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हनुमान जयंती और जन्मोत्सव की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कथा, चालीसा, स्तुति के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी यहां

हनुमान जयंती का पावन पर्व इस साल 12 अप्रैल को मनाया जाएगा। बता दें ये त्योहार हनुमान जी के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान सूर्योदय के समय पैदा हुआ थे। यहां आप जानेंगे हनुमान जयंती की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ।

हनुमान जयंती और जन्मोत्सव की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कथा, चालीसा, स्तुति के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी यहां

हनुमान जयंती और जन्मोत्सव की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कथा, चालीसा, स्तुति के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी यहां

हनुमान जयंती सनातन धर्म का एक लोकप्रिय त्योहार है जो चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन पड़ता है। बता दें ये बजरंगबली की पूजा का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। कहते हैं चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि पर सूर्योदय के समय माता अंजना के गर्भ से हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसलिए जो कोई भी इस शुभ दिन पर सच्चे मन से संकट मोचन की पूजा करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। चलिए आपको बताते हैं हनुमान जयंती की पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्या रहेगी।

Hanuman Jayanti Upay

हनुमान जयंती पूजा मुहूर्त 2025 (Hanuman Jayanti Puja Time 2025)
हनुमान जयंती की पूजा का शुभ मुहूर्त 12 अप्रैल की सुबह 4 बजकर 29 मिनट से लेकर 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। वहीं अगर शाम की पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो वो शाम 06:45 से रात 08:09 बजे तक रहेगा।

हनुमान जयंती पूजा सामग्री (Hanuman Jayanti Puja Samagri)
हनुमान जी की प्रतिमा, शहद, चंदन, फूल, दीपक, कपूर, अगरबत्ती, धूप, सिंदूर, चरण पादुका, माला, फल, मिठाई, लाल कपड़ा, गंगाजल, दूध, घी, पान, सुपारी, लाल रंग का कपड़ा आदि।

हनुमान जयंती पूजा विधि (Hanuman Jayanti Puja Vidhi)
सबसे पहले हनुमान जी की मूर्ति को गंगाजल, दूध, दही, शहद, चंदन से स्नान कराएं। इसके बाद हनुमान जी को लाल कपड़ा पहनाएं। फिर भगवान की प्रतिमा को आसन पर स्थापित करें। इसके बाद उनके समक्ष दीपक जलाएं। फिर हनुमान जी के मंत्रों, चालीसा और नामों का जाप करें। उनके माथे पर सिंदूर लगाएं और उन्हें फूल माला पहनाएं। इसके बाद उन्हें भोग लगाएं। इस दिन रामचरितमानस और बजरंग बाण का पाठ करना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। अंत में हनुमान जी की आरती उतारें। फिर प्रसाद सभी में बांट दें। इस दिन हनुमान जी के साथ राम-सीता की पूजा भी जरूर करें।

हनुमान जी के मंत्र (Hanuman Ji Ke Mantra)
1. ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः॥
2. ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय।
सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा॥
3. ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥
4. हं हनुमंते नम:
5. ओम नमो भगवते हनुमते नम:

हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti)
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

Apr 12, 2025 | 06:27 PM IST

हनुमान जी का पावरफुल मंत्र

हनु हनु हनु हनुमते नम:
Apr 12, 2025 | 06:11 PM IST

Hanuman Jayant 2025 LIVE: हनुमान पूजा के लाभ

ऐसी मान्यता है कि हनुमान जन्मोत्सव पर बजरंगबली के निमित्त व्रत एवं पूजन करने से भक्त के जीवन से हर तरह के दुख और संकट का नाश होता है।
Apr 12, 2025 | 05:47 PM IST

हनुमान चालीसा हिंदी में पढ़ने के लिए

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।

जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥

राम दूत अतुलित बल धामा ।

अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी ।

कुमति निवार सुमति के संगी ॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा ।

कानन कुण्डल कुँचित केसा ॥४

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै ।

काँधे मूँज जनेउ साजै ॥

शंकर स्वयं/सुवन केसरी नंदन ।

तेज प्रताप महा जगवंदन ॥

बिद्यावान गुनी अति चातुर ।

राम काज करिबे को आतुर ॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।

राम लखन सीता मन बसिया ॥८

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।

बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे ।

रामचन्द्र के काज सँवारे ॥

लाय सजीवन लखन जियाए ।

श्री रघुबीर हरषि उर लाये ॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।

तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥१२

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।

अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।

नारद सारद सहित अहीसा ॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।

कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।

राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥१६

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना ।

लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानु ।

लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।

जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥

दुर्गम काज जगत के जेते ।

सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥२०

राम दुआरे तुम रखवारे ।

होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।

तुम रक्षक काहू को डरना ॥

आपन तेज सम्हारो आपै ।

तीनों लोक हाँक तै काँपै ॥

भूत पिशाच निकट नहिं आवै ।

महावीर जब नाम सुनावै ॥२४

नासै रोग हरै सब पीरा ।

जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥

संकट तै हनुमान छुडावै ।

मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥

सब पर राम तपस्वी राजा ।

तिनके काज सकल तुम साजा ॥

और मनोरथ जो कोई लावै ।

सोई अमित जीवन फल पावै ॥२८

चारों जुग परताप तुम्हारा ।

है परसिद्ध जगत उजियारा ॥

साधु सन्त के तुम रखवारे ।

असुर निकंदन राम दुलारे ॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।

अस बर दीन जानकी माता ॥

राम रसायन तुम्हरे पासा ।

सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२

तुम्हरे भजन राम को पावै ।

जनम जनम के दुख बिसरावै ॥

अंतकाल रघुवरपुर जाई ।

जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥

और देवता चित्त ना धरई ।

हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥

संकट कटै मिटै सब पीरा ।

जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥३६

जै जै जै हनुमान गोसाईं ।

कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥

जो सत बार पाठ कर कोई ।

छूटहि बंदि महा सुख होई ॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।

होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा ।

कीजै नाथ हृदय मह डेरा ॥४०

॥ दोहा ॥

पवन तनय संकट हरन,

मंगल मूरति रूप ।

राम लखन सीता सहित,

हृदय बसहु सुर भूप ॥
Apr 12, 2025 | 05:20 PM IST

Hanuman Jayanti/Janmotsav 2025 LIVE: हनुमान जयंती उपाय

11 या 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ
हनुमान जयंती की रात हनुमान जी के सामने देसी घी का दीपक जलाकर 11 या 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे आपके जीवन के कष्ट अपने आप ही दूर होने लगेंगे।
Apr 12, 2025 | 04:44 PM IST

Hanuman Jayanti/Janmotsav 2025 LIVE: श्री राम चंद्र कृपालु भजमन

Apr 12, 2025 | 04:10 PM IST

Hanuman Jayanti/Janmotsav 2025 LIVE: श्री हनुमानाष्टक लिरिक्स

॥ हनुमानाष्टक ॥
बाल समय रवि भक्षी लियो तब,
तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।
ताहि सों त्रास भयो जग को,
यह संकट काहु सों जात न टारो ।
देवन आनि करी बिनती तब,
छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।
को नहीं जानत है जग में कपि,
संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥

बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,
जात महाप्रभु पंथ निहारो ।
चौंकि महामुनि साप दियो तब,
चाहिए कौन बिचार बिचारो ।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु,
सो तुम दास के सोक निवारो ॥ २ ॥

अंगद के संग लेन गए सिय,
खोज कपीस यह बैन उचारो ।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु,
बिना सुधि लाये इहाँ पगु धारो ।
हेरी थके तट सिन्धु सबै तब,
लाए सिया-सुधि प्राण उबारो ॥ ३ ॥

रावण त्रास दई सिय को सब,
राक्षसी सों कही सोक निवारो ।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु,
जाए महा रजनीचर मारो ।
चाहत सीय असोक सों आगि सु,
दै प्रभुमुद्रिका सोक निवारो ॥ ४ ॥

बान लग्यो उर लछिमन के तब,
प्राण तजे सुत रावन मारो ।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत,
तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो ।
आनि सजीवन हाथ दई तब,
लछिमन के तुम प्रान उबारो ॥ ५ ॥

