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किस तरह होती है गोवर्धन पूजा? जानिए इसकी पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ

गोवर्धन पूजा का पावन पर्व इस साल 2 नवंबर को मनाया जा रहा है। ऐसे में हम आपको यहां बताएंगे गोवर्धन पूजा कैसे की जाती है, इस पूजा में क्या-क्या सामान लगता है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।

किस तरह होती है गोवर्धन पूजा? जानिए इसकी पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ

किस तरह होती है गोवर्धन पूजा? जानिए इसकी पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ

दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा का त्योहार मनाया जाता है। जो इस साल 2 नवंबर 2024, शनिवार को मनाया जा रहा है। बता दें गोवर्धन पूजा की शुरुआत ब्रिज से हुई थी। फिर धीरे-धीरे पूरे भारत में ये त्योहार मनाया जाने लगा। इस दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन महाराज और गायों की विशेष रूप से पूजा होती है। इस दिन लोग अपने घर में गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाते हैं और फिर शुभ मुहूर्त में इसकी पूजा होती है। इस त्योहार के दिन भगवान को अलग-अलग व्यंजनों का भोग लगाया जाता है।

Govardhan Puja Katha In Hindi

गोवर्धन पूजा का टाइम 2024 (Govardhan Puja 2024 Muhurat Time)

  • गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024, शनिवार
  • गोवर्धन पूजा प्रातः काल मुहूर्त 06:34 से 08:46
  • गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त 03:23 PM से 05:35 PM
  • प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ 01 नवम्बर 2024 को 06:16 PM
  • प्रतिपदा तिथि समाप्त 02 नवम्बर 2024 को 08:21 PM

गोवर्धन पूजा मंत्र (Govardhan Puja Mantra)
-गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।
-लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।
घृतं वहति यज्ञार्थ मम पापं व्यपोहतु।।
-ॐ क्लीं कृष्णाय नमः

Govardhan Puja Mantra

गोवर्धन पूजा विधि (Govardhan Puja Vidhi In Hindi)

  • गोवर्धन पूजा सुबह या शाम किसी भी समय कर सकते हैं।
  • इस दिन गाय के गोबर से गोवर्धन महाराज की आकृति बनाकर उन्हें फूलों से सजाया जाता है।
  • गोवर्धन की नाभि वाली जगह पर एक मिट्टी का दीपक रखा जाता है। फिर इस दीपक में दही, शहद, बताशे, दूध, गंगा जल आदि चीजें डाली जाती हैं और पूजा के बाद इसे प्रसाद रूप में सभी लोगों में बांट दिया जाता है।
  • गोवर्धन की पूजा के समय लोटे से जल गिराते हुए और जौ बोते हुए सार बार परिक्रमा की जाती है।
  • इसके अलावा इस दिन गाय, बैल और खेती में काम आने वाले पशुओं की भी विशेष पूजा होती है।

Govardhan Puja 56 Bhog List

गोवर्धन पूजा की सामग्री (Govardhan Puja Samagri)
रोली, अक्षत, चावल, बताशा, नैवेद्य, मिठाई, गंगाजल, पान, फूल, खीर,सरसों के तेल का दीपक,गाय का गोबर गोवर्धन पर्वत की फोटो, दही, शहद, धूप-दीप, कलश, केसर, फूल की माला, कृष्ण जी की प्रतिमा या तस्वीर, गोवर्धन पूजा की कथा की किताब।

गोवर्धन पूजा के दिन होती है विश्वकर्मा पूजा (Govardhan Puja Ke Din Vishwakarma Puja)
गोवर्धन पूजा के दिन कई जगह भगवान विश्वकर्मा की भी पूजा की जाती है। इस पूजा में लोग मुख्य रूप से कारखानों और मशीनों की पूजा करते हैं।

गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट उत्सव (Govarhan Puja Or Annakut Utsav)
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन तरह-तरह के अन्न का भगवान को भोग लगाया जाता है। बहुत सी जगहों पर इस दिन पूड़ी और बाजरे की खिचड़ी भी तैयार की जाती है।

गोवर्धन पूजा की आरती (Govardhan Puja Aarti Lyrics)
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण ।

