Hanuman Jayanti 2024 Puja Vidhi, Muhurat Live Updates: हनुमान जयंती साल में कितनी बार मनाई जाती है? जानें हनुमान जयंती पूजा विधि, मंत्र सहित सारी जानकारी
Hanuman Jayanti 2024 Puja Vidhi, Muhurat, Time, Samagri, Mantra, Hanuman Ji Ki Aarti, Chalisa: हनुमान जयंती का पर्व चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल ये त्योहार 23 अप्रैल को मनाया जा रहा है। यहां आप जानेंगे हनुमान जयंती की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती समेत संपूर्ण जानकारी।
Hanuman Jayanti Puja Samagri
हनुमान जयंती कब है 2024 में (Hanuman Jayanti Kab Hai 2024)
हनुमान जयंती चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस साल ये तिथि 23 अप्रैल को पड़ रही है। इसलिए 2024 में हनुमान जयंती पर्व 23 अप्रैल को ही मनाया जाएगा।
हनुमान जयंती 2024 शुभ मुहूर्त (Hanuman Jayanti 2024 Shubh Muhurat)
पंचांग अनुसार इस साल चैत्र पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल की सुबह 3 बजकर 25 मिनट से 24 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 18 मिनट तक रहेगी। हनुमान जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 03 बजकर 25 मिनट से पूरे दिन रहेगा।
हनुमान जी का जन्म कब हुआ था (Hanuman Ji Birth Date)
धार्मिक मान्यताओं अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था। तो वहीं चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को भगवान हनुमान को जीवनदान मिला था। कहते हैं जब सूर्य देव को निगलने की वजह से इंद्र देव ने हनुमान जी पर वज्र से प्रहार कर दिया था तो उससे बजरंगबली मुर्छित हो गए थे। जिसके बाद पवन देव ने पूरे ब्रह्मांड की वायु रोक दी थी। पवन देव को शांत करने के लिए ब्रह्मा जी ने हनुमान जी को जीवनदान दिया था। कहते हैं जिस दिन ये घटना हुई थी उस दिन चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि थी। जिस वजह से इस दिन भी हनुमान जयंती पर्व मनाया जाने लगा।
हनुमान जयंती पूजा विधि (Hanuman Jayanti Puja Vidhi In Hindi)
-इस दिन की पूजा में साफ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।
-इस बात का भी ध्यान रखें कि भगवान हनुमान की पूजा से पहले प्रभु श्री राम और माता सीता की पूजा जरूर करें।
-हनुमान जयंती पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
-इस दिन आप हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण और रामायण का पाठ करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
-इस दिन हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर उसका लेप जरूर लगाएं।
-इस दिन सरसों या चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
-अंत में हनुमान ज आरती करें और पूजा में अनजाने से हुई किसी भूल की क्षमा मांगें।
श्री हनुमंत स्तुति (Hanuman Ji Mantra)
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं, श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥
हनुमान जयंती साल में कितनी बार आती है (How many times does Hanuman Jayanti come in a year?)
हनुमान जन्मोत्सव का दिन अपार भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक है। यह हर साल दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र माह की पूर्णिमा और दूसरी कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि को।आज हनुमान जयंती लिरिक्स (Aaj Hanuman Jayanti Lyrics)
आज हनुमान जयंती है ,आज हनुमान जयंती है।हो ऐसा लगता है ,सारे संसार में मस्ती है।आज हनुमान जयंती है।आज दिन खूबसूरत ,बड़ा अच्छा महूरत।चेत सुदी पूनम का दिन ,सभी का हर्ष रहा मन।माँ अंजनी का जाया ,प्रभु की देखो माया।रूप वानर का पाया ,ये शिव का रूद्र कहाया।हो माँ अंजनी के द्वारे ,सखिया मंगल गाती है।आज हनुमान जयंती है ,आज हनुमान जयंती है। टेर।एक दिन का है झगड़ा ,सूर्ये को जाके पकड़ा।देव सब ही घबराये ,पवन के द्वारे आये।इंद्र ने वज्र है मारा ,हनुमत ने उसे संहारा।हो तबसे ये दुनिया इनको ,बजरंगी कहती है।आज हनुमान जयंती है ,आज हनुमान जयंती है। टेर।सिया की जा सुध लाये ,राम के मन को भाये।लंका में धूम मचाये ,सारी लंका को जलाये।असुर सब ही घबराये ,देव मन में हर्षाये।हो अजर अमर हो मेरे लाला ,सीता कहती है।आज हनुमान जयंती है ,आज हनुमान जयंती है। टेर।हनुमान चालीसा हिंदी (Hanuman Chalisa Hindi)