रावन युद्ध अजान कियो तब,
नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल,
मोह भयो यह संकट भारो I
आनि खगेस तबै हनुमान जु,
बंधन काटि सुत्रास निवारो ॥ ६ ॥

बंधु समेत जबै अहिरावन,
लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
देबिहिं पूजि भलि विधि सों बलि,
देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो ।
जाय सहाय भयो तब ही,
अहिरावन सैन्य समेत संहारो ॥ ७ ॥

काज किये बड़ देवन के तुम,
बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
कौन सो संकट मोर गरीब को,
जो तुमसे नहिं जात है टारो ।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु,
जो कछु संकट होय हमारो ॥ ८ ॥

॥ दोहा ॥
लाल देह लाली लसे,
अरु धरि लाल लंगूर ।
वज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सूर ॥
Apr 12, 2025 | 03:16 PM IST

Hanuman Jayanti/Janmotsav 2025 LIVE: हनुमान जी किसके अवतार थे

हनुमान जी को भगवान शिव का ग्यारहवां रुद्र अवतार माना जाता है। वे वायु के पुत्र या अवतार भी कहे जाते हैं। कुछ पुराणों में उन्हें रुद्र, जो वायु का ही दूसरा नाम है, का अवतार बताया गया है। हनुमान जी भगवान राम के परम भक्त और प्रिय हैं।
Apr 12, 2025 | 02:41 PM IST

Hanuman Jayanti/Janmotsav 2025 LIVE: बजरंग बाण

Apr 12, 2025 | 02:12 PM IST

Hanuman Jayanti/Janmotsav 2025 LIVE: आरती श्री रामचन्द्र जी की

॥ आरती श्री रामचन्द्रजी ॥
श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन,हरण भवभय दारुणम्।

नव कंज लोचन, कंज मुख करकंज पद कंजारुणम्॥

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...॥

कन्दर्प अगणित अमित छवि,नव नील नीरद सुन्दरम्।

पट पीत मानहुं तड़ित रूचि-शुचिनौमि जनक सुतावरम्॥

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...॥

भजु दीनबंधु दिनेशदानव दैत्य वंश निकन्दनम्।

रघुनन्द आनन्द कन्द कौशलचन्द्र दशरथ नन्द्नम्॥

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...॥

सिर मुकुट कुंडल तिलकचारू उदारु अंग विभूषणम्।

आजानुभुज शर चाप-धर,संग्राम जित खरदूषणम्॥

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...॥

इति वदति तुलसीदास,शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।

मम ह्रदय कंज निवास कुरु,कामादि खल दल गंजनम्॥

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...॥

मन जाहि राचेऊ मिलहिसो वर सहज सुन्दर सांवरो।

करुणा निधान सुजानशील सनेह जानत रावरो॥

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...॥

एहि भाँति गौरी असीससुन सिय हित हिय हरषित अली।

तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनिमुदित मन मन्दिर चली॥

श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन...॥
Apr 12, 2025 | 01:38 PM IST

Hanuman Jayanti/Janmotsav 2025 LIVE: श्री हनुमान चालीसा

Apr 12, 2025 | 01:07 PM IST

Hanuman Jayanti/Janmotsav 2025 LIVE: बजरंग बाण लिरिक्स

॥ दोहा ॥
निश्चय प्रेम प्रतीति ते,बिनय करै सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ,सिद्ध करै हनुमान॥


॥ चौपाई ॥
जय हनुमन्त सन्त हितकारी।सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥
जन के काज विलम्ब न कीजै।आतुर दौरि महा सुख दीजै॥

जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा।सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥
आगे जाय लंकिनी रोका।मारेहु लात गई सुर लोका॥


जाय विभीषण को सुख दीन्हा।सीता निरखि परम पद लीन्हा॥
बाग उजारि सिन्धु महं बोरा।अति आतुर यम कातर तोरा॥

अक्षय कुमार मारि संहारा।लूम लपेटि लंक को जारा॥
लाह समान लंक जरि गई।जय जय धुनि सुर पुर महं भई॥

अब विलम्ब केहि कारण स्वामी।कृपा करहुं उर अन्तर्यामी॥
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता।आतुर होइ दु:ख करहुं निपाता॥

