Guru Pradosh Vrat Katha: गुरु प्रदोष व्रत की कथा, जिसे पढ़ने से पूर्वजों का मिलेगा आशीर्वाद

Guruwar Pradosh Vrat Katha In Hindi: जब प्रदोष व्रत गुरुवार को पड़ता है तो उसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है। गुरु प्रदोष व्रत को करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जानिए गुरु प्रदोष की पावन व्रत कथा।

गुरुवार प्रदोष व्रत कथा

Pradosh Vrat Katha In Hindi: भगवान शिव की कृपा पाने के लिए प्रदोष व्रत खास माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चंद्र मास के 13वें दिन यानी त्रयोदशी को प्रदोष व्रत पड़ता है। कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से ये व्रत करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। साथ ही ऐसे व्यक्ति पर भगवान शिव की सदैव कृपा रहती है। 2 फरवरी को गुरु प्रदोष व्रत पड़ रहा है। जानिए इस व्रत की पावन कथा।

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प्रदोष व्रत कथा (Pradosh Vrat Katha)

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एक बार इन्द्र और वृत्रासुर की सेना में घनघोर युद्ध छिड़ गया था। देवताओं ने दैत्य-सेना को पराजित कर नष्ट-भ्रष्ट कर डाला। ये देखकर वृत्रासुर अत्यन्त क्रोधित हो गया और स्वयं युद्ध करने निकल पड़ा। आसुरी माया से उसने विकराल रूप धारण कर लिया। जिससे सभी देवता भयभीत हो गए और वो तुरंत ही गुरुदेव बृहस्पति की शरण में पहूंचे।

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