दोहाश्रीगुरु चरन सरोज रज निजमनु मुकुरु सुधारि।बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि।।बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।चौपाईजय हनुमान ज्ञान गुन सागर।जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।रामदूत अतुलित बल धामा।अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।महावीर विक्रम बजरंगी।कुमति निवार सुमति के संगी।।कंचन वरन विराज सुवेसा।कानन कुण्डल कुंचित केसा।।हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै।काँधे मूँज जनेऊ साजै।शंकर सुवन केसरीनंदन।तेज प्रताप महा जग वन्दन।।विद्यावान गुणी अति चातुर।राम काज करिबे को आतुर।।प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।राम लखन सीता मन बसिया।।सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।विकट रूप धरि लंक जरावा।।भीम रूप धरि असुर संहारे।रामचंद्र के काज संवारे।।लाय सजीवन लखन जियाये।श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।सनकादिक ब्रह्मादि मुनीशा।नारद सारद सहित अहीसा।।जम कुबेर दिगपाल जहां ते।कवि कोविद कहि सके कहाँ ते।।तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।राम मिलाय राज पद दीन्हा।।तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।लंकेश्वर भये सब जग जाना।।जुग सहस्र योजन पर भानू।लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।दुर्गम काज जगत के जेते।सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।राम दुआरे तुम रखवारे।होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।सब सुख लहै तुम्हारी सरना।तुम रक्षक काहू को डरना।।आपन तेज सम्हारो आपै।तीनों लोक हांक तें कांपै।।भूत पिसाच निकट नहिं आवै।महाबीर जब नाम सुनावै।।नासै रोग हरै सब पीरा।जपत निरंतर हनुमत बीरा।।संकट तें हनुमान छुड़ावै।मन क्रम वचन ध्यान जो लावै।।सब पर राम तपस्वी राजा।तिनके काज सकल तुम साजा।और मनोरथ जो कोई लावै।सोई अमित जीवन फल पावै।।चारों युग परताप तुम्हारा।है परसिद्ध जगत उजियारा।।साधु-संत के तुम रखवारे।असुर निकंदन राम दुलारे।।अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता।अस वर दीन जानकी माता।।राम रसायन तुम्हरे पासा।सदा रहो रघुपति के दासा।।तुम्हरे भजन राम को भावै।जनम-जनम के दुख बिसरावै।।अन्त काल रघुबर पुर जाई।जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।और देवता चित्त न धरई।हनुमत सेई सर्व सुख करई।।संकट कटै मिटै सब पीरा।जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।जै जै जै हनुमान गोसाईं।कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।जो सत बार पाठ कर कोई।छूटहिं बंदि महा सुख होई।।जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।होय सिद्धि साखी गौरीसा।।तुलसीदास सदा हरि चेरा।कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।दोहा पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।हनुमान जयंती पूजा विधि (Hanuman Jayanti Puja Vidhi)
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल रंग के साफ सुथरे कपड़े पहन लें। इसके बाद बजरंगबली को लाल रंग के पुष्प अर्पित करें, सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर चोला चढ़ाएं, चना, गुड़ और नारियल भी चढ़ाएं। प्रभु को बेसन के लड्डू या फिर बूंदी के लड्डू का भोग लगा सकते हैं।हनुमान जयंती पर क्या उपाय करें (Hanuman Jayanti Upay)
हनुमान जंयती के दिन शुभ मुहूर्त में सुन्दरकाण्ड, हनुमान चालीसा और शनि चालीसा का पाठ करने से शनि दोष से राहत मिलती है. इस दिन हनुमान जी की पूजा में काले तिल का तेल और नीले रंग के फूल का प्रयोग करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।Hanuman Jayanti Importance (हनुमान जयंती का महत्व)
चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ था और इस दिन को हनुमान जन्मोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस दिन हनुमान जी की सच्चे मन और विधि-विधान से पूजा करने से जीवन में आने वाले हर संकट से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही सारे बिगड़े काम बनने लग जाते हैं और राम जी की उन पर विशेष कृपा बरसती है।Hanuman jayanti 2024 stauts (हनुमान जयंती स्टेटस)
हनुमान जी को लगाएं इन चीजों का भोग (Hanuman Jayanti Bhog 2024)
आज के दिन हनुमान जी को लड्डू, पंचमेवा, जलेबी या इमरती और बूंदी का भोग लगाना चाहिए. ये सारी चीजें हनुमान जी को अति प्रिय हैं. इसके अलावा आप इस दिन बजरंगबली को गुड़-चने और पान का बीड़ा भी अर्पित कर सकते हैंHanuman Jayanti Or Hanuman Janmotsav Which Is Correct: हनुमान जयंती या जन्मोत्सव क्या कहना सही है?
23 अप्रैल को देश भर में हनुमान जी के जन्मदिन का उत्सव मनाया जा रहा है। इसे कुछ लोग हनुमान जयंती के नाम से मनाते हैं तो कुछ हनुमान जन्मोत्सव। लेकिन वास्तव में इसे क्या कहना सही है इस बारे में जानते हैं। शास्त्रों में हनुमान जी को अमर बताया गया है। धार्मिक मान्यातओं अनुसार हनुमान जी आज भी धरती पर सशरीर विद्यमान हैं तो इनकी जयंती कैसे मनाई जा सकती है। बता दें जयंती शब्द उनके लिए इस्तेमाल किया जाता है जिन्होंने अपने शरीर का त्याग कर दिया है। लेकिन माता सीता ने तो हनुमान जी को अजर अमर अनिनाशी रहने का वरदान दिया है तो इसलिए इनके जन्मदिन को हनुमान जयंती की जगह हनुमान जन्मोत्सव कहना ज्यादा सही रहेगा। अब जानिए हैं कि हनुमान जन्मोत्सव क्यों मनाया जाता है।हनुमान जयंती पूजा विधि (Hanuman Jayanti Puja Vidhi In Hindi)
- इस दिन हनुमान जी की प्रतिमा एक लाल कपड़े पर स्थापित करें।
- पूजा में इस दिन आप हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, बजरंग बाण, रामायण इत्यादि का पाठ भी कर सकते हैं।
- इसके बाद हनुमान जी को चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर उसका लेप लगाएं।
- इसके अलावा इस दिन दीपक जलाते समय लाल रंग की बाती का प्रयोग करें।
- हनुमान जयंती की कथा सुनें और आरती करें।
hanuman jayanti shlok in sanskrit (हनुमान जयंती संस्कृत श्लोक)
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहंदनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।सकलगुणनिधानं वानराणामधीशंरघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।ॐ आञ्जनेयाय विद्महेवायुपुत्राय धीमहि ।तन्नो हनुमत् प्रचोदयात् ॥हनुमान जयंती कब मनाई जाती है (Hanuman jayanti kab manai jati hai)
हनुमान जयंती का पर्व हर साल चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस साल .ये पर्व 23 अप्रैल यानि आज मनाया जा रहा है।Hanuman Jayanti Vrat Vidhi (हनुमान जयंती व्रत विधि)
प्रभु को बेसन के लड्डू या फिर बूंदी के लड्डू का भोग लगा सकते हैं। इसके बाद घी का दीपक जलाएं और सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद आरती करें और व्रत रखने का संकल्प लें। हनुमान जी के साथ-साथ प्रभु श्री राम और माता सीता की भी उपासना करें।Difference Between Hanuman jayanti and janmotsav (हनुमान जयंती और हनुमान जन्मोत्सव में क्या अंतर है)
हनुमान जी के जन्मदिन की तिथि को जयंती के बजाय जन्मोत्सव कहना उचित होगा. जयंती का मतलब होता है किसी ऐसे व्यक्ति का जन्मदिन जो जीवित नहीं है. वहीं जन्मोत्सव का मतलब होता है जो व्यक्ति दुनिया में जीवित हो उसका जन्मदिन, इसलिए हम किसी को भी जन्मदिन की बधाई देते हैं तो शुभ जयंती नहीं बल्कि शुभ जन्मोत्सव कहते हैं।sab sukh lahe tumhari sarna (सब सुख लहे तुम्हारी सरना)
सब सुख लहे तुम्हारी सरना,तुम रक्षक कहू को डरना,संकट कटे मिट्टे सब पीरा,जो सुमिरे हनुमत बलबीरा !हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है (Hanuman Jayanti Kyu Manai Jati Hai)
हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था तो फिर चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है? इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा है। इस कथा के अनुसार, एक बार बचपन में जब हनुमान जी को भूख लगी तो उन्हें आसमान में सूर्य दिखाई दिया जिसे वे फल जानकर खाने के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने जैसे ही सूर्य को निगलने की कोशिश की पृथ्वी पर अंधेरा छाने लगा। यह बात जब इंद्रदेव को पता चली तो उन्होंने हनुमान जी को रोकने के लिए उन पर वज्र से प्रहार कर दिया, जिस कारण हनुमान जी मूर्छित होकर जमीन पर गिर पड़े।जब ये बात पवनदेव को पता चली तो गुस्से में उन्होंने पूरे ब्रह्रांड की वायु रोक दी। जिससे धरती पर हाहाकार मच गया। तब ब्रह्राजी ने पवन देवता को शांत करते हुए हनुमान जी को जीवनदान दिया। माना जाता है कि जिस दिन भगवान हनुमान को जीवनदान मिला उस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि थी। यही कारण है कि हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भी हनुमान जन्मोत्सव यानी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है।
हनुमान जयंती भजन Lyrics (Hanuman Jayanti Bhajan)
पार ना लगोगे श्री राम के बिना, राम ना मिलेगे हनुमान के बिना।राम ना मिलेगे हनुमान के बिना, श्री राम ना मिलेंगे हनुमान के बिना।
वेदो ने पुराणो ने कह डाला, राम जी का साथी बजरंग बाला।