जय गिरिधर जय जय सुख सागर।सुर समूह समरथ भटनागर॥
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले।बैरिहिं मारू बज्र की कीले॥


गदा बज्र लै बैरिहिं मारो।महाराज प्रभु दास उबारो॥
ॐकार हुंकार महाप्रभु धावो।बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो॥

ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमन्त कपीसा।ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा॥
सत्य होउ हरि शपथ पायके।रामदूत धरु मारु धाय के॥

जय जय जय हनुमन्त अगाधा।दु:ख पावत जन केहि अपराधा॥
पूजा जप तप नेम अचारा।नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥

वन उपवन मग गिरि गृह माहीं।तुमरे बल हम डरपत नाहीं॥
पाय परौं कर जोरि मनावों।यह अवसर अब केहि गोहरावों॥


जय अंजनि कुमार बलवन्ता।शंकर सुवन धीर हनुमन्ता॥
बदन कराल काल कुल घालक।राम सहाय सदा प्रतिपालक॥

भूत प्रेत पिशाच निशाचर।अग्नि बैताल काल मारीमर॥
इन्हें मारु तोहि शपथ राम की।राखु नाथ मरजाद नाम की॥

जनकसुता हरि दास कहावो।ताकी शपथ विलम्ब न लावो॥
जय जय जय धुनि होत अकाशा।सुमिरत होत दुसह दु:ख नाशा॥

चरण शरण करि जोरि मनावों।यहि अवसर अब केहि गोहरावों॥
उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई।पांय परौं कर जोरि मनाई॥

ॐ चं चं चं चं चपल चलन्ता।ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता॥
ॐ हं हं हांक देत कपि चञ्चल।ॐ सं सं सहम पराने खल दल॥

अपने जन को तुरत उबारो।सुमिरत होय आनन्द हमारो॥
यहि बजरंग बाण जेहि मारो।ताहि कहो फिर कौन उबारो॥

पाठ करै बजरंग बाण की।हनुमत रक्षा करै प्राण की॥
यह बजरंग बाण जो जापै।तेहि ते भूत प्रेत सब कांपे॥

धूप देय अरु जपै हमेशा।ताके तन नहिं रहे कलेशा॥

॥ दोहा ॥
प्रेम प्रतीतिहिं कपि भजै,सदा धरै उर ध्यान।
तेहि के कारज सकल शुभ,सिद्ध करै हनुमान॥
Apr 12, 2025 | 12:30 PM IST

Hanuman Ji Ke 12 Naam: हनुमान जी के 12 नाम

1. हनुमान
2. अंजनीसुत
3. वायुपुत्र
4. महाबल
5. रामेष्ट
6. फाल्गुनसखा
7. पिंगाक्ष
8. अमितविक्रम
9. उदधिक्रमण
10. सीताशोकविनाशन
11. लक्ष्मणप्राणदाता
12. दशग्रीवदर्पहा
Apr 12, 2025 | 11:50 AM IST

हनुमान जी के गुरु कौन थे

हनुमान जी ने सूर्यदेव को अपना गुरु बनाया था। जब हनुमान जी थोड़े बड़े हुए और शिक्षा ग्रहण करने के योग्य हुए तो उनके माता-पिता ने उन्हें सूर्यदेव के पास शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा।
Apr 12, 2025 | 11:00 AM IST

सर्व बाधा मुक्ति हनुमान मंत्र

सर्व बाधा मुक्ति के लिए हनुमान जी का मंत्र है: "ॐ हनुमंते नम:" यह मंत्र हर तरह की बाधाओं से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है।
Apr 12, 2025 | 10:22 AM IST

हनुमान जन्म चौपाई

हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा को हुआ था। उनके जन्म की एक प्रसिद्ध चौपाई "अंजनि पुत्र महा बलदाई" है।
-अंजनि पुत्र महा बलदाई
सन्तन के प्रभु सदा सहाई
यह चौपाई हनुमान जी के महान बल और भक्तों के लिए उनकी हमेशा सहायता करने की भावना को दर्शाती है।
Apr 12, 2025 | 10:00 AM IST