Feb 24, 2025 | 01:00 PM IST

govardhan puja kaise ke jati hai: गोवर्धन पूजा कैसे की जाती है

गोवर्धन पूजा करने के लिए शाम के समय घर के आंगन में या दरवाजे के बाहर वाले हिस्से में गोबर से लीपकर गोवर्धन भगवान की प्रतिमा बनाई जाती है. साथ ही, गाय और बैल आदि बनाते हैं. अब रोली, खीर, बताशे, चावल, जल, पान, केसर, दूध, फूल और दीपक पूजा सामग्री में शामिल करके गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है।
Feb 24, 2025 | 01:03 PM IST

गोवर्धन पूजा के दिन क्या करें? (What to do on the day of Govardhan Puja)

सूर्य देव को जल अर्पित करें।
ब्रह्मचर्य नियम का पालन करें।
सात्विक भोजन का सेवन करें।
भगवान श्रीकृष्ण के नामों का जप करें।
गोवर्धन पर्वत की विशेष पूजा-अर्चना करें।
श्रद्धा अनुसार गरीबों में दान करें।
भगवान श्रीकृष्ण को 56 भोग अर्पित करें।
गायों की पूजा करना शुभ होता है।
Feb 24, 2025 | 01:07 PM IST

गोवर्धन पूजा का टाइम 2024 : Govardhan puja ka time 2024

दोपहर 03 बजकर 23 मिनट से 05 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
Feb 24, 2025 | 12:59 PM IST

गोवर्धन पूजा मंत्र 2024 (Govardhan Puja Mantra 2024)

गोवर्धन पूजा के दिन आराधना के दौरान भगवान गोवर्धन के 'ओं नमो भगवते वासुदेवाय। गोवर्धनाय नमः।', 'ॐ श्री गोवर्धनाय नमः।', 'पातालं गच्छ गोवर्धन पर्वतं, तत्र कृता धर्मार्जितानि पुण्यानि।' आदि मंत्रों का जाप करें।
Feb 24, 2025 | 12:58 PM IST

Krishna Mantra (कृष्ण मंत्र)''श्री कृष्णाय वयं नुम:

सच्चिदानंदरूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे।

तापत्रयविनाशाय श्रीकृष्णाय वयं नुम:।।

ॐ देविकानन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात”
Feb 24, 2025 | 01:10 PM IST

Govardhan Puja Katha: गोवर्धन पूजा कथा

गोवर्धन पूजा की कथा अनुसार एक बार देव राज इंद्र को अपनी शक्तियों पर बहुत ज्यादा घमंड हो गया था। तब भगवान कृष्ण ने उनके अहंकार को तोड़ने के लिए एक योजना बनाई। एक बार गोकुल में जब सभी लोग तरह-तरह के पकवान बना रहे थे और हर्षोल्लास के साथ नृत्य-संगीत कर रहे थे। तब भगवान कृष्ण ने अपनी मां यशोदा जी कहा कि आप लोग कौन किस उत्सव की तैयारी में लगे हैं? इस पर मां यशोदा ने कहा कि, बेटा हम देव राज इंद्र की पूजा कर रहे हैं। भगवान कृष्ण ने अपनी माता से भगवान इंद्र की पूजा करने का कारण पूछा। यशोदा मैया ने उन्हें बताया कि, भगवान इंद्र की कृपा से ही हम सभी को अच्छी बारिश मिलती है जिससे हमारे अन्न की पैदावार अच्छी होती है। माता की बात सुनकर भगवान कृष्ण ने कहा कि अगर ऐसा है तब तो हमें गोवर्धन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि यही हमारी गाय चारा चरने जाती हैं और वहां पर लगे पेड़-पौधों की वजह से ही यहां अच्छी बारिश होती है। भगवान कृष्ण की ये बात गोकुल वासियों को सही लगी। तब सभी इंद्र देव की बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा में लग गए। जब इंद्र देव को इस बात का पता चला कि गोकुल के लोग उनकी जगह गोवर्धन की पूजा कर रहे है तो उनके बड़ा क्रोध आया। इंद्र देव को ये बात अपमान की तरह प्रतीत हुई। तब उन्होंने अपमान का बदला लेने के लिए मूसलाधार बारिश करनी शुरू कर दी। यह बारिश इतनी विनाशकारी थी कि गोकुल वासियों के घर उजड़ गए। तब भगवान कृष्ण ने सभी को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊँगली पर उठाया। जिसके बाद सभी गांव वाले और जावनर इसके नीचे आकर खड़े हो गए।