जीये हनुमान नही राम के बिना, राम भी रहे ना हनुमान के बिना।
जग के जो पालन हारे है, उन्हे हनुमान बड़े प्यारे है।
कर लो सिफ़ारिश दाम के बिना, रास्ता ना मिलेगा हनुमान के बिना।
जिनका भरोसा वीर हनुमान, उनका बिगड़ता नही कोई काम।
लक्खा कहे सुनो हनुमान के बिना, कुछ ना मिलेगा गुणगान के बिना।
भगवान हनुमान के अनेकों नाम
भगवान हनुमान को महावीर, बजरंगबली, अंजनीपुत्र, मारुती, पवनपुत्र और केसरीनन्दन के नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओं अनुसार पवनपुत्र हनुमान भगवान शिव के 11वें रूद्र अवतार हैं। कहते हैं जिस पर हनुमान जी की कृपा बरसती है उन्हें जीवन में कभी संकटों का सामना नहीं करना पड़ता।Hanuman Jayanti Shlok In Sanskrit: हनुमान जयंती श्लोक
-अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।
ॐ हं हनुमते नमः।।
-बुद्धिर्बलं यशो धैर्यं निर्भयत्वमरोगता।
अजाड्यं वाक्पटुत्वं च हनुमत्स्मरणाद्भवेत्।।
हनुमान जयंती मंत्र (Hanuman Jayanti Mantra)
-अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।
-मनोजवं मारुततुल्यवेगमं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम् ।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये ।।
हनुमान जी के 12 नाम (Hanuman Ji Ke 12 Naam)
- हनुमान
- अंजनीसुत
- वायुपुत्र
- महाबल
- रामेष्ट
- फाल्गुनसखा
- पिंगाक्ष
- अमितविक्रम
- उदधिक्रमण
- सीतोशोकविनाशन
- लक्ष्मणप्राणदाता
- दशग्रीवदर्पहा
Hanuman Ashtak Lyrics (हनुमान अष्टक के लिरिक्स)
॥ हनुमानाष्टक ॥बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो ।
देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥
बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि, त महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महामुनि साप दियो तब, चाहिए कौन बिचार बिचारो ।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के सोक निवारो ॥ २ ॥
अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।
हेरी थके तट सिन्धु सबै तब, लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ ३ ॥
रावण त्रास दई सिय को सब, राक्षसी सों कही सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाए महा रजनीचर मारो ।
चाहत सीय असोक सों आगि सु, दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ ४ ॥
बान लग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे सुत रावन मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।
आनि सजीवन हाथ दई तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ ५ ॥
रावन युद्ध अजान कियो तब, नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो I
आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ ६ ॥
बंधु समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।
जाय सहाय भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ ७ ॥
काज किये बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसे नहिं जात है टारो ।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होय हमारो ॥ ८ ॥
॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर ।
वज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर ॥
हनुमान बीज मंत्र (Hanuman Ji Beej Mantra)
ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नम:।Hanuman Ji Ki Aarti (हनुमान जी की आरती)
॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥मनोजवं मारुत तुल्यवेगं, जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं, श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥
॥ आरती ॥
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरवर काँपे।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई।
संतन के प्रभु सदा सहाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारि सिया सुधि लाये॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
लंका जारि असुर संहारे।
सियाराम जी के काज सँवारे॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे।
लाये संजिवन प्राण उबारे॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
पैठि पताल तोरि जमकारे।
अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाईं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें।
जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई॥
आरती कीजै हनुमान लला की॥
जो हनुमानजी की आरती गावे।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे॥
