Hariyali Teej Song Lyrics: हरियाली तीज का पर्व सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन रखा जाता है। इस साल हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त 2024 को रखा जाएगा। हरियाली तीज के दिन महिलाएं सोलह सिंगार करती हैं और अपने पति की लंबी आयु के लिए उपवास रखती हैं। हरियाली तीज के मौके पर महिलाओं के द्वारा अलग- अलग कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इस दिन सारी महिलाएं मिलकर झूला झूलती हैं और एक दूसरे को मेंहदी लगाती है। इस खास मौके पर लोकगीत गाए जाते हैं। यहां पढ़ें हरियाली तीज पर गाये जानें वाले लोकगीत के लिरिक्स।
Hariyali Teej Song Lyrics (हरियाली तीज गीत लिरिक्स)
(झुला झूल रही सब सखिया Jhula Jhul Rahi Sab Sakhiya)
झुला झूल रही सब सखिया आई हरयाली तीज आज,
राधा संग में झुले कान्हा झूमे अब तो सारा भाग,
नैनं भर के रस का प्याला देखे श्यामा को नदं लाला,
घन बरसे उमड़ उमड़ के देखो नित करे ब्रिज बाला,
छमछम करती ये पायलियाँ खोले मन के सारे राज,
झुला झूल रही सब सखिया आई हरयाली तीज आज,
सावन की आई बहार टप टप बरसे रे बोहार,
कोयल कुक उठी है कु कु गाये पपीहा मल्हार,
गाये राधा कृष्ण संग संग में गुने बंसी की आवाज,
झुला झूल रही सब सखिया आई हरयाली तीज आज,
नांनी नांनी बूंदियां
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा,
एक झूला डाला मैंने बाबल के राज में,
बाबुल के राज में…
संग की सहेली हे सावन का मेरा झूलणा,
नांनी नांनी बूंदियां, हे सावन का मेरा झूलणा।
ए झूला डाला मैंने भैया के राज में,
भैया के राज में..
गोद भतीजा हे सावन का मेरा झूलणा,
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा
सावन दिन आ गए
अरी बहना! छाई घटा घनघोर, सावन दिन आ गए।
उमड़-घुमड़ घन गरजते, अरी बहना! ठण्डी-ठण्डी पड़त फुहार,
सावन दिन…
बादल गरजे बिजली चमकती, अरी बहना! बरसत मूसलधार।
सावन दिन…
कोयल तो बोले हरियल डार पे, अरी बहना! हंसा तो करत किलोल।
सावन दिन…
वन में पपीहा पिऊ पिऊ रटै, अरी बहना! गौरी तो गावे मल्हार।
सावन दिन…
सखियां तो हिलमिल झूला झूलती, अरी बहना! हमारे पिया परदेस।
सावन दिन…
लिख-लिख पतियां मैं भेजती, अजी राजा सावन की आई बहार।
सावन दिन…
हमरा तो आवन गोरी होय ना, अजी गोरी! हम तो रहे मन मार।
सावन दिन…
राजा बुरी थारी चाकरी,
अजी राजा जोबन के दिन चार
सावन का महीना
सावन का महीना, झुलावे चित चोर, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,
मनवा घबराये मोरा बहे पूरवैया, झूला डाला है नीचे कदम्ब की छैयां…
कारी अंधियारी घटा है घनघोर, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,
सखियां करे क्या जाने हमको इशारा, मन्द मन्द बहे जल यमुना की धारा…
सावन का महीना झूलावे चित चोर…
श्री राधेजी के आगे चले ना कोई जोर, धीरे झूलो राधे, पवन करे शोर,
मेघवा तो गरजे देखो बोले कोयल कारी, पाछवा में पायल बाजे नाचे बृज की नारी…
श्री राधे परती वारो हिमरवाकी और, धीरे झूलो राधे पवन करे शोर,
सावन का महीना झूलावे चित चोर…