श्री राम स्तुति I Shree Ramchandra Kripalu Bhajman

Apr 12, 2025 | 09:38 AM IST

हनुमान जी के श्लोक (Hanuman Ji Ke Shlok)

-ॐ रामदूताय विध्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमान् प्रचोदयात्॥

-अञ्जनानन्दनं वीरं जानकीशोकनाशनम्।

कपीशमक्षहन्तारं वन्दे लङ्काभयङ्करम्॥

-मनोजवं मारुततुल्यवेगं

जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।

वातात्मजं वानरयूथमुख्यं

श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥
Apr 12, 2025 | 09:02 AM IST

हनुमान जी भोग लिस्ट (Hanuman Ji Bhog List)

  • लड्डू
  • पान का प्रसाद
  • गुड़ और चना
  • केले
  • मीठे चावल
  • खीर
Apr 12, 2025 | 08:13 AM IST

Hanuman Jayanti Or Janmotsav: हनुमान जी की जयंती है या जन्मोत्सव?

हनुमान जी के जन्मदिन को हनुमान जयंती और हनुमान जन्मोत्सव के नाम से जाना जाता है। लेकिन जयंती या जन्मोत्सव में से क्या कहना सही होगा? तो आपको बता दें जयंती का प्रयोग उन लोगों के लिए किया जाता है जो अब जीवित नहीं हैं, जबकि जन्मोत्सव का प्रयोग जीवित लोगों के जन्मदिन के लिए किया जाता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान हनुमान आज भी जीवित हैं इसलिए इनके जन्मदिन को जन्मोत्सव कहना ज्यादा सही रहेगा।
Apr 12, 2025 | 07:35 AM IST

Hanuman Jayanti 2025: साल में दो बार मनाई जाती है हनुमान जयंती

क्या आप जानते हैं कि एक वर्ष में हनुमान जयंती दो बार मनाई जाती है, पहली चैत्र पूर्णिमा पर और दूसरी कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि पर। ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन हुआ था। वहीं चैत्र महीने की पूर्णिमा पर हनुमान जयंती मनाने के से जुड़ी भी एक कथा है। जिसमें कहा गया है कि एक बार हनुमान जी सूर्य को फल समझकर निगल गए थे जिससे क्रोधित होकर इंद्रदेव ने अपने वज्र से हनुमान जी पर प्रहार कर दिया था जिससे बाल हनुमान मूर्छित हो गए थे। तब पवन देव के क्रोधित हो गए र उन्होंने ब्रह्मा जी और सभी देवी-देवताओं ने बजरंगबली को पुनः जीवनदान दिया था। कहते हैं उस समय से ही यह दिन हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाने लगा।
Apr 12, 2025 | 06:43 AM IST

श्री बालाजी आरती (Shri Balaji Ki Aarti)

ॐ जय हनुमत वीरा,
स्वामी जय हनुमत वीरा ।
संकट मोचन स्वामी,
तुम हो रनधीरा ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

पवन पुत्र अंजनी सूत,
महिमा अति भारी ।
दुःख दरिद्र मिटाओ,
संकट सब हारी ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

बाल समय में तुमने,
रवि को भक्ष लियो ।
देवन स्तुति किन्ही,
तुरतहिं छोड़ दियो ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

कपि सुग्रीव राम संग,
मैत्री करवाई।
अभिमानी बलि मेटयो,
कीर्ति रही छाई ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

जारि लंक सिय-सुधि ले आए,
वानर हर्षाये ।
कारज कठिन सुधारे,
रघुबर मन भाये ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

शक्ति लगी लक्ष्मण को,
भारी सोच भयो ।
लाय संजीवन बूटी,
दुःख सब दूर कियो ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

रामहि ले अहिरावण,
जब पाताल गयो ।
ताहि मारी प्रभु लाय,
जय जयकार भयो ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

राजत मेहंदीपुर में,
दर्शन सुखकारी ।
मंगल और शनिश्चर,
मेला है जारी ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥

श्री बालाजी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत इन्द्र हर्षित,
मनवांछित फल पावे ॥
॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥
Apr 12, 2025 | 06:24 AM IST

