Guru Nanak Ji Ke Updesh: गुरु नानक जयंती के दिन पढ़ें गुरु नानक जी के ये खास उपदेश, जीवन में भर जाएगी रोशनी

Guru Nanak Ji Ke Updesh: गुरु नानक जयंती का पर्व हर साल कार्तिक महीने की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस अवसर पर गुरु नानक जी के खास उपदेशों को पढ़ने से जीवन में नई ऊर्जा आती है। आइए यहां पढ़ें गुरु नानक जी के अनमोल विचार।

Guru Nanak Ji Ke Updesh

Guru Nanak Ji Ke Updesh

Guru Nanak Ji Ke Updesh: गुरु नानक देव सिख धर्म के पहले संस्थापक माने जाते हैं। इन्होंने ने ही इस धर्म की स्थापना की थी। गुरु नानक जी का जन्म कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर हुआ था, इसलिए हर साल इस तिथि पर गुरु नानक जी की जयंती मनाई जाती है। इस दिन को गुरु पर्व के नाम से भी जाना जाता है। गुरु नानक जयंती का दिन सिख समुदाय के लिए बहुत खास तरीके से मनाते हैं। गुरु नानक जी ने समाज को बहुत से उपदेशा दिए। उन्होंने समाज को एकता के सूत्र में बांधने का भी काम किया। गुरु नानक जी की जयंती पर गुरु नानक जी के उपदेश को पढ़ना और जानने से जीवन में सकारात्मकता आती है। आइए यहां पढ़ें गुरु नानक जी के खास उपदेश।

Manikarnika Snan On Dev Diwali 2024

Guru Nanak Ji Ke Updesh (गुरु नानक जी के उपदेश)

  1. अहंकार मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन होता है इसलिए कभी भी व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए।
  2. लोगों में आपस में प्रेम, एकता और भाईचारा होनी चाहिए।
  3. तनाव मुक्त रहकर अपने काम को निरंतर करते रहना चाहिए और हमेशा खुश रहना चाहिए।
  4. अपनी कमाई का 10वां हिस्सा परोपकार के लिए और अपने समय का 10वां हिस्सा प्रभु भक्ति में लगाना चाहिए।
  5. ईश्वर की उपासना करने वाले लोगों को कभी किसी से डरने की जरुरत नहीं पड़ती है।
  6. कभी भी किसी का बुरा करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए ना ही कोई बुरा काम करना चाहिए।
  7. गुरु नानक देव अनुसार कभी भी किसी महिला का अपमान नहीं करना चाहिए।
  8. हमें कभी भी किसी दूसरे का हक नहीं छीनना चाहिए। हमेशा अपनी मेहनत का खाना चाहिए।
  9. पैसे का स्थान हमेशा जेब में होना चाहिए। उसे कभी भी दिल से लगाकर नहीं रखना चाहिए।
  10. मानव जीवन का सबसे पहला उपदेश होता है कि आप अच्छे कर्म करे।
Guru Nanak Ji Updesh Importance (गुरु नानक जी के उपदेश का महत्व)गुरु नानक जी ने अपने उपदेशाों में समाज को और जीवन को सही तरीके चलाने की बात कही है। इनकी शिक्षा का मूल उद्देदश्य समाज को एकता के बंधन में बांधकर रखना था। गुरु नानक जी ने अपने जीवन काल में जात- पात को समाप्त करने के लिए भी बहुत से कदम उठाए हैं। उन्होंने ही गुरुद्वारे में लंगर की व्यवस्था की शुरुआत की थी। जिसके द्वारा हर जाति और वर्ग के लोग एक- साथ बैठकर भोजन कर सकें।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

जयंती झा author

बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited