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हरतालिका तीज व्रत कथा, जानिए मां पार्वती ने कैसे और क्यों रखा था ये व्रत

हरतालिका तीज व्रत कथा, जानिए मां पार्वती ने कैसे और क्यों रखा था ये व्रत

हरतालिका तीज व्रत कथा, जानिए मां पार्वती ने कैसे और क्यों रखा था ये व्रत

साल 2023 में हरतालिका तीज व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा। हिंदू पंचांग अनुसार हरतालिका तीज पूजा (Hartalika Teej Puja Muhurat 2023) का मुहूर्त प्रातःकाल 06 बजकर 07 मिनट से 08 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बेहद फलदायी साबित होगी। इसके अलावा हरतालिका तीज प्रदोष काल मुहूर्त (Hartalika Teej Pradosh Puja Muhurat) शाम 06 बजकर 23 मिनट से शुरू होगा। हरतालिका तीज व्रत का पारण समय 19 सितंबर की सुबह 6 बजकर 8 मिनट से शुरू होगा (Hartalika Teej 2023 Parana Time)। हरतालिका तीज पूजा विधि की बात करें तो इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर उसकी पूजा की जाती है। इस दिन पार्वती माता को सुहाग सामग्री (Hartalika Teej Suhag Samagri) और भगवान शिव को धोती चढ़ाए जाने की परंपरा मुख्य रूप में निभाई जाती है। आगे जानिए हरतालिका तीज की सामग्री और पूजा विधि।

Hartalika Teej Vrat Katha, Vidhi, Aarti in Hindi: Read Here

हरतालिका तीज पूजा सामग्री लिस्ट (Hartalika Teej Puja Samagri List 2023 In Hindi)
गीली काली मिट्टी या बालू रेत, शमी का पत्ता, केले का पत्ता, धतूरे का फल, घी, शहद, गुलाल, चंदन, मंजरी, सूखा नारियल, कलश, बेलपत्र, कलावा, इत्र, पांच फल, सुपारी, अक्षत, धूप, दीप, कपूर, गंगाजल, दूर्वा और जनेऊ, आंक का फूल, मिठाई, कुमकुम, माता पार्वती को चढ़ाने के लिए सुहाग सामग्री।

हरतालिका तीज पूजा विधि (Hartalika Teej Puja Vidhi)
-हरतालिका तीज व्रत के दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ और नए वस्त्र धारण कर लें।
-इसके बाद भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करें।
-सुबह-सुबह शिव-पार्वती के मंदिर जरूर जाएं।
-फिर शाम में महिलाएं दोबारा से स्नान करके पूजा की तैयारी करें।
-पूजा स्थान पर केले के पत्ते पर भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
-आप चाहें तो इस दिन की पूजा में प्रयोग किए जाने वाली प्रतिमाएं खुद भी बना सकती हैं या बाजार से भी खरीद कर ला सकती हैं।
-अब भगवान की प्रतिमा को फूल और सुगंध आदि चीजें अर्पित करें।
-फिर उनके समक्ष दीपक जलाएं।
-अब षोडशोपचार विधि से माता पार्वती और भगवान शिव और गणेश जी की पूजा करें।
-माता पार्वती को सुहाग की चीजें और भगवान शिव को धोती चढ़ाएं।
-फिर उन्हें भोग अर्पित करें।
-इसके बाद हरतालिका तीज की कथा पढ़ें या सुनें।
-अंत में भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
-फिर अगले दिन सुबह शुभ मुहूर्त में पूजा कर अपना व्रत खोल लें।
-वहीं माता को चढ़ाई गई सुहाग पिटारी और भगवान शिव की धोती किसी ब्राह्मण को दान कर दें।

हरतालिका तीज पर्व क्यों और कैसे मनाया जाता है, इस दिन की परंपराएं क्या हैं, सबसे पहले किसने ये व्रत रखा था, हरतालिका तीज की पूजा के मंत्र क्या हैं, यहां आपको मिलेगी इस पर्व से जुड़ी हर जरूरी जानकारी...

Sep 18, 2023 | 09:53 PM IST

Hartalika Teej 2023: शिव भजन लिरिक्स

बड़े मतवाले है मेरे भोले बाबा लिरिक्सबड़े मतवाले है मेरे भोले बाबा,जटा में जिसके बहे गंगा,भोले पीते है भंगा,बड़े मतवाले है मेरे भोले बाबा,जग से निराले है मेरे भोले बाबा !कर में त्रिशूल साजे,हाथो में कमण्डल विराजे,गले में सर्पो की माला,मस्तक पर चाँद है निराला,वाघम्बर ओढ़े भस्म रमाये,श्रिंगी बजाने वाले है,मेरे भोले बाबा,जग से निराले है मेरे भोले बाबा !
Sep 18, 2023 | 09:30 PM IST

Hartalika Teej 2023 Mantra: हरतालिका मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:ओम गणेशाय नम:ओम नम: शिवाय
Sep 18, 2023 | 09:11 PM IST

Hartalika Teej 2023: शिव वंदना

शिव वंदनाॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायउमापति जय नमः शिवायपिता गणपति नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायभस्मामंगराय नमः शिवायनागेंद्र हाराय नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायत्रिलोचनाय नमः शिवायमहेश्वराय नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायदिगम्बराय नमः शिवायश्री नीलकंठाय नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायजटाधराय नमः शिवाययज्ञस्वरूपाय नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायपिनाकहस्ताय नमः शिवायसनातनाय नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायशिवाय गौरी नमः शिवायवृषभध्वजाय नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवायॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय
Sep 18, 2023 | 08:50 PM IST

Hartalika Teej 2023 Chalisa: हरतालिका तीज शिव चालीसा

॥ दोहा ॥जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान ।कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान ॥॥ चौपाई ॥जय गिरिजा पति दीन दयाला ।सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।कानन कुण्डल नागफनी के ॥अंग गौर शिर गंग बहाये ।मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4मैना मातु की हवे दुलारी ।बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥कार्तिक श्याम और गणराऊ ।या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8देवन जबहीं जाय पुकारा ।तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥किया उपद्रव तारक भारी ।देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥तुरत षडानन आप पठायउ ।लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥आप जलंधर असुर संहारा ।सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥किया तपहिं भागीरथ भारी ।पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥वेद नाम महिमा तव गाई।अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।जरत सुरासुर भए विहाला ॥कीन्ही दया तहं करी सहाई ।नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥सहस कमल में हो रहे धारी ।कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।कमल नयन पूजन चहं सोई ॥कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥जय जय जय अनन्त अविनाशी ।करत कृपा सब के घटवासी ॥दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।संकट से मोहि आन उबारो ॥मात-पिता भ्राता सब होई ।संकट में पूछत नहिं कोई ॥स्वामी एक है आस तुम्हारी ।आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28धन निर्धन को देत सदा हीं ।जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥शंकर हो संकट के नाशन ।मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32नमो नमो जय नमः शिवाय ।सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥जो यह पाठ करे मन लाई ।ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।पाठ करे सो पावन हारी ॥पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36पण्डित त्रयोदशी को लावे ।ध्यान पूर्वक होम करावे ॥त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥जन्म जन्म के पाप नसावे ।अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥॥ दोहा ॥नित्त नेम कर प्रातः ही,पाठ करौं चालीसा ।तुम मेरी मनोकामना,पूर्ण करो जगदीश ॥मगसर छठि हेमन्त ॠतु,संवत चौसठ जान ।अस्तुति चालीसा शिवहि,पूर्ण कीन कल्याण ॥
Sep 18, 2023 | 08:33 PM IST

Hartalika Puja 2023 : हरतालिका तीज पर करें ये काम

हरतालिका तीज व्रत में गलती से भी जल ग्रहण न करें।हरतालिका तीज के दिन महिलाएं अपने पति के साथ किसी तरह के वाद-विवाद से बचें।व्रत के दौरान क्रोध करने से भी बचें।हरतालिका तीज के दिन व्रती महिलाओं का सोना वर्जित होता है।इस दिन मन में किसी भी तरह की गलत भावना न लाएं।
Sep 18, 2023 | 08:17 PM IST

Hartalika Teej 2023 Parana Time: हरतालिका तीज व्रत पारण

हरतालिका तीज व्रत पारण का समय 19 सितंबर को 06:08 बजे है। इस दिन बह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के बाद पूजा करें और भगवान को लगाया भोग ग्रहण करें।
Sep 18, 2023 | 07:54 PM IST

Hartalika Teej Bhajan Lyrics In Hindi- हरतालिका तीज भजन

पहनो पहनो सुहागन नार,चूड़ी पहनो लाल रंग की || लाल चूड़ी पहनोगी तो लाल रहोगी, तेरो अमर उद्देश प्रगत व प्रा.....पीली चूड़ी पहनोगी तो पीली रहोगी, तेरो लक्ष्मी भरे भंडार, चूड़ी पहनो......हरी चूड़ी पहनोगी तो हरी भरी रहोगी,तेरो भरा रहे, परिवार, महनो....पचरंगी चूड़ी पहनोगी तो पति की प्यारी रह तुम्हरे रामचंद्र भरतार, चूड़ी पहनो.....कत्थई चूड़ी पहनोगी तो बहू अच्छी बनोगी, तुम्हरी गौदी में खेले नंदलाल, चूड़ी पहनो....
Sep 18, 2023 | 07:33 PM IST

Hartalika Teej 2023 Parna: हरतालिका तीज व्रत पारण में क्या खाएं

हरतालिका तीज के व्रत का पारण भगवान के लगाए भोग को खा कर करें। इसलिए पूजा में चढ़ाए गए भोग से ही अपना व्रत खोलें। इसके बाद भोजन ग्रहण करें।
Sep 18, 2023 | 07:24 PM IST

Hartalika Teej Mantra: हरतालिका तीज मंत्र

उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये’
कात्यायिनी महामाये महायोगिनीधीश्वरी
नन्द-गोपसुतं देवि पतिं में कुरु ते नम:
गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया।
मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।
ॐ पार्वतीपतये नमः
Sep 18, 2023 | 07:12 PM IST

Shiv Chalisa Lyrics In Hindi: शिव चालीसा

॥ दोहा ॥
जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान ।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥

॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥

अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥

वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4

मैना मातु की हवे दुलारी ।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥

नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ ।
या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8

देवन जबहीं जाय पुकारा ।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥

किया उपद्रव तारक भारी ।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥

तुरत षडानन आप पठायउ ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥

आप जलंधर असुर संहारा ।
सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥

किया तपहिं भागीरथ भारी ।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥

दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।
सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥

वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।
जरत सुरासुर भए विहाला ॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥

पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥

सहस कमल में हो रहे धारी ।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20

एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।
कमल नयन पूजन चहं सोई ॥

कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥

जय जय जय अनन्त अविनाशी ।
करत कृपा सब के घटवासी ॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24

त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।
येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥

लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।
संकट से मोहि आन उबारो ॥

मात-पिता भ्राता सब होई ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28

धन निर्धन को देत सदा हीं ।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥

अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥

शंकर हो संकट के नाशन ।
मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।
शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32

नमो नमो जय नमः शिवाय ।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥

जो यह पाठ करे मन लाई ।
ता पर होत है शम्भु सहाई ॥

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।
पाठ करे सो पावन हारी ॥

पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36

पण्डित त्रयोदशी को लावे ।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥

जन्म जन्म के पाप नसावे ।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40

कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥

॥ दोहा ॥
नित्त नेम कर प्रातः ही,
पाठ करौं चालीसा ।
तुम मेरी मनोकामना,
पूर्ण करो जगदीश ॥

मगसर छठि हेमन्त ॠतु,
संवत चौसठ जान ।
अस्तुति चालीसा शिवहि,
पूर्ण कीन कल्याण ॥
Sep 18, 2023 | 07:06 PM IST

Hartalika Teej Vrat Katha: हरतालिका तीज व्रत कथा

हरतालिका तीज की व्रत कथा अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए हिमालय पर गंगा के तट पर अधोमुखी होकर घोर तप किया। इस दौरान उन्होंने अन्न का त्याग कर दिया था। उन्होंने काफी समय सूखे पत्ते चबाकर ही काटा और कई वर्षों तक उन्होंने केवल हवा ही ग्रहण कर अपना समय व्यतीत किया। माता पार्वती की ऐसी स्थिति देखकर उनके पिता बेहद दुखी थे।

इसी दौरान महर्षि नारद मां पार्वती के पिता के पास पहुंचे और उन्होंने भगवान विष्णु की ओर से पार्वतीजी के लिए विवाह का प्रस्ताव रखा जिसे पार्वती जी के पिता ने तुरंत ही स्वीकार कर लिया। पिता ने जब बेटी पार्वती को उनके विवाह की बात बतलाई तो माता पार्वती को बहुत दुख हुआ और वे जोर-जोर से विलाप करने लगीं।

फिर माता पार्वती की सखी ने उनसें उनके दुख का कारण पूछा तो माता ने उसे बताया कि वे भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर व्रत कर रही हैं, जबकि उनके पिता उनका विवाह श्री विष्णु से कराना चाहते हैं। तब सहेली की सलाह पर माता पार्वती एक घने वन में चली गईं और वे वहां जाकर एक गुफा में शिव की आराधना में लीन हो गईं।

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हस्त नक्षत्र मे माता पार्वती ने रेत से शिवलिंग बनाया और वे भोलेनाथ की स्तुति में लीन होकर रात्रि जागरण करने लगीं। तब माता की इस कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।

मान्यता है कि इस दिन जो महिलाएं विधि-विधानपूर्वक इस व्रत को करती हैं, वे अपने मन के अनुरूप पति को प्राप्त करतीं हैं। साथ ही इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं।
Sep 18, 2023 | 06:45 PM IST

Hartalika Teej 2023 Puja Vidhi: हरतालिका तीज पूजा विधि

प्रदोष काल में हरतालिका तीज की पूजा करने की परंपरा है। इस दिन सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा करें और फिर पूजा के दौरान माता पार्वती को लाल चूड़ियां, लाल चुनरी, कुमकुम, सिन्दूर, फूल और इत्र चढ़ाएं। पूजा के बाद सुहागन स्त्री के सुहाग का सामान दान करें।
Sep 18, 2023 | 06:29 PM IST

Hartalika Teej 2023 Aarti : हरतालिका तीज पर करें ये आरती

शिव जी की आरती ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा।।ओम जय शिव ओंकारा।।एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसानन गरूड़ासनवृषवाहन साजे।।ओम जय शिव ओंकारा।।दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।।ओम जय शिव ओंकारा।।अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी।।ओम जय शिव ओंकारा।।श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे।।ओम जय शिव ओंकारा।।ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।मधु कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।ओम जय शिव ओंकारा।।लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा।पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।।ओम जय शिव ओंकारा।।पर्वत सोहें पार्वतू, शंकर कैलासा।भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा।।ओम जय शिव ओंकारा।।जया में गंग बहत है, गल मुण्ड माला।शेषनाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला।।ओम जय शिव ओंकारा।।काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी।।ओम जय शिव ओंकारा।।त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोई नर गावे।कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावे।।ओम जय शिव ओंकारा।। ओम जय शिव ओंकारा।।
Sep 18, 2023 | 06:11 PM IST

Hartalika Puja 2023 Parana Time: हरतालिका व्रत पारण समय

हरतालिका तीज के व्रत का पारण 19 सितंबर 2023 सूर्योदय के डेढ़ घंटे के अंदर सुबह के 6 बजकर 6 मिनट पर होगा। इस व्रत का पारण इस समय में करना उचित होगा।
Sep 18, 2023 | 05:56 PM IST

