Govardhan Puja Aarti 2024, Shree Krishna Ji Ki Aarti Lyrics LIVE: श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ...इस आरती के बिना अधूरी है गोवर्धन पूजा
Govardhan Puja 2024 Aarti Lyrics In Hindi, Govardhan Maharaj Ki Aarti, Shree Krishna Ji Ki Aarti Lyrics, ॐ जय गिरिराज महाराज हरे, Shri Giriraj Ji Ki Aarti Likhit Mein LIVE Updates: गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन महाराज, भगवान कृष्ण और गाय की विशेष रूप से पूजा होती है। इस दिन गोवर्धन जी की आरती और कृष्ण भगवान की आरती करने का विशेष महत्व माना गया है। यहां देखें गोवर्धन आरती के लिरिक्स।
Govardhan Puja Aarti 2024, Shree Krishna Ji Ki Aarti Lyrics LIVE: श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज, तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ...इस आरती के बिना अधूरी है गोवर्धन पूजा
Govarhan Puja Aarti, Shree Krishna Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi, ॐ जय गिरिराज हरे, Govardhan Puja 2024 ki Aarti PDF (गोवर्धन पूजा की आरती) Shri Giriraj Ji Ki Aarti Likhit Mein LIVE Updates: गोवर्धन पूजा का पर्व इस साल 2 नवंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन भक्तजन शुभ मुहूर्त में गोवर्धन भगवान की विधि विधान पूजा करते हैं। कहते हैं इस पूजा से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट त्योहार के नाम से भी जाना जाता है जो हर साल कार्तिक कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस त्योहार की खास रौनक मथुरा, गोकुल, बरसाना, नंदगांव में देखने को मिलती है। चलिए आपको बताते हैं गोवर्धन पूजा के दिन कौन सी दो आरती जरूर की जाती है।
Govardhan Puja Vidhi, Mantra
गोवर्धन पूजा की आरती (Govardhan Puja Aarti Lyrics)
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण ।
Govardhan Puja Katha In Hindi
श्री कृष्ण जी की आरती (Shri Krishna Ji Ki Aarti)
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
govardhan puja kaise ke jaati hai: गोवर्धन पूजा कैसे की जाती है
गोवर्धन पूजा करने के लिए शाम के समय घर के आंगन में या दरवाजे के बाहर वाले हिस्से में गोबर से लीपकर गोवर्धन भगवान की प्रतिमा बनाई जाती है. साथ ही, गाय और बैल आदि बनाते हैं. अब रोली, खीर, बताशे, चावल, जल, पान, केसर, दूध, फूल और दीपक पूजा सामग्री में शामिल करके गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती हैAarti Kunj Bihari Ki: आरती कुंज बिहारी की
गोवर्धन पूजा भजन (Govardhan Bhajan Lyrics)
मैं तो गोवर्धन कूँ जाऊं मेरे वीर,नाही माने मेरो मनवा,
मैं तो गोवर्धन कूँ जाऊं मेरे वीर,
सात कोस की है परिकम्मा,
मैं तो मानसी गंगा नहाऊं मेरे वीर
नाही माने मेरो मनवा,
मैं तो गोवर्धन कूँ जाऊं मेरे वीर,
सात सेर की करी रे करियां
मैं तो संतन न्यौंत जिमाऊं मेरे वीर
नाही माने मेरो मनवा,
मैं तो गोवर्धन कूँ जाऊं मेरे वीर,
चन्द्रसखी भज बालकृष्ण छवि,
मैं तो हरि दर्शन को पाऊँ मेरे वीर,
नाही माने मेरो मनवा,
मैं तो गोवर्धन कूँ जाऊं मेरे वीर,
Govardhan Puja Upay: गोवर्धन पूजा उपाय
गोवर्धन पूजा के दिन दूध, दही, शहद, शक्कर और घी से पंचामृत तैयार करें। इसमें गंगाजल और तुलसी अवश्य डालें। इसके बाद भगवान कृष्ण को शंख में भरकर यह पंचामृत अर्पित कर दें। कहते हैं ऐसा करने से संतान प्राप्ति की मनोकामना पूर्ण होती है।गोवर्धन बनाने की सरल विधि
गोवर्धन पूजा 2024 शुभ मुहूर्त (Govardhan Puja 2024 Shubh Muhurat)
गोवर्धन पूजा 2024 - 2 नवंबर 2024, शनिवार को है।गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त - 06:34 AM से 08:46 AM
गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त - 03:23 PM से 05:35 PM
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - 01 नवम्बर 2024 को 06:16 PM
प्रतिपदा तिथि समाप्त - 02 नवम्बर 2024 को 08:21 PM
Govardhan Puja Mantra: गोवर्धन पूजा मंत्र
श्रीगिर्रिराजधरणप्रभुतेरीशरण..गोवर्धन भगवान के आगे हाथ जोड़कर इस मंत्र का करें जाप। हर परेशानी से मिल जाएगी मुक्ति।अन्नकूट क्यों मनाया जाता है?