भगवान इंद्र ने 7 दिनों तक भयंकर बारिश की। लेकिन भगवान कृष्ण के द्वारा उठाए गए गोवर्धन पर्वत के नीचे रहने की वजह से किसी का बाल भी बांका नहीं हुआ। तब भगवान इंद्र को इस बात का अहसास हुआ कि उनका मुकाबला किसी सामान्य पुरुष से नहीं है। ऐसे में जब उन्हें भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री कृष्ण के बारे में पता चला तो उन्होंने क्षमा याचना मांगी और मुरलीधर की पूजा करके उन्हें इंद्र देव ने भोग भी लगाया। कहते हैं तब से ही गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई।
Feb 24, 2025 | 01:04 PM IST

Govardhan Puja Bhog: गोवर्धन पूजा भोग

गोवर्धन पूजा में चावल, खीर, पूड़ी, सब्जियां, कढ़ी और तरह-तरह के व्यंजन शामिल किए जाते हैं और भोग लगाने के बाद प्रसाद के तौर पर सभी में इन चीजों को बांटा जाता है।
Feb 24, 2025 | 01:01 PM IST

गोवर्धन के गीत (Govardhan Ke Geet)

छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज
गोवर्धन महाराज, हमारे प्रभु गोवर्धन महाराज,
छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज
मानसी मानसी गंगा को असनान,
धरो फिर चकलेश्वर को ध्यान,
दान घाटी में दही को दान,
करो परिक्रमा की तैयारी है गोवर्धन महाराज,
छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज
इंद्र को मन मर्दन कीन्हो डूबत बृज को बचाय लीन्हो,
प्रकट भये है दर्शन दीन्हो श्री नटवर की महिमा न्यारी है,
गोवर्धन महाराज
छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज
भक्त जन पड़े रहे चहुँ और,
संतजन पड़े रहे चहुँ और,
देख के ध्यान धरे नित घोर,
शिखर के ऊपर नाचत मोर,
कर रहे हैं बृज की रखवारी है गोवर्धन महाराज,
छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज
धन्य जो बात करें गिरिराज,
सिद्ध हो उनके बिगरे काज,
लाज भक्तन की रखे गिरिराज,
श्याम तेरे चरणन की बलिहारी है गोवर्धन महाराज,
छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज
मानसी गंगा श्री हरिदेव गिरीवर की परिक्रमा देव,
छँटा तेरी तीन लोक से न्यारी है गोवर्धन महाराज
Feb 24, 2025 | 01:08 PM IST

Govardhan Puja Vidhi: गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है?

गोवर्धन पूजा के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है।
Feb 24, 2025 | 01:08 PM IST

Govardhan Ko Kis Disha Me Banana Chahiye: गोवर्धन को किस दिशा में बनाना चाहिए

गोवर्धन भगवान को इस तरह से बनाएं जिससे उनका मुंह पश्चिन दिशा की तरफ रहे।
Feb 24, 2025 | 01:12 PM IST

गोवर्धन पूजा की आरती (Govardhan Puja Aarti Lyrics)

श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम ।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ ।
गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण ।
Feb 24, 2025 | 01:09 PM IST

Govardhan Kaise Banaye Gobar Se: गोवर्धन कैसे बनाएं गोबर का

Govardhan Kaise Banaye Gobar Se गोवर्धन कैसे बनाएं गोबर का
Feb 24, 2025 | 01:09 PM IST