Hanuman Jayanti Abhang: श्री हनुमान जन्माचे अभंग

देवांगना हातीं आणविला शृंगी । यज्ञ तो प्रसंगी आंरभिला ॥१॥
विभांडका क्रोध आला असे भारी । अयोध्या भीतरीं वेगीं आला ॥२॥
राजा दशरथ सामोरा जाऊनी । अति प्रिती करुनी सभे नेला ॥३॥
पुत्र स्नुषा दोन्हीं देखतां नयनीं । आनंदला मनी म्हणॆ नामा ॥४॥

आनंदोनी म्हणे राया धन्य केलें । इच्छिलें सोहळे पुरवीन ॥१॥
यज्ञाचा आरंभ करी लवलाह्मा । पुसोनी आचार्या वसिष्ठांसी ॥२॥
सर्व ऋषीजन मिळाले सकळ । मंत्रांचा कल्लोळ करिताती ॥३॥
नामा म्हणे शृंगी मुख्यत्वें शोभला । यज्ञ आरंभिला तेणें जेव्हां ॥४॥

आरंभिला यज्ञ सन्तोष सर्वत्र । आनंदे नगर दुमदुमीत ॥१॥
यज्ञनारायण सन्तोष पावला । प्रत्यक्ष तो आला कुंडांतुनीं ॥२॥
पायस तें पात्र घेऊनियां करीं । शृगीस झडकरी बोलतसे ॥३॥
विलंब करितां विघ्न ओढवेल । सत्वर वहिले भाग करा ॥४॥
नामा म्हणे देव येईल पोटासीं । ऎंसे गूज त्यासी अग्नी सांगे ॥५॥

विभाग सत्वर वसिष्ठानें केले । राया बोलाविलें सान्निधचि ॥१॥
प्रथम तो भाग कौसल्यसी दिला । तेणें क्रोध आला कनिष्ठेसी ॥२॥
येतांचि तो क्रोध विघ्न ओढवलें । मुखीं झडपिला पिंड घारीं ॥३॥
आसडोनी पिंड घारीनें पै नेला । नामा म्हणे घातिला अंजनी करीं ॥४॥

सुवर्च्यानामें स्वर्गीची देवांगना । ब्रह्मशापें जाणा घारी झाली ॥१॥
अयोध्येचा राजा दशरथ नृपती । यज्ञ पुत्राप्रती करविला ॥२॥
शृंगी पायसपात्र दिधलें वसिष्ठा हातीं । त्वरें करीजेती तीन भाग ॥३॥
तीन भाग वसिष्ठें करुनी निश्चितीं । दिधलें राणी हातीं तिघी तीस ॥४॥
कैकई रुसली तेथें विघ्न झालें । घारीनें तें नेलें निजभागा ॥५॥
एका जनार्दनी घारीं पिंड नेतां । पुढें झाली कथा श्रवण करा ॥६॥

ऋष्यमूक पर्वती अंजनी तप करी । आठविला अंतरी सदाशिव ॥१॥
तपाचिया अंती शिव झाला प्रसन्न । मागे वरदान काय इच्छा ॥२॥
येरी म्हणे तुज ऐसा व्हावा मज पुत्र । ज्ञानी भक्त पवित्र उत्तम गुणी ॥३॥
म्हणतसे शिव अंजुळी पसरुनी । बैस माझे ध्यानीं सावधान ॥४॥
वायुदेव येउनी प्रसाद देईल तुजला । भक्षीं कां वहिला अविलंबें ॥५॥
एका जनार्दनीं घारीं नेतां पिंड । वायूनें प्रचंड आसुडिला ॥६॥
Apr 12, 2025 | 05:54 AM IST

संकटमोचन हनुमान अष्टक, Sankat Mochan Hanuman Ashtak

Apr 11, 2025 | 11:45 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: संकट मोचन मंत्र

मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेंद्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।
Apr 11, 2025 | 10:58 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: हनुमान स्तुति

Apr 11, 2025 | 10:18 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: हनुमान जयंती भोग

