Pradosh Vrat Katha In Hindi: गुरुवार प्रदोष व्रत की कथा हिंदी में यहां देखें

Guruwar Pradosh Vrat Katha: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। ये व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए रखा जाता है।

गुरुवार प्रदोष व्रत की संपूर्ण कथा यहां पढ़ें

Guruwar Pradosh Vrat Ki Katha: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। जब ये व्रत गुरुद्वार को पड़ता है तो उसे गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। कहते हैं गुरु प्रदोष व्रत रखने से भक्तों को पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार पड़ते हैं। ये व्रत भगवान शिव को समर्पित होते हैं। कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से प्रदोष व्रत करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। अगर आपने गुरु प्रदोष व्रत रखा है तो पढ़ें इस व्रत की पावन कथा।

प्रदोष व्रत कथा (Thursday Pradosh Vrat Katha)

एक बार इन्द्र और वृत्रासुर की सेना में घनघोर युद्ध हो गया था। देवताओं ने राक्षस-सेना को पराजित कर नष्ट-भ्रष्ट कर डाला। इसे देख वृत्रासुर अत्यन्त क्रोधित होकर स्वयं युद्ध को उद्यत हुआ। आसुरी माया से उसने विकराल रूप धारण कर सभी देवताओं को भयभीत कर दिया। ये देख देवता लोग गुरुदेव बृहस्पति की शरण में पहूंचे।

बृहस्पति महाराज बोले- पहले मैं तुम्हे वृत्रासुर का वास्तविक परिचय दे दूं।

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