Govardhan Puja Shlok: गोवर्धन पूजा श्लोक

गोवर्द्धनधराधार गोकुलत्राणकारक। विष्णुबाहुकृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रदो भव॥ या लक्ष्मीर्लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता। घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु॥ अग्रतः सन्तु मे गावो गावो मे सन्तु पृष्ठतः। गावो मे हृदये सन्तु गवां मध्ये वसाम्यहम् ॥ अर्थात- पृथ्वी को धारण करने वाले गोवर्धन आप गोकुल की रक्षा करने वाले हैं। भगवान विष्णु ने अपनी भुजाओं से आपको ऊंचा उठाया था। आप मुझे कोटी गोदान देने वाले हो लोकपालों की जो लक्ष्मी यहां धेनुरूप से विराज रही है और यज्ञ के लिए घृत का भार वहन करती है, वह मेरे पापों को दूर करें. गायें मेरे आगे हों, गायें मेरे पीछे हों, गायें मेरे हृदय में हों और मैं सदा गायों के मध्य में निवास करूं।’
Feb 24, 2025 | 12:57 PM IST

Govardhan puja samagri list: गोवर्धन पूजा में क्या क्या सामग्री चाहिए?

गोवर्धन पूजा के लिए थाली, रोली, अक्षत, बताशा, गंगाजल, पान, फूल, दही, शहद, फूल की माला, खीर, सरसों के तेल का दीपक, धूप-दीप, कलश, केसर, नैवेद्य, मिठाई, गाय का गोबर, गोवर्धन पर्वत की फोटो, श्रीकृष्ण की प्रतिमा या तस्वीर, गोवर्धन पूजा की कथा की किताब।
Feb 24, 2025 | 01:02 PM IST

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा का त्योहार कहां-कहां मनाया जाता है

गोवर्धन पूजा के त्योहार को प्रकृति और मानव से जोड़कर देखा जाता है। यह प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाता है। वैसे तो ये त्योहार पूर उत्तर भारत में मनाया जाता है। लेकिन इसकी खास रौनक मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल, बरसाना में देखने को मिलती है।
Feb 24, 2025 | 01:06 PM IST

गोवर्धन बनाने की सरल विधि

गोवर्धन बनाने की सरल विधि
Feb 24, 2025 | 12:58 PM IST

अन्नकूट या गोवर्धन की पूजा विधि (Govardhan Puja Vidhi)

गोवर्धन पूजा के दिन भगवान वरुण और अग्नि की पूजा का विधान बताया गया है। इस दिन लोग गायों का श्रृंगार करके उनकी आरती उतारते हैं और उन्हें फल, फूल, मिठाइयां खिलाते हैं। इसके बाद घर पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है। फिर गोवर्धन जी की विधि विधान पूजा की जाती है। इस दिन घरों में अलग-अलग तरह के पकवान बनाए जाते हैं। जिन्हें गोवर्धन भगवान को अर्पित किया जाता है।
Feb 24, 2025 | 01:03 PM IST

गोवर्धन पूजा का टाइम 2024 (Govardhan Puja 2024 Muhurat Time)

  • गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024, शनिवार
  • गोवर्धन पूजा प्रातः काल मुहूर्त 06:34 से 08:46
  • गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त 03:23 PM से 05:35 PM
  • प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ 01 नवम्बर 2024 को 06:16 PM
  • प्रतिपदा तिथि समाप्त 02 नवम्बर 2024 को 08:21 PM
Feb 24, 2025 | 01:02 PM IST

गोवर्धन पूजा की विधि- Govardhan pooja ke vidhi

गोवर्धन पूजा पर गाय, भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा का विशेष महत्व होता है। गोवर्धन पूजा करने के लिए आप सबसे पहले घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाएं। इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें।
Feb 24, 2025 | 01:04 PM IST

Can we Eat nonveg on govardhan pooja: गोवर्धन के दिन नॉनवेज खा सकते हैं

नहीं, गोवर्धन पूजा के दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन तामसिक चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए. गोवर्धन पूजा के दिन सात्विक भोजन करना चाहिए।
Feb 24, 2025 | 01:10 PM IST

गोवर्धन पूजा पर अन्नकूट का भोग

गोवर्धन पूजा को अन्नकूट त्योहार के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को कई तरह के अन्न, फल और सब्जियों से बने पकवान का भोग लगाया जाता है। अन्नकूट का भोग बनाने के लिए कई तरह की सब्जियां, दूध और मावे से बने मिष्ठान और चावल का प्रयोग किया जाता है। अन्नकूट में ऋतु संबंधी अन्न, फल, सब्जियां का प्रसाद बनाया जाता है। इस अन्नकूट को पहाड़ सा बनाकर भगवान कृष्ण को समर्पित किया जाता है। इसके बाद सभी को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
Feb 24, 2025 | 01:11 PM IST

