में गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की प्रतिमा बनाई जाती है और फिर उस प्रतिमा की विधि विधान पूजा की जाती है। इस पूजा के दौरान गोवर्धन भगवान के भजन भी खूब सुने जाते हैं। चलिए आपको बताते हैं गोवर्धन पूजा के भजनों के लिरिक्स।

Govardhan Puja Vidhi In Hindi

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ (Shri Govardhan Maharaj Tere Mathe Mukut Viraj Raho)

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।

तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,

तोपे चढ़े दूध की धार ।

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।

तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,

ठोड़ी पे हीरा लाल ।

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।

तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,

तेरी झांकी बनी विशाल ।

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।

तेरी सात कोस की परिकम्मा,

चकलेश्वर है विश्राम ।

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,

तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।

गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण ।

गोवर्धन पूजा भजन (Govardhan Bhajan Lyrics)

मैं तो गोवर्धन कूँ जाऊं मेरे वीर,

नाही माने मेरो मनवा,

मैं तो गोवर्धन कूँ जाऊं मेरे वीर,

सात कोस की है परिकम्मा,

मैं तो मानसी गंगा नहाऊं मेरे वीर

नाही माने मेरो मनवा,

मैं तो गोवर्धन कूँ जाऊं मेरे वीर,

सात सेर की करी रे करियां

मैं तो संतन न्यौंत जिमाऊं मेरे वीर

नाही माने मेरो मनवा,

मैं तो गोवर्धन कूँ जाऊं मेरे वीर,

चन्द्रसखी भज बालकृष्ण छवि,

मैं तो हरि दर्शन को पाऊँ मेरे वीर,

नाही माने मेरो मनवा,

मैं तो गोवर्धन कूँ जाऊं मेरे वीर,

गोवर्धन के गीत (Govardhan Ke Geet)

छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज

गोवर्धन महाराज, हमारे प्रभु गोवर्धन महाराज,

छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज

मानसी मानसी गंगा को असनान,

धरो फिर चकलेश्वर को ध्यान,

दान घाटी में दही को दान,

करो परिक्रमा की तैयारी है गोवर्धन महाराज,

छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज

इंद्र को मन मर्दन कीन्हो डूबत बृज को बचाय लीन्हो,

प्रकट भये है दर्शन दीन्हो श्री नटवर की महिमा न्यारी है,

गोवर्धन महाराज

छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज

भक्त जन पड़े रहे चहुँ और,

संतजन पड़े रहे चहुँ और,

देख के ध्यान धरे नित घोर,

शिखर के ऊपर नाचत मोर,

कर रहे हैं बृज की रखवारी है गोवर्धन महाराज,

छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज

धन्य जो बात करें गिरिराज,

सिद्ध हो उनके बिगरे काज,

लाज भक्तन की रखे गिरिराज,

श्याम तेरे चरणन की बलिहारी है गोवर्धन महाराज,

छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज

मानसी गंगा श्री हरिदेव गिरीवर की परिक्रमा देव,

छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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