Gupt Navratri Katha: आज से गुप्त नवरात्रि शुरू, अगर रख रहे हैं व्रत तो जरूर पढ़ें ये कथा

Gupt Navratri Katha In Hindi: जिस प्रकार चैत्र और शारदीय नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है। ठीक वैसे ही गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की साधना की जाती है। यहां जानिए गुप्त नवरात्रि की व्रत कथा।

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Gupt Navratri Vrat Katha In Hindi

Gupt Navratri Katha In Hindi: सनातन धर्म में माघ गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व माना जाता है। जो इस बार 10 फरवरी से शुरू हो रही है और इसकी समाप्ति 18 फरवरी को होगी। इस दौरान साधक दस महाविद्याओं मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, मां बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की अराधना करते हैं। ये नवरात्रि विशेष रूप से तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना आदि से जुड़े लोगों के लिए महत्वपूर्ण होती है। जानिए गुप्त नवरात्रि की पावन कथा।

Gupt Navratri Vrat Katha In Hindi

गुप्त नवरात्रि से जुड़ी प्राचीन कथा के अनुसार एक समय ऋषि श्रृंगी भक्तजनों को दर्शन दे रहे थे। तभी अचानक से भीड़ में से एक स्त्री निकलकर आई और करबद्ध होकर ऋषि श्रृंगी से बोली कि मेरे पति दुर्व्यसनों से हमेशा घिरे रहते हैं जिस कारण मैं पूजा-पाठ नहीं कर पाती हूं। इतना ही नहीं मैं धर्म और भक्ति से जुड़े पवित्र कार्यों का संपादन भी नहीं कर पाती।

साथ ही ऋषियों को उनके हिस्से का अन्न भी अर्पित नहीं कर पाती। मेरे पति मांसाहारी हैं, जुआरी है, लेकिन मैं मां दुर्गा की भक्ति और सेवा करना चाहती हूं और उनकी साधना से अपने परिवार के जीवन को सफल बनाना चाहती हूं।

ऋषि श्रृंगी महिला की भक्ति से बहुत प्रभावित हुए। ऋषि ने स्त्री को उपाय बताते हुए कहा कि वासंतिक और शारदीय नवरात्रों से तो आम जनमानस परिचित हैं, लेकिन इसके अतिरिक्त भी 2 नवरात्र और होते हैं जिन्हें 'गुप्त नवरात्रि' के नाम से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रकट नवरात्रों में 9 देवियों की उपासना होती है तो गुप्त नवरात्रों में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है।

गुप्त नवरात्रों की प्रमुख देवी स्वरूप का नाम सर्वैश्वर्यकारिणी देवी है। जो भी भक्त इन गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा-अर्चना करता है, तो उसका जीवन जरूर सफल होता है। ऋषि श्रृंगी आगे कहते हैं कि लोभी, कामी, व्यसनी, मांसाहारी और पूजा-पाठ न कर सकने वाला भी यदि गुप्त नवरात्री के दौरान माता की पूजा करता है, तो उसे जीवन में कुछ और करने की जरूरत नहीं होती।

ऋषि श्रृंगी के वचनों को सुन उस स्त्री ने पूर्ण श्रद्धा से गुप्त नवरात्रि की पूजा की। मां स्त्री के भक्ति भाव से प्रसन्न हुईं और जिससे उसके जीवन में परिवर्तन आने लगा। देखते ही देखते उसके घर में सुख-शांति आ गई और पति भी सही रास्ते पर आ गया। इस तरह से गुप्त नवरात्रि में माता की अराधना करने से स्त्री के घर में खुशहाली आ गई।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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