ऋषि मतंग के दिखाए मार्ग से हुआ था हनुमान जी का जन्म, पढ़ें पवनपुत्र से जुड़ा रोचक प्रसंग

Rishi matang and Hanuman: श्री वाल्मिकी रामायण और स्कंद पुराण के वैष्णव खंड में वर्णित है श्री हनुमान जी की जन्म कथा। हनुमान जी की माता अंजना को पूर्व जन्म में मिला था श्राप। हनुमान जी के जन्म कथा का रोचक प्रसंग क्या है आइये आज आपको पूरी कहानी आपको बताते हैं।

हनुमान जी की जन्म कथा

मुख्य बातें
  • वाल्मिकी रामायण में वर्णित है हनुमान जी की जन्म कथा
  • हनुमान जी की माता अंजना को मिला था पूर्वजन्म में श्राप
  • अंजना ने भगवान वेंकटेश्वर और वराह भगवान की थी साधना
सृष्टि के चिरंजीवी देव हनुमान जी की जन्म कथा जितनी रोचक है उतनी ही प्रेरणादायी भी है। पवनपुत्र के जन्म से पूर्व उनकी माता अंजना ने भगवान वेंकटेश्वर और वराह भगवान की साधना की थी। श्री वाल्मिकी रामायण के अनुसार हनुमान के जन्म की कथा इस प्रकार है।
जब मिला माता अंजना को श्राप
शचीपति इंद्र की समस्त अप्सराओं में पुंजिकस्थला नाम की अप्सरा अतिशय रूपमती और गुणवती थी। एक बार उसने श्री दुर्वासा ऋषि का उपहास कर दिया। क्रुद्ध ऋषि ने उसे श्राप देते हुए कहा−“वानरी की भांति चंचला, तू वानरी हो जा।
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