Hartalika Teej Phulera Darshan 2023: हरतालिका तीज फुलेरा सामग्री, महत्व और इसके दर्शन के फायदे

Hartalika Teej Phulera Darshan: शिवमहापुराण के अनुसार जिनके विवाह में देरी हो रही हो वो अगर तीज वाले दिन किसी भी 7 फुलेरे का दर्शन कर लें तो ऐसी मान्यता है कि उनका 3 महीने में ही विवाह पक्का हो जाता है। जानिए हरतालिका तीज फुलेरा कैसे बनाया जाता है।

Hartalika Teej Phulera Darshan

Hartalika Teej Phulera Darshan: हरतालिका तीज व्रत को बड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। जो हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को रखा जाता है। इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। ये व्रत निर्जला रखा जाता है यानि इसमें अन्न-जल कुछ ग्रहण नहीं किया जाता। धार्मिक मान्यता है इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में सदैव खुशियां बनी रहती हैं। हरतालिका तीज की पूजा में फुलेरा (Hartalika Teej Fulera) बांधने का विधान है। यहां आप जानेंगे फुलेरा क्या होता है, इसका महत्व क्या है।

Hartalika Teej Phulera Mahatva (हरतालिका तीज पर फुलेरा का महत्व)

हरतालिका तीज पूजन में भगवान शंकर के ऊपर फुलेरा बांधा जाता है। फुलेरा फूलों से बनाया जाता है। इसमें 5 ताजे फूलों की माला का होना जरूरी माना गया है। मान्यता है कि फुलेरे में बांधी जाने वाली 5 फूलों की मालाएं जया, विषहरा, शामिलबारी, देव और दोतली का प्रतीक है। जो भगवान भोलेनाथ की पांच पुत्रियां मानाी जाती हैं।

Hartalika Teej Phulera Samagri (हरतालिका तीज फुलेरा सामग्री)

बिंजोरी, सात प्रकार की समी, देवअंतु, चरबेर, झानरपत्ती, लज्जाती, निगरी, रांग फूल, सागौर के फूल, धतूरा, हिमरितुली, नवकंचनी, शिल भिटई, तिलपत्ती, शिवताई, चिलबिनिया, धतूरे का फूल, बिजिरिया, नवबेलपत्र, हनुमंत सिंदूरी, मौसत पुष्प, सागौर के फूल, वनस्तोगी आदि फूल की पत्तियां या जड़ी बूटियां होती हैं।

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