Hartalika Parana Vidhi: हरतालिका तीज व्रत पारण विधि

हरतालिका तीज व्रत के अगले दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करने के बाद शिव गौरी की पूजा करें। इसके बाद प्रसाद स्वरूप मिठाई और जल से अपना व्रत खोलें। इस दिन नमकीन या तले भुने खाने से अपना व्रत ना खोलें।
Sep 18, 2023 | 05:27 PM IST

Hartalika shub muhurat 2023: हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त 2023

इस दिन हरतालिका तीज की पूजा के लिए तीन शुभ मुहूर्त हैं। पहला मुहूर्त सुबह 6:07 से 8:34 बजे तक है। इसके बाद दूसरा मुहूर्त 9:11 से 10:43 बजे तक रहेगा। इसके बाद तीसरा मुहूर्त 15:19 से 19:51 तक रहेगा। इन तीन मुहूर्तों में शिव-गौरी की पूजा करना सर्वोत्तम रहेगा।
Sep 18, 2023 | 05:04 PM IST

Hartalika Teej Parvati Chalisa: पार्वती चालीसा

॥ दोहा ॥जय गिरी तनये दक्षजेशम्भू प्रिये गुणखानि ।गणपति जननी पार्वतीअम्बे! शक्ति! भवानि ॥॥ चौपाई ॥ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे ।पंच बदन नित तुमको ध्यावे ॥षड्मुख कहि न सकत यश तेरो ।सहसबदन श्रम करत घनेरो ॥तेऊ पार न पावत माता ।स्थित रक्षा लय हिय सजाता ॥अधर प्रवाल सदृश अरुणारे ।अति कमनीय नयन कजरारे ॥ललित ललाट विलेपित केशर ।कुंकुंम अक्षत शोभा मनहर ॥कनक बसन कंचुकि सजाए ।कटी मेखला दिव्य लहराए ॥कंठ मदार हार की शोभा ।जाहि देखि सहजहि मन लोभा ॥बालारुण अनंत छबि धारी ।आभूषण की शोभा प्यारी ॥नाना रत्न जड़ित सिंहासन ।तापर राजति हरि चतुरानन ॥इन्द्रादिक परिवार पूजित ।जग मृग नाग यक्ष रव कूजित ॥ 10गिर कैलास निवासिनी जय जय ।कोटिक प्रभा विकासिनी जय जय ॥त्रिभुवन सकल कुटुंब तिहारी ।अणु अणु महं तुम्हारी उजियारी ॥हैं महेश प्राणेश तुम्हारे ।त्रिभुवन के जो नित रखवारे ॥उनसो पति तुम प्राप्त कीन्ह जब ।सुकृत पुरातन उदित भए तब ॥बूढ़ा बैल सवारी जिनकी ।महिमा का गावे कोउ तिनकी ॥सदा श्मशान बिहारी शंकर ।आभूषण हैं भुजंग भयंकर ॥कण्ठ हलाहल को छबि छायी ।नीलकण्ठ की पदवी पायी ॥देव मगन के हित अस किन्हो ।विष लै आपु तिनहि अमि दिन्हो ॥ताकी तुम पत्नी छवि धारिणी ।दुरित विदारिणी मंगल कारिणी ॥देखि परम सौंदर्य तिहारो ।त्रिभुवन चकित बनावन हारो ॥ 20भय भीता सो माता गंगा ।लज्जा मय है सलिल तरंगा ॥सौत समान शम्भू पहआयी ।विष्णु पदाब्ज छोड़ि सो धायी ॥तेहि कों कमल बदन मुरझायो ।लखी सत्वर शिव शीश चढ़ायो ॥नित्यानंद करी बरदायिनी ।अभय भक्त कर नित अनपायिनी ॥अखिल पाप त्रयताप निकन्दिनी ।माहेश्वरी हिमालय नन्दिनी ॥काशी पुरी सदा मन भायी ।सिद्ध पीठ तेहि आपु बनायी ॥भगवती प्रतिदिन भिक्षा दात्री ।कृपा प्रमोद सनेह विधात्री ॥रिपुक्षय कारिणी जय जय अम्बे ।वाचा सिद्ध करि अवलम्बे ॥गौरी उमा शंकरी काली ।अन्नपूर्णा जग प्रतिपाली ॥सब जन की ईश्वरी भगवती ।पतिप्राणा परमेश्वरी सती ॥ 30तुमने कठिन तपस्या कीनी ।नारद सों जब शिक्षा लीनी ॥अन्न न नीर न वायु अहारा ।अस्थि मात्रतन भयउ तुम्हारा ॥पत्र घास को खाद्य न भायउ ।उमा नाम तब तुमने पायउ ॥तप बिलोकी ऋषि सात पधारे ।लगे डिगावन डिगी न हारे ॥तब तब जय जय जय उच्चारेउ ।सप्तऋषि निज गेह सिद्धारेउ ॥सुर विधि विष्णु पास तब आए ।वर देने के वचन सुनाए ॥मांगे उमा वर पति तुम तिनसों ।चाहत जग त्रिभुवन निधि जिनसों ॥एवमस्तु कही ते दोऊ गए ।सुफल मनोरथ तुमने लए ॥करि विवाह शिव सों भामा ।पुनः कहाई हर की बामा ॥जो पढ़िहै जन यह चालीसा ।धन जन सुख देइहै तेहि ईसा ॥ 40॥ दोहा ॥कूटि चंद्रिका सुभग शिर,जयति जयति सुख खा‍निपार्वती निज भक्त हित,रहहु सदा वरदानि ।॥ इति श्री पार्वती चालीसा ॥
Sep 18, 2023 | 04:48 PM IST

