Guru Purnima Katha: गुरु पूर्णिमा कथा, जानिए कौन थे महर्षि वेदव्यास

Guru Purnima Katha: आज गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। गुरु पूर्णिमा के महत्व को जानने के लिए इस खास अवसर पर जरूर पढ़ें ये कथा।

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Guru Purnima Katha In Hindi

Guru Purnima Katha: गुरु पूर्णिमा का त्योहार हिंदुओं के लिए बेहद खास होता है। क्योंकि इस दिन सनातन धर्म के पहले गुरु वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। ये पर्व हर साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन वेदव्यास जी की पूजा करने के साथ-साथ अपने गुरुओं को भी सम्मान देना चाहिए। उनकी सेवा करनी चाहिए। यहां आप जानेंगे गुरु पूर्णिमा की कहानी।

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Guru Purnima Katha In Hindi

गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेदव्यास को समर्पित है। कहते हैं ये वही दिन है जिस दिन हिंदुओं के पहले गुरु वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। महर्षि वेदव्यास भगवान विष्णु के अंश के रूप में धरती पर आए थे। इनके पिता का नाम ऋषि पराशर था और माता का नाम सत्यवती था। वेदव्यास जी को बचपन से ही अध्यात्म में काफी रुचि थी। उन्होंने अपने माता-पिता से प्रभु दर्शन की इच्छा प्रकट की जिसके लिए उन्होंने वन में जाकर तपस्या करने की मांग की। लेकिन उनकी माता ने इस इच्छा को नहीं माना।

महर्षि वेदव्यास ने अपनी माता से इसके लिए हठ किया और अपनी बात को मनवा लिया। लेकिन उनकी माता ने आज्ञा देते हुए कहा की जब भी घर का ध्यान आए तो वापस लौट आना। इसके बाद वेदव्यास जी तपस्या हेतु वन में चले गए और वहां जाकर उन्होंने कठोर तपस्या की।

इस तपस्या के पुण्य से उन्हें संस्कृत भाषा में प्रवीणता हासिल हुई। इसके बाद वेदव्यास जी ने चारों वेदों का विस्तार किया। साथ ही महाभारत, अठारह महापुराणों और ब्रह्मास्त्र की रचना की। इसी के साथ उन्हें अमरता का वरदान प्राप्त हुआ। ऐसी मान्यता है कि किसी न किसी रूप में महर्षि वेदव्यास आज भी हमारे बीच में उपस्थित हैं। इसलिए हिंदू धर्म में वेदव्यास जी को भगवान के रूप में पूजा जाता है और गुरु पूर्णिमा पर इनकी विधि विधान पूजा की जाती है।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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