अन्नकूट उत्सव गोवर्धन पूजा के दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण को कई तरह के अन्न का मिश्रण भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। इसे ही अन्नकूट के नाम से जाना जाता है।Govardhan Puja Ke Din Kya Kare: गोवर्धन पूजा के दिन क्या करें
- गोवर्धन पूजा के दिन शरीर में तेल की मालिश करें। इसे बेहद ही शुभ माना गया है।
- इसके बाद भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें।
- गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण को 56 भोग लगाए जाने की भी परंपरा है।
- गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण की पूजा करने से पहले अपने घर के बाहर या घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाएं।
- गोवर्धन पूजा के दिन उत्तर पूर्व की दिशा में दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति हमेशा बनी रहेगी।
Krishna Ji Ki Aarti: कृष्ण जी की आरती
Govardhan Puja 2024 Muhurat Time: गोवर्धन पूजा का टाइम 2024
- गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024, शनिवार
- गोवर्धन पूजा प्रातः काल मुहूर्त 06:34 से 08:46
- गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त 03:23 PM से 05:35 PM
- प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ 01 नवम्बर 2024 को 06:16 PM
- प्रतिपदा तिथि समाप्त 02 नवम्बर 2024 को 08:21 PM
Govardhan Puja Ke Din Vishwakarma Puja: गोवर्धन पूजा के दिन होती है विश्वकर्मा पूजा
गोवर्धन पूजा के दिन कई जगह भगवान विश्वकर्मा की भी पूजा की जाती है। इस पूजा में लोग मुख्य रूप से कारखानों और मशीनों की पूजा करते हैं।Govardhan Puja Samagri: गोवर्धन पूजा की सामग्री
रोली, अक्षत, चावल, बताशा, नैवेद्य, मिठाई, गंगाजल, पान, फूल, खीर,सरसों के तेल का दीपक,गाय का गोबर गोवर्धन पर्वत की फोटो, दही, शहद, धूप-दीप, कलश, केसर, फूल की माला, कृष्ण जी की प्रतिमा या तस्वीर, गोवर्धन पूजा की कथा की किताब।Govardhan Puja Vidhi In Hindi: गोवर्धन पूजा विधि
- गोवर्धन पूजा सुबह या शाम किसी भी समय कर सकते हैं।
- इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की आकृति बनाकर उन्हें फूलों से सजाया जाता है।
- गोवर्धन की नाभि वाली जगह पर एक मिट्टी का दीपक रखा जाता है। फिर इस दीपक में दही, शहद, बताशे, दूध, गंगा जल आदि चीजें डाली जाती हैं और पूजा के बाद इसे प्रसाद रूप में सभी लोगों में बांट दिया जाता है।
- गोवर्धन की पूजा के समय लोटे से जल गिराते हुए और जौ बोते हुए सार बार परिक्रमा की जाती है।
- इसके अलावा इस दिन गाय, बैल और खेती में काम आने वाले पशुओं की भी विशेष पूजा होती है।
Govardhan Puja Mantra: गोवर्धन पूजा मंत्र
-गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
-लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।
घृतं वहति यज्ञार्थ मम पापं व्यपोहतु।।
-ॐ क्लीं कृष्णाय नमः
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