Hartalika Teej 2023 Aarti: हरतालिका तीज पर करें पार्वती माता की आरती

जय पार्वती माता,जय पार्वती माताब्रह्मा सनातन देवी,शुभ फल की दाता ।॥ जय पार्वती माता... ॥अरिकुल कंटक नासनि,निज सेवक त्राता,जगजननी जगदम्बा,हरिहर गुण गाता ।॥ जय पार्वती माता... ॥सिंह को वहान साजे,कुंडल है साथा,देव वधू जस गावत,नृत्य करत ता था ।॥ जय पार्वती माता... ॥सतयुग रूप शील अतिसुंदर,नाम सती कहलाता,हेमाचंल घर जन्मी,सखियाँ संगराता ।॥ जय पार्वती माता... ॥शुम्भ निशुम्भ विदारे,हेमाचंल स्थाता,सहस्त्र भुजा तनु धरिके,चक्र लियो हाथा ।॥ जय पार्वती माता... ॥सृष्टि रूप तुही है जननी,शिव संग रंगराता,नन्दी भृंगी बीन लही,सारा जग मदमाता ।॥ जय पार्वती माता... ॥देवन अरज करत हम,चरण ध्यान लाता,तेरी कृपा रहे तो,मन नहीं भरमाता ।॥ जय पार्वती माता... ॥मैया जी की आरती,भक्ति भाव से जो नर गाता,नित्य सुखी रह करके,सुख संपत्ति पाता ।॥ जय पार्वती माता... ॥जय पार्वती माता,जय पार्वती माता,ब्रह्मा सनातन देवी,शुभ फल की दाता ।जय पार्वती माता,जय पार्वती माताब्रह्मा सनातन देवी,शुभ फल की दाता ।
Sep 18, 2023 | 04:23 PM IST

Hartalika Vrat 2023 History: हरतालिका व्रत सबसे पहले किसने किया था

हरतालिका तीज व्रत हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हरतालिका तीज को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में स्वीकार करने के लिए मनाया था। यह कथा स्वयं भगवान शिव ने माता पार्वती को सुनाई और उन्हें अपने पूर्व जन्म की याद दिलाई।
Sep 18, 2023 | 04:08 PM IST

Hartalika Teej Mantra- हरतालिका तीज पर करें शिव मंत्रों का जाप

जरा जन्म दुःखौघ तातप्यमानं,प्रभो पाहि आपन्नामामीश शम्भो ॥शंकराय नमः ।ॐ महादेवाय नमः।ॐ महेश्वराय नमः।ॐ श्री रुद्राय नमः।ॐ नील कंठाय नमः।
Sep 18, 2023 | 03:49 PM IST

Hartalika Teej Mantra- हरतालिका तीज मंत्र

माता पार्वती का मंत्रया देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
Sep 18, 2023 | 03:28 PM IST

Hartalika Puja Samagri- हरतालिका तीज 2023 की पूजा सामग्री

काली मिट्टी या रेतएक कलशलाल और पीले रंग के कपड़े, लाल चुनरी और लाल या हरे रंग की नई साड़ीसोलह श्रृंगार का सामानपीला सिंदूरफूलमालाशिवजी और गणेश जी के लिए वस्त्रबेलपत्रधतूराभांगकेले के पत्तेपान का पत्तासुपारीदूर्वाकुमकुमपंचामृतनारियलचंदनकपूरदीपकफलजनेऊगाय का घीसरसों तेलमोदकबताशादहीचीनीशहदगंगाजल, गाय का गोबर
Sep 18, 2023 | 03:15 PM IST

Hartalika 2023 Puja Time: हरतालिका तीज पर शाम को करें इस समय में पूजा

प्रदोष काल में चार प्रहर की पूजा शाम 06 बजकर 23 मिनट से शुरू हो जाएगा। इस दिन इस शुभ समय में पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही अखंड सौभाग्य का वरदान भी प्राप्त होगा।
Sep 18, 2023 | 02:56 PM IST

Hartalika Teej 2023 Paran Niyam- हरतालिका तीज पारण नियम

भगवान का प्रसाद ग्रहण करने के बाद पानी पीकर व्रत खोलें।अगर आपको चाय पीना पसंद है तो इसे खाली पेट पीने से बचें। अपना उपवास तोड़ने के तुरंत बाद तेल वाला खाना ना खाएं या भारी भोजन खाने से बचें।व्रत खोलने के बाद दही या फिर सरगी की थाली में आई चीजों का सेवन भी कर सकती हैं।पारण के समय खट्टे फल और मैदा खाने से बचना चाहिए।
Sep 18, 2023 | 02:41 PM IST

Hartalika Teej 2023: हरतालिका तीज महत्व

सनातन धर्म में हरतालिका तीज का बहुत महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। जो भी कुंवारी कन्या इस दिन व्रत रखती हैं। उनको मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। इस दिन विधि- विधान से शिव पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
Sep 18, 2023 | 02:24 PM IST