लंक विध्वंस किये रघुराई।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥
Hanuman Ji Ke 12 Naam: हनुमान जी के 12 नाम
हनुमान, अंजनीसुत, वायुपुत्र, महाबल, रामेष्ट, फाल्गुनसखा, पिंगाक्ष, अमितविक्रम, उदधिक्रमण, सीतोशोकविनाशन, लक्ष्मणप्राणदाता, दशग्रीवदर्पहा..कहते हैं हनुमान जयंती पर भगवान हनुमान के इन 12 नामों का जाप करने से बजरंगबली की विशेष कृपा प्राप्त होती है।हनुमान जयंती पर क्या करना चाहिए (Hanuman Jayanti Par Kya Karna Chahiye)
सिन्दूर और लाल रंग का चोला अर्पित करें. प्रसाद के रूप में बूंदी, बेसन के लड्डू और इमरती चढ़ाएं, ये भोग हनुमान जी को बहुत प्रिय होते हैं. बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए लौंग और इलाइची चढ़ाएं, इससे शनि दोष कम होता है. हनुमान जी राम भगवान के परम भक्त हैं, इसलिए हनुमान जयंती पर श्री राम की विधिवत पूजा करेंहनुमान जयंती के भजन (Hanuman Jayanti Bhajan)
https://www.youtube.com/watch?v=9NPTJLCIBZgHanuman Jayanti Par Kya Upay Karen (हनुमान जयंती पर क्या उपाय करें)
हनुमान जी को लड्डुओं का भोग लगाएं और तुलसी भी अर्पित करें. पहले श्रीराम के मंत्र 'ऊं राम रामाय नम:' का जाप करें, फिर हनुमान जी के मंत्र 'ऊं हं हनुमते नम:' का जाप करें. 1. सेहत संबंधी समस्या हो तो हनुमान जयंती के दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करें, हनुमान जी को सिंदूर, लाल फूल और मिठाई अर्पित करेंHanuman jayanti 2027 (हनुमान जयंती 2027 में कब है)
साल 2027 में हनुमान जयंती का त्योहार 20 अप्रैल 2027 को मनाया जाएगा।Hanuman jayanti puja samagri (हनुमान जयंती पूजा सामग्री)
हनुमान जयंती पूजन सामग्री हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति, वस्त्र, चरण पादुका, जनेऊ, अक्षत्, फल, माला, गाय का घी, दीपक, चमेली का तेल, धूप, अगरबत्ती, इलायची, हनुमान चालीसा, लाल फूल, सिंदूर, पान का बीड़ा, ध्वज, शंख, घंटी, लाल लंगोट, लौंग, मोतीचूर के लड्डू आदि।श्री हनुमंत स्तुति (Hanuman Stuti)
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥Hanuman Jayanti 2024 Date And Time (हनुमान जयंती डेट 2024 शुभ मुहूर्त)
पंचांग के अनुसार हनुमान जी का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। साल 2024 में पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल को 3 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और 24 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 18 मिनट तक रहेगी।हनुमान जयंती उपवास (Hanuman Jayanti Vrat Vidhi)
हनुमान जयंती के व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है। इस दिन आप फलाहार ले सकते हैं लेकिन अन्न का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना है। शाम में हनुमान जी की पूजा के बाद व्रत खोला जा सकता है।Hanuman Jayanti Ke Din Kya Karna Chahiye (हनुमान जयंती के दिन क्या करना चाहिए)
हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर भगवान हनुमान जी का जन्मोत्सव बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस खास अवसर पर भगवान हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है। हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली को प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।Hanuman Chalisa (हनुमान चालीसा)
श्रीगुरु चरन सरोज रजनिज मनु मुकुरु सुधारि ।बरनउँ रघुबर बिमल जसुजो दायकु फल चारि ॥बुद्धिहीन तनु जानिकेसुमिरौं पवन-कुमार ।बल बुधि बिद्या देहु मोहिंहरहु कलेस बिकार ॥॥ चौपाई ॥जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥राम दूत अतुलित बल धामा ।अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥महाबीर बिक्रम बजरंगी ।कुमति निवार सुमति के संगी ॥कंचन बरन बिराज सुबेसा ।कानन कुण्डल कुँचित केसा ॥४हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै ।काँधे मूँज जनेउ साजै ॥शंकर स्वयं/सुवन केसरी नंदन ।तेज प्रताप महा जगवंदन ॥बिद्यावान गुनी अति चातुर ।राम काज करिबे को आतुर ॥प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।राम लखन सीता मन बसिया ॥८सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥भीम रूप धरि असुर सँहारे ।रामचन्द्र के काज सँवारे ॥लाय सजीवन लखन जियाए ।श्री रघुबीर हरषि उर लाये ॥रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।नारद सारद सहित अहीसा ॥जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना ।लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥जुग सहस्त्र जोजन पर भानु ।लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥दुर्गम काज जगत के जेते ।सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥२०राम दुआरे तुम रखवारे ।होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।तुम रक्षक काहू को डरना ॥आपन तेज सम्हारो आपै ।तीनों लोक हाँक तै काँपै ॥भूत पिशाच निकट नहिं आवै ।महावीर जब नाम सुनावै ॥२४नासै रोग हरै सब पीरा ।जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥संकट तै हनुमान छुडावै ।मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥सब पर राम तपस्वी राजा ।तिनके काज सकल तुम साजा ॥और मनोरथ जो कोई लावै ।सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८चारों जुग परताप तुम्हारा ।है परसिद्ध जगत उजियारा ॥साधु सन्त के तुम रखवारे ।असुर निकंदन राम दुलारे ॥अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।अस बर दीन जानकी माता ॥राम रसायन तुम्हरे पासा ।सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२तुम्हरे भजन राम को पावै ।जनम जनम के दुख बिसरावै ॥अंतकाल रघुवरपुर जाई ।जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥और देवता चित्त ना धरई ।हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥संकट कटै मिटै सब पीरा ।जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६जै जै जै हनुमान गोसाईं ।कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥जो सत बार पाठ कर कोई ।छूटहि बंदि महा सुख होई ॥जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥तुलसीदास सदा हरि चेरा ।कीजै नाथ हृदय मह डेरा ॥४०॥ दोहा ॥पवन तनय संकट हरन,मंगल मूरति रूप ।राम लखन सीता सहित,हृदय बसहु सुर भूप ॥हनुमान जी आरती (Hanuman Ji Aarti)
आरती कीजै हनुमान लला की ।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥जाके बल से गिरवर काँपे ।रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥अंजनि पुत्र महा बलदाई ।संतन के प्रभु सदा सहाई ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥दे वीरा रघुनाथ पठाए ।लंका जारि सिया सुधि लाये ॥लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।जात पवनसुत बार न लाई ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥लंका जारि असुर संहारे ।सियाराम जी के काज सँवारे ॥लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।लाये संजिवन प्राण उबारे ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥पैठि पताल तोरि जमकारे ।अहिरावण की भुजा उखारे ॥बाईं भुजा असुर दल मारे ।दाहिने भुजा संतजन तारे ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।जय जय जय हनुमान उचारें ॥कंचन थार कपूर लौ छाई ।आरती करत अंजना माई ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥जो हनुमानजी की आरती गावे ।बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥लंक विध्वंस किये रघुराई ।तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥आरती कीजै हनुमान लला की ।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥॥ इति संपूर्णंम् ॥Happy Hanuman Jayanti (Hanuman Jayanti Wishes)
जिन्हें राम जी का वरदान हैजिनकी शान है गदा धारीजिनकी बजरंगी पहचान हैसंकट मोचन वो हनुमान हैं।हनुमान जयंती की आपको शुभकामना!कब है हनुमान जयंती
इस बार हनुमान जयंती की पूर्णिमा तिथि इस बार 23 अप्रैल यानी कल सुबह 3 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और तिथि का समापन 24 अप्रैल, बुधवार को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर होगाHanuman Jayanti 2024 Wishes (हनुमान जयंती की शुभकामनाएं)
सब सुख लहै तुम्हारी सरना,तुम रक्षक काहू को डरना. ...दुनिया रचने वाले को भगवान कहते हैं,और संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं। ...हनुमान तुम बिन राम हैं अधूरे, ...जिनके मन में है श्री राम, ...स्वर्ग में देवता भी उनका अभिनंदन करते हैं, ...बस नाम लेते रहो राम का, साथ मिलता रहेगा हनुमान का ...अर्ज मेरी सुनो अंजनी के लालहनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है (Why Do We Celebrate Hanuman Jayanti)
इस दिन को भगवान हनुमान के जन्म दिवस के रूप में मनाई जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, हनुमान जी का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि दिन मंगलवार को हुआ था। इस साल हनुमान जयंती भी मंगलवार के दिन पड़ रही है।© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited