Guruvar Vrat Katha: इस कथा के बिना अधूरा है बृहस्पतिवार व्रत, भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए जरूर करें पाठ

Guruvar Vrat Katha in Hindi, bhagwan vishnu ki brihspativar vrat katha, Kahani, Story in Hindi: : गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन जो लोग व्रत करते हैं वे कथा जरूर सुनते हैं। बिना कथा सुने गुरुवार का व्रत अधूरा माना जाता है।

Guruvar Vrat Katha in Hindi, bhagwan vishnu ki brihspativar vrat katha

Guruvar Vrat Katha in Hindi: गुरुवार का दिन भगवान विष्णु के नाम पर समर्पित है और इस दिन भगवान विष्णु के भक्त उनकी पूजा आराधना उपवास करके करते है। हिंदू धर्म के अनुसार सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी भगवान के नाम पर समर्पित है। भगवान विष्णु की पूजा आराधना नियम पूर्वक करने से सभी कार्य सफल होते है। तो आइए जाने भगवान विष्णु की पूजा आराधना करने में किन-किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। गुरुवार के व्रत के दौरान भगवान विष्णु की कथा सुनने से मनोकामना पूर्ण होती है। गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन जो लोग व्रत करते हैं वे कथा जरूर सुनते हैं। बिना कथा सुने गुरुवार का व्रत अधूरा माना जाता है।

Brihaspativar Vrat Katha in Hindi

प्राचीन काल में एक ब्राह्‌मण रहता था, वह बहुत निर्धन था। उसके कोई सन्तान नहीं थी। उसकी स्त्री बहुत मलीनता के साथ रहती थी। वह स्नान न करती, किसी देवता का पूजन न करती, इससे ब्राह्‌मण देवता बड़े दुःखी थे। बेचारे बहुत कुछ कहते थे किन्तु उसका कुछ परिणाम न निकला। भगवान की कृपा से ब्राह्‌मण की स्त्री के कन्या रूपी रत्न पैदा हुआ। कन्या बड़ी होने पर प्रातः स्नान करके विष्णु भगवान का जाप व बृहस्पतिवार का व्रत करने लगी। अपने पूजन-पाठ को समाप्त करके विद्यालय जाती तो अपनी मुट्‌ठी में जौ भरके ले जाती और पाठशाला के मार्ग में डालती जाती। तब ये जौ स्वर्ण के जो जाते लौटते समय उनको बीन कर घर ले आती थी।

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