Guru Pradosh Vrat Katha In Hindi: गुरु प्रदोष व्रत कथा हिंदी में यहां देखें

Guru Pradosh Vrat Katha In Hindi (गुरु प्रदोष व्रत कथा): पौराणिक कथा अनुसार राक्षस वृत्रासुर पर जीत हासिल करने के लिए इन्द्र देव ने गुरुदेव बृहस्पति के कहने पर ये व्रत रखा था। यहां पढ़ें गुरु प्रदोष व्रत की कथा (Guruwar Pradosh Vrat Katha)।

Guru Pradosh Vrat Katha In Hindi: गुरु प्रदोष व्रत कथा

Guru Pradosh Vrat Katha In Hindi (गुरु प्रदोष व्रत कथा): प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। हिंदू धर्म में इस व्रत की विशेष महिमा मानी जाती है। जब ये व्रत गुरुवार को पड़ता है तो उसे गुरु प्रदोष व्रत (Thursday Pradosh Vrat Katha) कहते हैं। मान्यता है गुरुवार प्रदोष व्रत (Guruwar Pradosh Vrat Katha) रखने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही कुंडली में बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है। कुल मिलाकर ये प्रदोष व्रत मनुष्य को हर तरह की सफलता दिलाता है। इस दिन शिव की पूजा की जाती है। प्रदोष व्रत को त्रयोदशी व्रत भी कहा जाता है। यहां जानिए गुरु प्रदोष व्रत की पावन कथा।

Guruwar Pradosh Vrat Katha In Hindi (गुरु प्रदोष व्रत कथा)

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