Hanuman Jayanti 2023 Date: हनुमान जयंती 2023 कब है, ये है डेट व तिथि, जानें बजरंगबली की पूजा विधि और महत्व

Hanuman Jayanti 2023 Date and Time in India (हनुमान जयंती कब है 2023 में): मान्यताओं के अनुसार बजरंगबली का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा को हुआ था। इसे हनुमान जयंती कहा जाता है और इस पर्व को भक्त पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। यहां देखें हनुमान जयंती 2023 कब है और हनुमान जयंती की डेट, तिथि, मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि।

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Hanuman Jayanti 2023 Date and Time in India (हनुमान जयंती कब है 2023 में)

Hanuman Jayanti 2023 Date and Time in India (हनुमान जयंती कब है 2023 में): भगवान हनुमान के जन्मदिवस को हनुमान जयंती के रूप में पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि पर उनकी जयंती मनाई जाती है। हनुमान जी को पवनपुत्र, बजरंग बली, महावीर, संकट मोचन आदि नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि हनुमान जयंती के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा करने पर भक्तों के सारे संकट दूर होते हैं। यहां जानें हनुमान जयंती 2023 में कब मनाई जाएगी।

Hanuman Jayanti 2023 Date in India

हनुमान जयंती को चैत्र मास की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। 2023 में हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जाएगी।

हनुमान जी कौन हैं

हनुमान जी श्री राम के उपासक और शिवजी का अवतार हैं। वह अंजना नामक एक अपसरा के पुत्र हैं। श्राप के कारण इस महिला का जन्म बंदर के रूप में पृथ्वी पर हुआ था। उसे श्राप से छुटकारा पाने के लिए भगवान शिव के एक अवतार को जन्म देना था। इसके लिए हनुमान के पिता केसरी और अंजना ने पूरी भक्ति और तप के साथ भगवान शिव की पूजा की। भगवान शिव उनके समर्पण से प्रसन्न हुए और उन्हें वरदान दिया। इस तरह हनुमान जी का जन्म हुआ। इसलिए उन्हें भगवान शिव का 11वां अवतार भी कहा जाता है।

हनुमान जयंती पूजा विधि हिंदी में

  • एक लाल कपड़े को लेकर उस पर भगवान हनुमान की मूर्ति रखें।
  • इसके बाद मूर्ति के माथे पर सिंदूर लगाएं।
  • महावीर की मूर्ति के ठीक सामने धूपबत्ती और मिट्टी के दीप प्रज्जवलित करें।
  • इसके बाद भगवान की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं।
  • अब मूर्ति पर थोड़ा जल डालें।
  • इसके बाद आप हाथ में जल लेकर बजरंगबली से प्रार्थना करें।
  • प्रार्थना के बाद भगवान की फूल, सुपारी, चावल और गुड़ से पूजा करें।
  • महावीर को फल, विशेष रूप से केला और मिठाई अवश्य अर्पित करें।
  • पूजा के बाद हनुमान चालीसा और मंत्रों का पाठ करें।

बजरंगबली की मूर्ति लाल या नारंगी क्यों होती है

ऐसी मान्यता है कि रुद्र का जन्म एक वानर समुदाय में लाल नारंगी रंग के शरीर के साथ हुआ था। इसलिए, महावीर की मूर्तियों को इसी रंग में रंगा जाता है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि एक बार देवी सीता सिंदूर लगा रही थीं। यह देख भगवान हनुमान बेहद इच्छुक हुए और उनसे इसका कारण पूछा। इस पर सीता जी ने बताया कि वह अपने पति की लंबी आयु के लिए ऐसा कर रही है। उसने भक्त हनुमान को यह भी कहा कि वह जितना ज्यादा सिंदूर लगाएगी, भगवान राम का जीवन उतना ही लंबा होगा। ऐसा सुनकर परम भक्त हनुमान ने भगवान राम को अमर बनाने के लिए अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगाया लिया।
भगवान हनुमान की वीरता
बजरंगबली नामुमकिन को भी मुमकिन बना सकते हैं। इसलिए उन्हें शक्ति, साहस और विजय का स्तंभ माना जाता है। एक ओर लक्ष्मण जी की जान बचाने के लिए उन्होंने चमत्कारी संजीवनी बूटी को हासिल करने में असंभव कार्य को संभव बनाया। तो वहीं दूसरी ओर नवग्रहों को भी रावण के जाल से छुड़ाया। सभी ग्रहों ने हनुमान जी से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया कि उनकी प्रार्थना करने से सभी ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
हनुमान जयंती पर शनि के प्रकोप से बचने के उपाय
एक कटोरी में तेल लेकर उसमें काली उड़द के 14 दाने डाल दें। अब कटोरी में रखे तेल को आप ऐसे देखिए कि आपके चेहरे का प्रतिबिंब दिखाई दे। इसके बाद यह तेल भगवान हनुमान को अर्पित करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से नकारात्मक ऊर्जाएं तेल में समा जाती हैं। फिर इस तेल को संकट मोचन पर चढ़ाने से सारी नकारात्मकता नष्ट हो जाती हैं।
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मेधा चावला author

हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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