Guru Pradosh Vrat Katha: यहां पढ़े गुरु प्रदोष व्रत की सिद्ध कथा, विस्तार से जानें प्रदोष व्रत की कहानी और महत्व

Guru Pradosh 2023 Vrat Katha in Hindi (गुरु प्रदोष व्रत कथा): हर महीने दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है, प्रदोष व्रत में जातक भगवान शिव की आराधना करते हैं। प्रदोष का व्रत वार से भी रखा जाता है, आज गुरुवार है और आज के दिन को गुरु प्रदोष के रूप मनाया जाता है। यहां देखें गुरु प्रदोष के इस सिद्ध व्रत की कथा।

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Guru Pradosh 2023 Vrat Katha in Hindi (गुरु प्रदोष व्रत कथा): सनातन धर्म में एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु का और प्रदोष की तिथि को भगवान शिव का पूजन करने से विशेष लाभ मिलते हैं। गुरुवार को पड़ रहे गुरु प्रदोष को गुरुवार प्रदोष भी कहते हैं। इस दिन भगवान शिव का विधिवत पूजन करने से बृहस्पति ग्रह का कुंडली पर बहुत ही शुभ प्रभाव पड़ता है। गुरु प्रदोष के दिन व्रत रखने से पितरों को भी शांति मिलती है, और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। पंचांग के अनुसार भी प्रदोष व्रत का गहरा महत्व होता है, इस दिन शत्रु और अन्य खतरों के विनाश के लिए विशेष पूजा होती है। और इस व्रत को रखने से सफलता मिलती है, इसी के साथ यहां देखिए गुरु प्रदोष व्रत की पौराणिक कथा हिंदी में।
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Guru Pradosh Vrat Katha in Hindi - गुरु प्रदोष की कहानी

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