Hartalika Teej 2023 Parvati strot: हरतालिका तीज पर करें पार्वाती स्तोत्र का पाठ

।।जानकीकृतं पार्वती स्तोत्र।।जानकी उवाचशक्तिस्वरूपे सर्वेषां सर्वाधारे गुणाश्रये।सदा शंकरयुक्ते च पतिं देहि नमोsस्तु ते।।सृष्टिस्थित्यन्त रूपेण सृष्टिस्थित्यन्त रूपिणी।सृष्टिस्थियन्त बीजानां बीजरूपे नमोsस्तु ते।।हे गौरि पतिमर्मज्ञे पतिव्रतपरायणे।पतिव्रते पतिरते पतिं देहि नमोsस्तु ते।।सर्वमंगल मंगल्ये सर्वमंगल संयुते।सर्वमंगल बीजे च नमस्ते सर्वमंगले।।सर्वप्रिये सर्वबीजे सर्व अशुभ विनाशिनी।सर्वेशे सर्वजनके नमस्ते शंकरप्रिये।।परमात्मस्वरूपे च नित्यरूपे सनातनि।साकारे च निराकारे सर्वरूपे नमोsस्तु ते।।क्षुत् तृष्णेच्छा दया श्रद्धा निद्रा तन्द्रा स्मृति: क्षमा।एतास्तव कला: सर्वा: नारायणि नमोsस्तु ते।।लज्जा मेधा तुष्टि पुष्टि शान्ति संपत्ति वृद्धय:।एतास्त्व कला: सर्वा: सर्वरूपे नमोsस्तु ते।।दृष्टादृष्ट स्वरूपे च तयोर्बीज फलप्रदे ।सर्वानिर्वचनीये च महामाये नमोsस्तु ते।।शिवे शंकर सौभाग्ययुक्ते सौभाग्यदायिनि।हरिं कान्तं च सौभाग्यं देहि देवी नमोsस्तु ते।।फलश्रुतिस्तोत्रणानेन या: स्तुत्वा समाप्ति दिवसे शिवाम्।नमन्ति परया भक्त्या ता लभन्ति हरिं पतिम्।।इह कान्तसुखं भुक्त्वा पतिं प्राप्य परात्परम्।दिव्यं स्यन्दनमारुह्य यान्त्यन्ते कृष्णसंनिधिम्।।(श्री ब्रह्मवैवर्त पुराणे जानकीकृतं पार्वतीस्तोत्रं सम्पूर्णम्।।)
Sep 18, 2023 | 01:59 PM IST

हरतालिका व्रत क्यों रखा जाता है?

सौभाग्यवती स्त्रियां अपने सुहाग को अखण्ड बनाए रखने और अविवाहित युवतियां मन अनुसार वर पाने के लिए हरितालिका तीज का व्रत करती हैं। सर्वप्रथम इस व्रत को माता पार्वती ने भगवान शिव शंकर के लिए रखा था। इस दिन व्रत रखने से व्रती को सौभाग्य का वर मिलता है। उसकी सारी मनोकामना पूरी होती है।
Sep 18, 2023 | 01:36 PM IST

Shri Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics Written (गणेश भगवान की आरती)

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
Sep 18, 2023 | 12:44 PM IST

हरतालिका तीज की पूजन सामग्री

हरतालिका तीज के पूजन के लिए भगवान शिव, देवी पार्वती और उनके पुत्र भगवान गणेश की मिट्टी की प्रतिमा रखें। पूजन के लिए नया पीले रंग का वस्‍त्र, केले का पत्ता, रोली, जनेऊ, सुपारी, शमी के पत्ते, बेलपत्र, कलश, अक्षत, दूर्वा, घी, कपूर, दही, गंगाजल चाहिए। इसके अलावा देवी पार्वती के श्रृंगार के लिए सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, मेहंदी और कुमकुम आदि रखें।
Sep 18, 2023 | 12:14 PM IST

Hartalika Teej Song: हरतालिका तीज के गीत

ये भोले बाबा हमहु करव तीज के व्रत बनल रहे अमर सुहाग हो ।
ये गउरा रानी बनल रहे अमर सूहान हो मे माता भरल रहे मंगीया हमार हो ।
अच्छत चन्दन बेलवा के पत्तिया पूजवा करव
हम धोई के चउकिया हँसी खुशी रखीह घर संसार हो ।
ये बाबा हमहु करव तीज के व्रतीया हो बनल रहे
अमर सुहाग हो ये बाबा भरल रहे मँगीया हमार हो ।
गंगा के जलवा अउरो खीरवा अनरसा पूजवा करव
हम सजाई के चउकीया भोगवा लगाइव
हम करी के विनतीया हाथ जोड़ी मांगव वरदान हो
ये बाबा पूरा करीह मनमा के आस हो ।
तीज माता बनल रहे अमर सुहाग हो ।
संईयाँ को मिलीहे लम्बी उमरिया हर साल करव
तीज के व्रतीया बड़ा नीक होला तीज त्योहार हो ।
ये माता तीज के पावन पर्व हमहु करव हो
बनल रहे अमर सुहाग हो ये बाबा भरल रहे मँगीया हमार हो ।
अन धन लक्ष्मी से भरल अंगनमा दम दम दमकेला
मोरा सजनमा’ पूरा करीह सजना के आस हो ।
ये बाबा तीज के पावन व्रत हमहु करव हो पूरा करीह
हमरो के आस हो सजल रहे मंगीया हमार हो ।
Sep 18, 2023 | 11:38 AM IST

