Guru Nanak Jayanti 2023: पढ़ें गुरु नानक देव जी की जीवनी व इतिहास, कैसे रखी सिख धर्म की नींव

Guru Nanak Dev Ji History (गुरु नानक देव जी की जीवनी): श्री गुरुनानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। इस दिन को गुरु पूरब और गुरु नानक जयंती के तौर पर भी मनाया जाता है। यहां देखें गुरु नानक देव जी से जुड़ा इतिहास और उनकी जीवनी।

Guru Nanak Jayanti 2023: पढ़ें गुरु नानक देव जी की जीवनी व इतिहास, कैसे रखी सिख धर्म की नींव
Guru Nanak Dev Ji History (गुरु नानक देव जी की जीवनी): हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन, सिख धर्म के संस्थापक और प्रथम गुरु, श्री गुरुनानक देव जी की जन्म जयंती के रूप में मनाया जाता है। इस साल गुरु नानक जयंती 8 नवंबर को मनाई जानी है। इस पावन दिन को प्रकाश पर्व, गुरु पर्व या फिर गुरु पूरब के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष ये जयंती नानक देव की 553वीं जन्म जयंती है। इस दिन हर जगह सिख धर्म के लोग इस पर्व को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। जगह जगह भजन-कीर्तन होता है, प्रभात फेरियां निकलती है, गुरुद्वारों में गुरुवाणी सुनाई जाती है, गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है तथा बड़े पैमाने पर लंगर खिलाने का प्रबंध होता है। न केवल सिख धर्म के लिए बल्कि पूरी समाज के लिए नानक देव ने एक धर्म गुरु के रूप में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
ऐसा था नानक देव का शुरुआती जीवन
गुरुनानक देव जी का जन्म साल 1469 में कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन हुआ था। पाकिस्तान के एक किसान परिवार में जन्में श्री नानक देव की जन्मस्थली को ननकाना साहिब कहते हैं। उनके पिता का नाम मेहता कालू और माता का नाम तृप्ता था और वे तलवंडी गांव में पटवारी के रूप में काम करते थे। बाबा नानक के मां-बाप हिंदू खतरी समाज से ताल्लुक रखते थे। उन्होंने 1487 में सुलखनी नाम की लड़की से शादी की थी। जिससे उन्हें श्रीचंद और लक्ष्मीचंद नाम के दो बेटे हुए थे।
कहा जाता हैं कि नानक देव जी 5 साल की उम्र से ही अध्यात्म से जुड़ाव महसूस करने लगे थे। और उनका 13 साल की उम्र में ही उपनयन संस्कार हो गया था। बचपन से ही धर्म की राह और आत्मा के चिंतन की राह पर निकल गए थे। सांसारिक मोह और रुकावटों/बंधनों की बेड़ियां तोड़कर। उन्होंने एक संत, गुरु और समाज सुधारक के रूप में जीवन व्यतीत करने का रास्ता चुना। और अपना पूरा जीवन, समाज और प्राणी मात्र के लिए समर्पित कर दिया था।
ऐसे रखी गई थी सिख धर्म की नींव
गुरु नानक ने 1500CE में सिख धर्म की स्थापना की तथा वे अपने आत्मज्ञान और मोक्ष के उपदेश से समाज के लिए मार्गदर्शक बने। उन्होंने हिंदू और इस्लाम दोनों धर्मों के विश्वासों से अलग एक समुदाय और सोच तैयार की थी। नानक देव ने करीब 30 सालों तक भारत, तिब्बत और अरब जैसे देशों में आध्यात्मिक यात्राएं संपन्न की। तथा ईश्वर, जीवन, जन्म, मरण के मुद्दों पर अपने विचारों के आधार पर लोगों को उपदेश देने लगे। सिख धर्म के 10 गुरुओं में गुरु नानक देव जी का नाम सबसे पहले आता है। गुरुनानक देव ने इक ओंकार यानी की एक ईश्वर होने की बात समझाई थी। साथ ही उन्होंने हमेशा ही आत्मा के परमात्मा से मिलन की बात और गुरु ईश्वर की उपासना करने की सीख दी है।
गुरु नानक देव से सीखें ये बातें
  • ईश्वर एक है और वो हर जगह, हर प्राणी मात्र में मौजूद है।
  • भगवान की भक्ति करने वालों को कभी किसी चीज का डर नहीं लगता।
  • ईमानदारी और मेहनत से किया हुआ काम ही, सफल होता है।
  • कभी किसी के साथ न बुरा करें और न ही किसी का बुरा सोचें।
  • स्त्री-पुरुष, रंगभेद, जाति का फर्क करना गलत है। हर प्राणी बराबर है।
  • हर परिस्थिति को स्वीकारें और खुश रहें।
  • ज्ञान, सहनशक्ति और लगन ही इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है।
गुरु नानक देव जी को, उनके महान उपदेशों को याद करते हुए, उनके जन्म के अवसर पर गुरु नानक जयंती का जश्न मनाया जाता है।
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मेधा चावला author

हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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