Hartalika Teej 2024 Puja Vidhi, Katha: हरतालिका तीज का व्रत कैसे रखा जाता है? इसकी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत कथा क्या है, यहां जानिए सबकुछ
Hartalika Teej 2024 Date, Puja Vidhi, Katha: हरतालिका तीज का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड और राजस्थान में मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। जानिए इस साल हरतालिका तीज कब है, इसकी पूजा विधि और व्रत कथा क्या है।
Hartalika Teej 2024 Date, Time, Puja Vidhi And Katha
Hartalika Teej 2024 Date, Puja Vidhi, Katha: हरतालिका तीज के दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की रेत से बनाई गई मूर्तियों की पूजा करती हैं। ये व्रत पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता है। इस व्रत में अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता है। कहते हैं सबसे पहले माता पार्वती ने ये व्रत किया था। जिसके प्रभाव से उन्हें भगवान शिव की प्राप्ति हुई थी। चलिए जानते हैं 2024 में हरतालिका तीज व्रत कब है, इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है (Hartalika Teej Puja Vidhi)।
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हरतालिका तीज 2024 कब है (Hartalika Teej 2024 Kab Hai)
इस साल हरतालिका तीज 6 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। भाद्रपद तृतीया तिथि का प्रारंभ 5 सितंबर की दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर होगा और इसकी समाप्ति 6 सितंबर की दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर होगी।
हरतालिका तीज 2024 पूजा मुहूर्त (Hartalika Teej 2024 Puja Muhurat)
हरतालिका तीज पूजा का शुभ मुहूर्त 6 अगस्त की सुबह 06 बजकर 02 मिनट से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में तीज की पूजा जरूर करें। इसके बाद शाम में प्रदोष काल में तीज की पूजा की जाती है।
हरतालिका तीज पूजन सामग्री (Hartalika Teej Puja Samagri)
- भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी की प्रतिमा
- माता पार्वती को चढ़ाने के लिए वस्त्र
- देवी पार्वती के श्रृंगार के लिए सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, मेहंदी और कुमकुम
- सुपारी, शमी के पत्ते
- बेलपत्र, कलश,
- अक्षत, दूर्वा, घी,
- कपूर, दही
- गंगाजल
- केले का पत्त
- रोली, जनेऊ
हरतालिका तीज पूजा विधि (Hartalika Teej Puja Vidhi)
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ वस्त्र पहनें।
- इसके बाद हाथ में गंगाजल लेकर हरतालिका तीज व्रत करने का संकल्प लें।
- फिर माता पार्वती, भगवान शिव और भगवान गणेश की मिट्टी से प्रतिमा बनाएं।
- इसके बाद पूजा घर के पास चाैकी लगाएं।
- फिर पार्वती जी को लाल रंग की चुनरी, फल, अक्षत, फूल, धूप-दीप अर्पित करें।
- इसके बाद भगवान शिव को सफेद चंदन, धतूरा, भांग, बेलपत्र और सफेद फूल चढ़ाएं।
- इसके बाद माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी के मंत्रों का जाप करें।
- फिर तीनों को भोग लगाएं।
- इसके बाद हरतालिका तीज की कथा सुनें।
- अंत में पार्वती माता की आरती कर पूजा संपन्न करें।
हरतालिका तीज व्रत कथा (Hartalika Teej Vrat Katha In Hindi)
हरतालिका तीज का त्योहार भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। किवदंती अनुसार जब नारद जी भगवान विष्णु का देवी पार्वती से विवाह कराने का प्रस्ताव लेकर पार्वती माता के पिता के पास पहुंचे थे तो देवी पार्वती विलाप करने लगीं थी। क्योंकि वे भगवान शिव को अपने पति के रूप में स्वीकार कर चुकी थीं। तब देवी पार्वती की सखी उन्हें घनघोर जंगल में लेकर चली गईं जहां माता पार्वती शिव शंकर जी की उपासना में लीन हो गईं। इस दौरान जब भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि को हस्त नक्षत्र चल रहा था तब देवी पार्वती ने मिट्टी से शिवलिंग बनाया और फिर शिव की उपासना में करने लगीं। मां पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। कहते हैं तभी से मनचाहा वर पाने और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए महिलाएं तीज का व्रत करने लगीं।
हरतालिका तीज का महत्व (Hartalika Teej Kyu Manate Hai)
हरतालिका तीज व्रत पति की लंबी आयु और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना से रखा जाता है। इसके अलावा ये व्रत कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं। इसके अलावा कई महिलाएं अपनी संतान के लिए भी ये व्रत रखती हैं।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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