गोवर्धन पूजा मुहूर्त 2024 (Govardhan Puja Muhurat 2024)

गोवर्धन पूजा का प्रातःकाल मुहूर्त 2 नवंबर की सुबह 06:34 से 08:46 तक रहेगा। वहीं गोवर्धन पूजा सायाह्नकाल मुहूर्त दोपहर 3:23 से शाम 5:35 बजे तक रहेगा।
Feb 24, 2025 | 01:11 PM IST

Govardhan Puja 2024 Shubh Muhurat (गोवर्धन पूजा 2024 शुभ मुहूर्त)

गोवर्धन पूजा हर वर्ष कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मनाई जाती है। इस साल इस तिथि की शुरुआत 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होगी और इसका समापन 2 नवंबर 2024 को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में ये पर्व 2 नवंबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:34 से 08:46 तक रहेगा। वहीं दूसरा मुहूर्त दोपहर 03:23 से 05:35 तक रहने वाला है।
Feb 24, 2025 | 01:05 PM IST

गोवर्धन पूजा के दिन क्या करते हैं (Govardhan Puja Kaise Manate Hai)

गोवर्धन पूजा का त्योहार प्रकृति और भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होता है। ऐसे में इस मौके पर देशभर के मंदिरों में धार्मिक आयोजन होते हैं और जगह-जगह भंडारे होते हैं। पूजन के बाद लोगों में भोजन प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। इसके अलावा इस दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाने का भी बड़ा महत्व है। मान्यता है इससे कृष्ण भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
Feb 24, 2025 | 01:07 PM IST

Govardhan Puja Mantra (गोवर्धन पूजा मंत्र)

गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव।।

लक्ष्मीर्या लोकपालानां धेनुरूपेण संस्थिता।
घृतं वहति यज्ञार्थ मम पापं व्यपोहतु।।
Feb 24, 2025 | 01:05 PM IST

govardhan puja kaise karen: गोवर्धन पूजा कैस करें

गोवर्धन पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें।
फिर शुभ मुहूर्त में गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं और साथ ही पशुधन यानी गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बनाएं।
इसके बाद धूप-दीप आदि से विधिवत पूजा करें।
भगवान कृष्ण को दुग्ध से स्नान कराने के बाद उनका पूजन करें।
इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाएं।
Feb 24, 2025 | 01:03 PM IST

govardhan puja kis liye manaya jata hai: गोवर्धन पूजा किस लिए मनाया जाता है

गोवर्धन पूजा करने के पीछे धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण इंद्र का अभिमान चूर करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुल वासियों की इंद्र से रक्षा की थी।
Feb 24, 2025 | 01:01 PM IST

गोवर्धन पूजा की कथा (Govardhan Puja Katha)

गोवर्धन पूजा की पौराणिक कथा के अनुसार द्वापर युग में एक बार देवराज इंद्र को अपने ऊपर अभिमान हो गया था। इंद्र का अभिमान चूर करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने एक अद्भुत लीला रची। श्री कृष्ण में देखा कि एक दिन सभी बृजवासी उत्तम पकवान बना रहे थे और किसी पूजा की तैयारी में व्यस्त थे। इसे देखते हुए कृष्ण जी ने माता यशोदा से पूछा कि यह किस बात की तैयारी हो रही है?

