Guru Purnima Significance: गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है, जानिए इस पर्व का इतिहास और महत्व
Guru Purnima Significance In Hindi (गुरु पूर्णिमा का महत्व): सनातन धर्म में आषाढ़ महीने में पड़ने वाली गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। इस साल ये पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जा रही है। इस शुभ अवसर पर जानते हैं कि गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है, इसका इतिहास और महत्व क्या है।
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Guru Purnima 2024 Significance
Guru Purnima Significance, Mahatav In Hindi (गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है): आषाढ़ महीने की पूर्णिमा गुरुओं के महत्व को दर्शाती है। मान्यताओं अनुसार इस दिन प्रथम गुरु वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसके अलावा इस दिन वेदव्यास जी की भी पूजा होती है। चलिए जानते हैं गुरु पूर्णिमा का महत्व क्या है।
गुरु पूर्णिमा क्यों का महत्व (Guru Purnima Significance In Hindi)
गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। व्यास जी को सनातन धर्म में प्रथम गुरु का दर्जा दिया गया है। इसलिए गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि व्याज जी की विधि विधान पूजा की जाती है। इसके बाद लोग अपने गुरुओं की पूजा करते हैं। कहते हैं मनुष्य जाति को वेदों का ज्ञान सबसे पहले वेदव्यास जी ने ही दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने श्रीमद्भागवत, महाभारत, ब्रह्मसूत्र, मीमांसा सहित 18 पुराणों की रचना की थी।
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है (Guru Purnima Kyon Manai Jati Hai)
गुरु पूर्णिमा का पर्व व्यास जी की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इसलिए ही इस पर्व को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन हमें व्यास जी के साथ-साथ अपने गुरुओं की भी पूजा करनी चाहिए। बता दें महर्षि व्यास जी ने ही वेदों को अलग-अलग खण्डों में बांटा था और उनका नाम ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद रखा था। वेदों का विभाजन करने के कारण ही इन्हें वेद व्यास जी के नाम से जाना जाने लगा।
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