Hanuman Mandir in UP: उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर, कहीं ऊंचे तो कहीं लेटे हुए रूप में बजरंगबली देते हैं दर्शन
Hanuman Mandir in Uttar Pradesh (उत्तर प्रदेश के मंदिर): संस्कृति, सभ्यता और इतिहास के धरोहर उत्तर प्रदेश को देवताओं की नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां हनुमान भक्तों के लिए कई ऐसे मंदिर हैं, जहां वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। आइए जानते हैं उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध हनुमान मंदिरों के बारे में।

Popular Hanuman Temples in UP
Hanuman Mandir in
Hanuman Gadhi Temple, Ayodhya , Uttar Pradesh
हनुमान गढ़ी मंदिर, अयोध्या का प्रसिद्ध और विशाल मंदिर है, जो राजद्वार के सामने ऊंचे टीले पर स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल के हनुमान जी यहां एक गुफा में रहकर रामकोट और रामजन्मभूमि की रक्षा करते थे। यह भी कहा जाता है कि हनुमान जी यहां प्रभु श्री राम के साथ निवास करते थे। इसी वजह से यहां दर्शन के लिए भक्तों का जमावड़ा वर्षभर लगा रहता है। बता दें, हनुमान जी के दर्शन पाने के लिए आपको यहां 60 सीढ़ियां चढ़नी होंगी। इसके अलावा इस मंदिर के ठीक बगल में सुग्रीव टीला और अंगद टीला भी मौजूद है।
Hanuman Mandir of Prayagraj, Uttar Pradesh
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में स्थित हनुमान जी का यह मंदिर बेहद प्रसिद्ध है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां हनुमान जी की प्रतिमा लेटी हुई मुद्रा में है। 20 फुट की लंबाई वाली हनुमान जी की ये मूर्ति बेहद भव्य और आकर्षण का केंद्र है। श्रद्धालु हनुमान के दर्शन करने हर साल यहां जरूर आते हैं। बता दें, पूरी दुनिया में यह एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां बजरंगबली की लेटी हुई मूर्ति की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि यहां जो भी मुरादें मांगो वह पूरी हो जाती है।
Sankat Mochan Mandir, Varanasi , Uttar Pradesh
वाराणसी का संकट मोचन मंदिर बेहद मशहूर और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। मंदिर के प्रांगण में हनुमान जी की दिव्य प्रतिमा है, जो गोस्वामी तुलसीदासजी के तप से प्रकट हुई स्वयंभू मूर्ति है। यहां हर मंगलवार और शनिवार को भक्त हजारों की तादाद में हनुमान जी की पूजा अर्चना करने आते हैं। वहीं, हनुमान जयंती वाले दिन यहां हर साल संगीत समारोह का आयोजन होता है, जो किसी उत्सव से कम नहीं होता।
Purana Hanuman Mandir, Lucknow , Uttar Pradesh
लखनऊ के अलीगंज के बेहद प्राचीन हनुमान मंदिर को लेकर भी भक्तों में गहरी आस्था है। इसका इतिहास रामायण काल से जुड़ा माना जाता है। मान्यता है कि सीता जी को अयोध्या निकाला देने के बाद लक्ष्मण जी और हनुमान जी उनको वन छोड़ने जा रहे थे। शाम होने पर लक्ष्मण जी ने जहां विश्राम किया वो जगह आज लक्ष्मण टीला कहलाती है। वहीं हनुमान जी सीता माता की रक्षा के लिए जहां रुके, वो जगह ये मंदिर मानी जाती है।
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