कृष्ण की बातें सुनकर यशोदा माता ने बताया कि इंद्रदेव की सभी ग्राम वासी पूजा करते हैं जिससे गांव में ठीक से वर्षा होती रहे और कभी भी फसल खराब न हो और अन्न धन बना रहे। उस समय लोग इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए अन्नकूट (अन्नकूट का महत्व)चढ़ाते थे। यशोदा मइया ने कृष्ण जी को यह भी बताया कि इंद्र देव की कृपा से ही अन्न की पैदावार होती है और उनसे गायों को चारा मिलता है। इस बात पर श्री कृष्ण ने कहा कि फिर इंद्र देव की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा होनी चाहिए क्योंकि गायों को चारा वहीं से मिलता है। इंद्रदेव तो कभी प्रसन्न नहीं होते हैं और न ही दर्शन देते हैं। इस बात पर बृज के लोग इंद्र देव की जगह गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। यह देखकर इंद्र देव क्रोधित हुए और उन्होंने मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। इंद्रदेव ने इतनी वर्षा की कि उससे बृज वासियों को फसल के साथ काफी नुकसान हो गया। ब्रजवासियों को परेशानी में देखकर श्री कृष्ण ने अपनी कनिष्ठा उंगली पर पूरा गोवर्धन पर्वत उठा लिया और सभी ब्रजवासियों को अपने गाय और बछड़े समेत पर्वत के नीचे शरण लेने के लिए कहा। इस बात पर इंद्र कृष्ण की यह लीला देखकर और क्रोधित हो गए और उन्होंने वर्षा की गति को और ज्यादा तीव्र कर दिया। तब श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से कहा कि आप पर्वत के ऊपर विराजमान होकर वर्षा की गति को नियंत्रित करें और शेषनाग से कहा आप मेड़ बनाकर पानी को पर्वत की ओर आने से रोकें।

इंद्र लगातार सात दिन तक वर्षा करते रहे तब ब्रह्मा जी ने इंद्र से कहा कि श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं और उन्हें कृष्ण जी की पूजा की सलाह दी। ब्रह्मा जी की बात सुनकर इंद्र ने श्री कृष्ण से क्षमा मांगी और उनकी पूजा करके अन्नकूट का 56 तरह का भोग लगाया। तभी से गोवर्घन पर्वत पूजा की जाने लगी और श्री कृष्ण को प्रसाद में 56 भोग चढ़ाया जाने लगा।
Feb 24, 2025 | 01:00 PM IST

govardhan ke puja kaise hoti hai: गोवर्धन की पूजा कैसे होती है

जा में गोवर्धन भगवान की परिक्रमा करते हैं, आरती की जाती है और भोग लगाकर प्रसाद सभी में वितरित किया जाता है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है. इस दिन खाद्य सामग्रियों से पर्वत बनाकर भगवान श्रीकृष्ण के समक्ष अर्पित किया जाता है. इसे अन्न का पर्वत भी कहते हैं।
Feb 24, 2025 | 12:59 PM IST

Govardhan Puja Or Annakut Puja: अन्नकूट क्यों मनाया जाता है?

अन्नकूट उत्सव गोवर्धन पूजा के दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान कृष्ण को कई तरह के अन्न का मिश्रण भोग के रूप में भगवान कृष्ण को चढ़ाया जाता है।
Feb 24, 2025 | 12:58 PM IST

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा कैसे मनाई जाती है?

गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से गोवर्धन बनाये जाते हैं। उन्हें फूलों से सजाया जाता है और सुबह और शाम के दौरान उनकी पूजा की जाती है। पूजा के बाद गोवर्धन जी की सात बार परिक्रमा और उनकी जय की जाती है।
Feb 24, 2025 | 01:06 PM IST

गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है

ऐसी मान्यता है गोवर्धन पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धन, संतान और गौ रस की वृद्धि होती है।
Feb 24, 2025 | 01:01 PM IST

गोवर्धन पूजा में क्या क्या सामग्री चाहिए?

गाय का गोबर, रोली, मौली, अक्षत, कच्चा दूध, फूल, धूप, दीपक, नैवेद्य, फल, मिठाई, दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, फूलों की माला, गन्ने, बताशे, चावल, मिट्टी का दिया,भगवान् कृष्ण की प्रतिमा।
Feb 24, 2025 | 01:08 PM IST

Govardhan Puja Vidhi 2024: गोवर्धन पूजा का क्या अर्थ है?

गोवर्धन पूजा का अर्थ होता है गोवर्धन की पूजा। इस दिन गोधन या गायों के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धा प्रकट करने के लिए गोवर्धन की पूजा की जाती है। इसे दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है।

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