Guru Pradosh Vrat: 19 को है गुरु प्रदोष व्रत, इस दिन जरूर पढ़ें शिव पंचाक्षर स्त्रोत, आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी रचना

Guru Pradosh Vrat: दिन विशेष का होने के कारण माघ मास में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को कहा जाएगा गुरु प्रदोष व्रत। सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व होती है प्रदोश काल की पूजा। भगवान शिव की आराधना में शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ करने से मिलती है हर कार्य में सफलता। आध्यात्मिक उन्नति का सर्वश्रेष्ठ है माध्याम।

19 को है प्रदोष व्रत

मुख्य बातें
  • शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ देता है आध्यात्मिक उन्नति
  • दिन विशेष के कारण प्रदोष को उसके नाम से ही जाना जाता है
  • भगवान शिव की कृपा पाने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है शिव पंचाक्षर स्त्रोत

Guru Pradosh Vrat: प्रत्येक माह की शुक्ल एवं कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी भगवान आशुतोष भाेले शंकर को समर्पित होती है। बहुत सी जगह इस तिथि को शिव तेरस भी कहा जाता है। तो वहीं शास्त्रों में इस तिथि को प्रदोष बोलते हैं। दिन विशेष पर होने के कारण प्रदोष का व्रत उसी दिवस के नाम से संबोधित किया जाता है। जैसे माघ मास में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 19 जनवरी को है। इस दिन गुरुवार होने के कारण इसे गुरु प्रदोष कहा जाएगा। बता दें कि प्रदोष व्रत में प्रदोष काल के ही अन्तर्गत पूजा करने का विधान है। प्रदोष काल सदैव ही सूर्यास्त से 45 मिनट पहले माना गया है।

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