Hartalika Teej Vrat Parana Time: हरतालिका तीज व्रत खोलने का समय

हरतालिका तीज व्रत निर्जला रखा जाता है। यानि इस व्रत में पूरे दिन अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता। हरतालिका तीज व्रत का पारण अगले दिन किया जाता है। इस साल हरतालिका तीज व्रत का पारण समय 19 सितंबर की सुबह 6 बजकर 5 मिनट के बाद का है।
Sep 18, 2023 | 10:58 AM IST

Hartalika Teej Puja Samagri: हरतालिका तीज पूजा सामग्री

हरतालिका तीज के पूजन के लिए भगवान शिव, देवी पार्वती और उनके पुत्र भगवान गणेश की मिट्टी की प्रतिमा रखें। पूजन के लिए नया पीले रंग का वस्‍त्र, केले का पत्ता, रोली, जनेऊ, सुपारी, शमी के पत्ते, बेलपत्र, कलश, अक्षत, दूर्वा, घी, कपूर, दही, गंगाजल चाहिए। इसके अलावा देवी पार्वती के श्रृंगार के लिए सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, मेहंदी और कुमकुम आदि रखें।
Sep 18, 2023 | 10:12 AM IST

Hartalika Teej 2023 Puja Time In Hindi: हरतालिका तीज पूजा समय

हरितालिका तीज 202318 सितंबर 2023, सोमवार
प्रातःकाल हरितालिका पूजा मुहूर्त06:06 AM से 08:32 AM
प्रदोष काल पूजा समय05:50 PM 07:30 PM
तृतीया तिथि प्रारम्भ17 सितंबर 2023, 12:38 PM बजे
तृतीया तिथि समाप्त18 सितंबर 2023, 02:09
Sep 18, 2023 | 09:57 AM IST

Hartalika Teej Phulera Darshan: हरतालिका तीज फुलेरा दर्शन

हरतालिका तीज के पूजन में भगवान शंकर के ऊपर फुलेरा बांधा जाता है। हरतालिका तीज के पूजन में फुलेरा का विशेष महत्व है। फुलेरा जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है फूलों से बनाया जाता है। इसमें 5 ताजे फूलों की माला का होना जरूरी माना जाता है। मान्यता है कि फुलेरे में बांधी जाने वाली 5 फूलों की मालाएं भगवान भोलेनाथ की पांच पुत्रियों (जया, विषहरा, शामिलबारी, देव और दोतली) का प्रतीक है।
Sep 18, 2023 | 09:51 AM IST

Hartalika Teej 2023: हरतालिका तीज पर कब करनी चाहिए पूजा

हरतालिका तीज पर प्रात: काल ही पूजा करनी चाहिए। हालांकि, अगर आप सुबह के समय पूजन नहीं कर सकते हैं, तो शिव-पार्वती के पूजन के लिए प्रदोष काल का समय भी उपयुक्‍त रहेगा।
Sep 18, 2023 | 09:20 AM IST

Hartalika Teej Bhajan Lyrics: हरतालिका तीज भजन

पहनो पहनो सुहागन नार,चूड़ी पहनो लाल रंग की || लाल चूड़ी पहनोगी तो लाल रहोगी, तेरो अमर उद्देश प्रगत व प्रा.....पीली चूड़ी पहनोगी तो पीली रहोगी, तेरो लक्ष्मी भरे भंडार, चूड़ी पहनो......हरी चूड़ी पहनोगी तो हरी भरी रहोगी,तेरो भरा रहे, परिवार, महनो....पचरंगी चूड़ी पहनोगी तो पति की प्यारी रह तुम्हरे रामचंद्र भरतार, चूड़ी पहनो.....कत्थई चूड़ी पहनोगी तो बहू अच्छी बनोगी, तुम्हरी गौदी में खेले नंदलाल, चूड़ी पहनो
Sep 18, 2023 | 08:56 AM IST

हरतालिका तीज मंत्र 2023 (Hartalika Teej Mantra 2023)


शांति मंत्र
ॐ द्यौः शान्तिरन्तरिक्षं शान्तिः पृथिवी शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः। वनस्पतयः शान्तिर्विश्वेदेवाः शान्तिर्ब्रह्म शान्तिः सर्वं शान्तिः शान्तिरेव शान्तिः सा मा शान्तिरेधि॥ ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥

क्षमा मंत्र
जगन्मातर्मातस्तव चरणसेवा न रचिता न वा दत्तं देवि द्रविणमपि भूयस्तव मया। तथापि त्वं स्नेहं मयि निरुपमं यत्प्रकुरुषे कुपुत्रो जायेत क्व चिदपि कुमाता न भवति॥

देवी पार्वती का मंत्र
ओम् उमयेए पर्वतयेए जग्दयेए जगत्प्रथिस्थयेए स्हन्तिरुपयेए स्हिवयेए ब्रह्म रुप्नियेए

