Gupt Navratri Ka Rahasya: गुप्त नवरात्रि का रहस्य, जानें इस दौरान क्या करते हैं

Gupt Navratri Ka Rahasya: चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के बारे में तो सभी जानते हैं लेकिन गुप्त नवरात्रि का कम ही लोगों को पता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये नवरात्रि गुप्त साधना के लिए ही होती है। इस नवरात्रि में साधक 10 महाविद्या की पूजा करते हैं। जानिए गुप्त नवरात्रि का रहस्य क्या है।

Gupt Navratri Ka Rahasya

Gupt Navratri Ka Rahasya In Hindi: गुप्त मतलब गोपनीय यानी छुपी हुयी। एक ऐसी आराधना जिसमें माता की अलग तरह की तांत्रिक पूजा की जाती है। मुख्य नवरात्र में शैलपुत्री से सिद्धिदात्री तक की पूजा की जाती है तो वहीं गुप्त नवरात्रि में काली, तारादेवी, त्रिपुर सुंदरी, धूमवती, बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी के तांत्रिक स्वरूपों में माता की जाती है। मुख्य नवरात्र में पूजा का समय सामान्यतया दिन में होता है वहीं गुप्त नवरात्र में रात्रि में तांत्रिक साधनाएं की जाती हैं। इस साल माघ गुप्त नवरात्र 10 फरवरी से 18 फरवरी तक रहेगी।

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गुप्त नवरात्रि का रहस्य

बंगलामुखी उपासना के लिए गुप्त नवरात्र का समय सर्वश्रेष्ठ होता है। इस नवरात्र में पीत वस्त्रों में एकांत स्थान में बंगलामुखी पूजा बहुत ही नियम पूर्वक और कठोर अनुशासन में की जाती है। प्रायः मुख्य नवरात्र एक गृहस्थ पूजा है। कोई भी आसानी से नियमित सरल तरीके से माता की पूजा कर सकता है लेकिन गुप्त नवरात्र में किसी विशेष सिद्धि की प्राप्ति माता की पूजा की जाती है। इसको नियम से पालन करना और रात्रि जागरण और विभिन्न तांत्रिक साधनाएं बहुत ही अनुष्ठान पूर्वक की जाती हैं। इस तरह से ये साधना आम साधना से कठिन होती है।

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इस पूजा में नव ग्रह का मंत्र भी पढ़ेंगे तो तांत्रिक साबर जैसे मंत्र भी इसी गुप्त नवरात्र में ही सिद्ध होते है। इसके अलावा प्रत्यंगरा की पूजा भी इसी नवरात्रि में होती है। (Also Read- गुप्त नवरात्रि 2024 कब से शुरू हो रही है, जानिए घटस्थापना मुहूर्त)

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