हनुमान जी का प्रिय भोग- हनुमान जी को बूंदी के लड्डू प्रिय हैं। इसके अलावा आप गुड़-चना, जलेबी, पान का बीड़ा, खीर, फल व इमरती का भोग लगा सकते हैं।
Apr 11, 2025 | 09:23 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: हनुमान चालीसा की चमत्कारी चौपाई

महावीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।



यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा की इन पंक्तियों का जाप करता है तो उसे ज्ञान और बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है। उनके बुरे विचार दूर हो जाते हैं और उनके अंदर अच्छे विचार उत्पन्न होते हैं।
Apr 11, 2025 | 08:42 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: संकटमोचन हनुमान अष्टक

Apr 11, 2025 | 08:00 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: हनुमान जी के 12 नाम

हनुमान जी के बारह नाम इस प्रकार हैं: हनुमान, अंजनीसुत, वायुपुत्र, महाबल, रामेष्ट, फाल्गुनसखा, पिंगाक्ष, अमितविक्रम, उदधिक्रमण, सीताशोकविनाशन, लक्ष्मणप्राणदाता और दशग्रीवदर्पहा
Apr 11, 2025 | 07:08 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: हनुमान जी का मंत्र

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
Apr 11, 2025 | 06:16 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: हनुमान जी की आरती

॥ आरती श्री हनुमानजी ॥

आरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥

जाके बल से गिरिवर कांपे।रोग दोष जाके निकट न झांके॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई।सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥

दे बीरा रघुनाथ पठाए।लंका जारि सिया सुधि लाए॥

लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।जात पवनसुत बार न लाई॥

लंका जारि असुर संहारे।सियारामजी के काज सवारे॥

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे॥

पैठि पाताल तोरि जम-कारे।अहिरावण की भुजा उखारे॥

बाएं भुजा असुरदल मारे।दाहिने भुजा संतजन तारे॥

सुर नर मुनि आरती उतारें।जय जय जय हनुमान उचारें॥

कंचन थार कपूर लौ छाई।आरती करत अंजना माई॥

जो हनुमानजी की आरती गावे।बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥
Apr 11, 2025 | 05:45 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: हनुमान जयंती भोग

हनुमान जयंती पर हनुमान जी को भोग लगाने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं। हनुमान जी को गुड़ और चने का भोग लगाया जा सकता है, साथ ही इन्हें लड्डू, पेड़े, हलवा, जलेबी, इमरती, और फल जैसे भोग भी अर्पित किए जा सकते हैं।
Apr 11, 2025 | 05:15 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: बजरंग बाण

Apr 11, 2025 | 04:21 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: भगवान हनुमान गायत्री मंत्र

ऊँ आञ्जनेयाय विद्महे, वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्।
Apr 11, 2025 | 03:42 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: श्री राम स्तुति

श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥

कन्दर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि नोमि जनक सुतावरं ॥२॥

भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥

शिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अङ्ग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥

इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं।
मम् हृदय कंज निवास कुरु कामादि खलदल गंजनं ॥५॥

मन जाहि राच्यो मिलहि सो वर सहज सुन्दर सांवरो।
करुणा निधान सुजान शील स्नेह जानत रावरो ॥६॥

एहि भांति गौरी असीस सुन सिय सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥

॥सोरठा॥
जानी गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अङ्ग फरकन लगे।
Apr 11, 2025 | 03:05 PM IST

मंगलमूर्ति मारुति नंदन I Mangalmurti Maruti Nandan

Apr 11, 2025 | 02:27 PM IST

हनुमान आरती (Hanuman Aarti)

॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥

॥ आरती ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥
Apr 11, 2025 | 01:29 PM IST

हनुमान जयंती व्रत में क्या खा सकते हैं (Hanuman Jayanti Vrat Me Kya Kha Sakte Hai)

  • साबूदाना
  • मूंगफली
  • दूध-दही
  • समा के चावल
  • फल
  • सूखे मेवे (बादाम, अखरोट और किशमिश)
Apr 11, 2025 | 12:37 PM IST

Hanuman Jayanti 2025 Shubh Muhurat, Puja Vidhi LIVE: हनुमान जयंती उपाय

अगर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो हनुमान जयंती के दिन गरीब लोगों को खाना जरूर खिलाएं। ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर हो सकती है।

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