शिव मंत्र
ओम् ह्रयेए महेस्ह्अरयेए स्हम्भवे स्हुल् पद्येए पिनक्ध्रस्हे स्हिवये पस्हुपतये महदेवयअ नमह्
Sep 18, 2023 | 08:21 AM IST

Hartalika Teej Vrat Katha In Hindi: हरतालिका तीज व्रत कथा

हरतालिका तीज की व्रत कथा अनुसार मां पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए हिमालय पर गंगा के तट पर अधोमुखी होकर घोर तप किया। इस दौरान उन्होंने अन्न का त्याग कर दिया था। उन्होंने काफी समय सूखे पत्ते चबाकर ही काटा और कई वर्षों तक उन्होंने केवल हवा ही ग्रहण कर अपना समय व्यतीत किया। माता पार्वती की ऐसी स्थिति देखकर उनके पिता बेहद दुखी थे।

इसी दौरान महर्षि नारद मां पार्वती के पिता के पास पहुंचे और उन्होंने भगवान विष्णु की ओर से पार्वतीजी के लिए विवाह का प्रस्ताव रखा जिसे पार्वती जी के पिता ने तुरंत ही स्वीकार कर लिया। पिता ने जब बेटी पार्वती को उनके विवाह की बात बतलाई तो माता पार्वती को बहुत दुख हुआ और वे जोर-जोर से विलाप करने लगीं।

फिर माता पार्वती की सखी ने उनसें उनके दुख का कारण पूछा तो माता ने उसे बताया कि वे भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर व्रत कर रही हैं, जबकि उनके पिता उनका विवाह श्री विष्णु से कराना चाहते हैं। तब सहेली की सलाह पर माता पार्वती एक घने वन में चली गईं और वे वहां जाकर एक गुफा में शिव की आराधना में लीन हो गईं।

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हस्त नक्षत्र मे माता पार्वती ने रेत से शिवलिंग बनाया और वे भोलेनाथ की स्तुति में लीन होकर रात्रि जागरण करने लगीं। तब माता की इस कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।

मान्यता है कि इस दिन जो महिलाएं विधि-विधानपूर्वक इस व्रत को करती हैं, वे अपने मन के अनुरूप पति को प्राप्त करतीं हैं। साथ ही इस व्रत को करने से दांपत्य जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं।
Sep 18, 2023 | 07:46 AM IST

Shiv Ji Ki Aarti In Hindi (शिव जी की आरती)

ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

एकानन चतुरानन
पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

दो भुज चार चतुर्भुज
दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते
त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

अक्षमाला वनमाला,
मुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै,
भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

श्वेताम्बर पीताम्बर
बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक
भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

कर के मध्य कमंडल
चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी
जगपालन कारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित
ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति
जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी
सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

लक्ष्मी व सावित्री
पार्वती संगा ।
पार्वती अर्द्धांगी,
शिवलहरी गंगा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

पर्वत सोहैं पार्वती,
शंकर कैलासा ।
भांग धतूर का भोजन,
भस्मी में वासा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

जटा में गंग बहत है,
गल मुण्डन माला ।
शेष नाग लिपटावत,
ओढ़त मृगछाला ॥
जय शिव ओंकारा...॥

काशी में विराजे विश्वनाथ,
नंदी ब्रह्मचारी ।
नित उठ दर्शन पावत,
महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
Sep 18, 2023 | 07:08 AM IST

हरतालिका तीज व्रत नियम (Hartalika Teej Vrat Niyam)

निर्जला व्रत रखें
हरतालिका तीज के दिन निर्जला व्रत रखना चाहिए। इस दिन भूलकर भी अन्न और जल का सेवन नहीं करना चाहिए। इस व्रत के दिन सुबह स्नान के बाद कुछ भी ग्रहण ना करें।

ऐसे करें व्रत शुरू
यदि आप पहली बार ये व्रत रख रही हैं तो सबसे पहले सुबह उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। यदि आप पहली बार में ही निर्जला व्रत का संकल्प ले रही हैं तो उसे विधि पूर्वक निभाएं।

व्रत की अवधि
हरतालिका तीज व्रत 24 घंटे का रखा जाता है। यह व्रत भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि के सूर्योदय से आरंभ होता है और अगले दिन चतुर्थी के सूर्योदय के साथ समाप्त होता है।

सोना मना है
हरतालिका तीज के दिन दिन और रात में सोना वर्जित होता है। गलती से भी उस दिन न सोयें। रात्रि के समय महिलाओं को भगवान शिव और माता पार्वती का भजन-कीर्तन करना चाहिए।

इस समय में ना करें पूजा
हरतालिका तीज के दौरान जब महिलाएं मासिक धर्म से होती हैं तो इन महिलाओं को दूर से ही भगवान की कथा सुननी चाहिए। भगवान को स्पर्श नहीं करना चाहिए, नियत समय पर ही अपना व्रत तोड़ना चाहिए।

काले रंग से रहें दूर
इस दिन महिलाओं को काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए क्योंकि वे अपने परिवार की खुशहाली और समृद्धि के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखती हैं। काला रंग नकारात्मकता का प्रतीक है।

सोलह श्रृंगार
इस दिन विवाहित महिलाओं को 16 श्रृंगार करके शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए। मेहंदी जरूर लगानी चाहिए। मान्यता है कि इससे भगवान शंकर प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

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