Hanuman Jayanti Or Janmotsav: हनुमान जयंती और जन्मोत्सव ? जानिए इसका इतिहास और महत्व

Hanuman Jayanti Or Janmotsav Which Is Correct In Hindi, Hanuman Jayanti History: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हनुमान जयंती का पर्व हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल ये त्योहार 23 अप्रैल, मंगलवार के दिन मनाया जा रहा है। यहां आप जानेंगे हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है।

Hanuman Jayanti And Janmotsav Which Is Correct

Hanuman Jayanti Or Janmotsav Which Is Correct In Hindi: 23 अप्रैल को देश भर में हनुमान जी के जन्मदिन का उत्सव मनाया जा रहा है। इसे कुछ लोग हनुमान जयंती के नाम से मनाते हैं तो कुछ हनुमान जन्मोत्सव। लेकिन वास्तव में इसे क्या कहना सही है इस बारे में जानते हैं। शास्त्रों में हनुमान जी को अमर बताया गया है। धार्मिक मान्यातओं अनुसार हनुमान जी आज भी धरती पर सशरीर विद्यमान हैं तो इनकी जयंती कैसे मनाई जा सकती है। बता दें जयंती शब्द उनके लिए इस्तेमाल किया जाता है जिन्होंने अपने शरीर का त्याग कर दिया है। लेकिन माता सीता ने तो हनुमान जी को अजर अमर अनिनाशी रहने का वरदान दिया है तो इसलिए इनके जन्मदिन को हनुमान जयंती की जगह हनुमान जन्मोत्सव कहना ज्यादा सही रहेगा। अब जानिए हैं कि हनुमान जन्मोत्सव क्यों मनाया जाता है।

हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है (Hanuman Jayanti Kyu Manai Jati Hai)

हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था तो फिर चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है? इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा है। इस कथा के अनुसार, एक बार बचपन में जब हनुमान जी को भूख लगी तो उन्हें आसमान में सूर्य दिखाई दिया जिसे वे फल जानकर खाने के लिए दौड़ पड़े। उन्होंने जैसे ही सूर्य को निगलने की कोशिश की पृथ्वी पर अंधेरा छाने लगा। यह बात जब इंद्रदेव को पता चली तो उन्होंने हनुमान जी को रोकने के लिए उन पर वज्र से प्रहार कर दिया, जिस कारण हनुमान जी मूर्छित होकर जमीन पर गिर पड़े।
जब ये बात पवनदेव को पता चली तो गुस्से में उन्होंने पूरे ब्रह्रांड की वायु रोक दी। जिससे धरती पर हाहाकार मच गया। तब ब्रह्राजी ने पवन देवता को शांत करते हुए हनुमान जी को जीवनदान दिया। माना जाता है कि जिस दिन भगवान हनुमान को जीवनदान मिला उस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि थी। यही कारण है कि हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भी हनुमान जन्मोत्सव यानी हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है।
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