हरतालिका तीज के शाम का मुहूर्त हुआ शुरू, पूजा शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, आरती सहित यहां जानें सारी जानकारी
Hartalika Teej Puja Samagri
हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त 2024 (Hartalika Teej Puja Muhurat 2024)
हरतालिका तीज पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर 2024 की सुबह 06 बजकर 02 मिनट से 08 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। वहीं तीज पूजा का प्रदोष काल मुहूर्त शाम 06 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। तृतीया तिथि का प्रारम्भ 5 सितम्बर की दोपहर 12:21 बजे से होगा और इसकी समाप्ति 6 सितंबर 2024 की दोपहर 03:01 बजे होगी।
Hartalika Teej Vrat Niyam In Hindi
हरतालिका व्रत पूजन विधि (Hartalika Teej Puja Vidhi)
- हरतालिका तीज की पूजा सुबह और शाम दोनों समय करनी चाहिए।
- इस व्रत में माता पार्वती और भगवान शिव की रेत से प्रतिमा बनाई जाती है।
- फिर पूजा स्थान पर केले के पत्ते को रखकर उसपर भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है।
- इसके बाद भगवान की प्रतिमाओं को फूल और सुगंध अर्पित किया जाता है।
- इसके बाद माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की विधि विधान पूजा की जाती है।
- इस पूजा में महिलाएं सुहाग का एक पिटारा माता को चढ़ाती हैं। जिसमें सुहाग की सभी सामग्री रहती है।
- इसके साथ ही भगवान शिव को धोती चढ़ाई जाती है।
- इसके बाद हरितालिका तीज की कथा सुनी जाती है।
- फिर महिलाएं रात्रि में जागरण करती हैं और फिर अगली सुबह स्नान आदि करने के बाद पूजा करके अपना व्रत खोती हैं।
Hartalika Teej Kyu Manate Hai In Hindi
हरतालिका व्रत के नियम (Hartalika Teej Vrat Niyam)
हरतालिका तीज व्रत निर्जला और बिना कुछ खाए-पिए रखा जाता है। इस व्रत में पूरे दिन अन्न-जल कुछ भी ग्रहण नहीं करना होता है। कहते हैं अगर हरतालिका व्रत एक बार शुरू कर दिया जाए तो इसे बीच में छोड़ा नहीं चाहिए। इस व्रत में रात में सोना नहीं चाहिए। व्रत की रात भजन-कीर्तन करना चाहिए और अगले दिन सुबह स्नान के बाद पुनः पूजा करके व्रत खोलना चाहिए।
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प्रदोष काल हरतालिका तीज व्रत पूजन विधि
हरतालिका तीज की पूजा सुबह और शाम दोनों समय करनी चाहिए।इस व्रत में माता पार्वती और भगवान शिव की रेत से प्रतिमा बनाई जाती है।
फिर पूजा स्थान पर केले के पत्ते को रखकर उसपर भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की जाती है।
इसके बाद भगवान की प्रतिमाओं को फूल और सुगंध अर्पित किया जाता है।
इसके बाद माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की विधि विधान पूजा की जाती है।
इस पूजा में महिलाएं सुहाग का एक पिटारा माता को चढ़ाती हैं। जिसमें सुहाग की सभी सामग्री रहती है।
इसके साथ ही भगवान शिव को धोती चढ़ाई जाती है।
इसके बाद हरितालिका तीज की कथा सुनी जाती है।
फिर महिलाएं रात्रि में जागरण करती हैं और फिर अगली सुबह स्नान आदि करने के बाद पूजा करके अपना व्रत खोती हैं।
कब करें हरतालिका तीज व्रत का पारण?
हरतालिका तीज के दिन व्रत का पारण अलग-अलग जगहों पर विभिन्न तरह से किया जाता है। कई महिलाएं प्रदोष काल में शिव-पार्वती की विधिवत पूजा करने के बाद व्रत का पारण कर देती हैं, तो कई महिलाएं चतुर्थी तिथि को सूर्योदय से पूर्व व्रत का पारण करती है। इसलिए 7 सितंबर को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में अपना व्रत खोल सकते हैं।teej puja time 2024 ( Teej Puja Time)
तीज पूजा का प्रदोष काल मुहूर्त शाम 06 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। यानी प्रदोष काल में पूजा का कुल समय 23 मिनट का होगा।Hartalika Mantra(हरचतालिका मंत्र)
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।। हरतालिका तीज पर मां पार्वती और शिव जी की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ इन मंत्रों का जाप करें।Hartalika Teej 2024 Bhog List In Hindi (हरतालिका तीज भोग लिस्ट)
मौसमी फलहरतालिका तीज के दिन मौसमी फल जैसे कि अनार, खीरा, अंगूर, केला, सेब इन चीजों का भी प्रसाद चढ़ा सकती हैं। पूजा में फलों का भोग जरूर लगाना चाहिए।
मिठाई
इस दिन पूजा के दौरान आप पांच रंग की मिठाई का भोग लगा सकते हैं। आप इसमें लड्डू और बर्फी जरूर शामिल कर सकती हैं। ये भोग शिव जी को अतिप्रिय है।
मठरी
हरतालिका तीज के दिन बहुत से लोग मीठी मठरी और नमकीन मठरी का भी भोग लगाते हैं। पूजा के दौरान आप इस चीज का भी भोग लगा सकती हैं।
पूड़ी हलवा
Hartalika Teej Vrat Katha (हरतालिका व्रत कथा)
पौराणिक मान्यता के अनुसार, पिता के यज्ञ में अपने पति भगवान शिव का अपमान माता पार्वती सहन नहीं कर पाई थीं और उन्होंने स्वयं को यज्ञ की अग्नि में भस्म कर दिया था। इसके बाद उन्होंने राजा हिमाचल के घर में अगला जन्म लिया और इस जन्म में भी उन्होंने शंकर जी को ही अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की। देवी पार्वती सदैव भगवान शिव की तपस्या में लीन रहतीं थीं। उनकी ऐसा हालत देखकर राजा हिमाचल को चिंता होने लगी और उन्होंने नारद जी से बात की। इसके उन्होंने पार्वती जी का विवाह भगवान विष्णु से करने का फैसला लिया। लेकिन देवी पार्वती विष्णु जी से विवाह नहीं करना चाहती थीं। ऐसे में उनके मन की बात जानकर उनकी सखियों ने उनका हरण कर लिया और जंगल में चली गईं।मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि के हस्त नक्षत्र में माता पार्वती ने मिट्टी के शिवलिंग बनाकर भोलेनाथ की स्तुति की और रात्रि में जागरण किया। इस दौरान उन्होंने अन्न का त्याग भी कर दिया था। उनकी ये कठोर तपस्या 12 साल तक चली। पार्वती के इस कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने दर्शन दिए और इच्छा अनुसार उनको अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। इसके बाद से हर साल महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए हरतालिका तीज का व्रत करती हैं।
हरतालिका तीज प्रदोष काल टाइम (Hartalika Teej Pradosh Kaal time)
चर - सामान्य - 06:02 AM से 07:36 AM लाभ - उन्नति - 09:28 PM से 10:54 PMलाभ - उन्नति - 07:36 AM से 09:10 AM शुभ - उत्तम - 12:19 AM से 01:45 AM, सितम्बर 07
अमृत - सर्वोत्तम - 09:10 AM से 10:45 AM अमृत - सर्वोत्तम - 01:45 AM से 03:11 AM, सितम्बर 07
शुभ - उत्तम - 12:19 PM से 01:53 PM चर - सामान्य - 03:11 AM से 04:36 AM, सितम्बर 07
चर - सामान्य - 05:02 PM से 06:36 PM
हरतालिका तीज की आरती (Hartalika Teej Aarti In Hindi)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
Hartalika Teej Vrat Katha (हरतालिका व्रत कथा)
पौराणिक मान्यता के अनुसार, पिता के यज्ञ में अपने पति भगवान शिव का अपमान माता पार्वती सहन नहीं कर पाई थीं और उन्होंने स्वयं को यज्ञ की अग्नि में भस्म कर दिया था। इसके बाद उन्होंने राजा हिमाचल के घर में अगला जन्म लिया और इस जन्म में भी उन्होंने शंकर जी को ही अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की। देवी पार्वती सदैव भगवान शिव की तपस्या में लीन रहतीं थीं। उनकी ऐसा हालत देखकर राजा हिमाचल को चिंता होने लगी और उन्होंने नारद जी से बात की। इसके उन्होंने पार्वती जी का विवाह भगवान विष्णु से करने का फैसला लिया। लेकिन देवी पार्वती विष्णु जी से विवाह नहीं करना चाहती थीं। ऐसे में उनके मन की बात जानकर उनकी सखियों ने उनका हरण कर लिया और जंगल में चली गईं।मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि के हस्त नक्षत्र में माता पार्वती ने मिट्टी के शिवलिंग बनाकर भोलेनाथ की स्तुति की और रात्रि में जागरण किया। इस दौरान उन्होंने अन्न का त्याग भी कर दिया था। उनकी ये कठोर तपस्या 12 साल तक चली। पार्वती के इस कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव ने दर्शन दिए और इच्छा अनुसार उनको अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। इसके बाद से हर साल महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए हरतालिका तीज का व्रत करती हैं।्
Hartalika Teej 2024 Puja Time In Hindi (हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त 2024)
दिल्ली06:20 PM से 07:20 PMलखनऊ06:20 PM से 07:20 PM
कानपुर06:20 PM से 07:20 PM
पटना06:20 PM से 07:20 PM
प्रयागराज06:20 PM से 07:20 PM
मेरठ06:20 PM से 07:20 PM
आगरा06:20 PM से 07:20 PM
वाराणसी06:20 PM से 07:20 PM
नोएडा06:20 PM से 07:20 PM
गोरखपुर06:20 PM से 07:20 PM
हरतालिका तीज व्रत कथा (Hartalika teej vrat katha)
पौराणिक कथा के अनुसार, हिमालय राज के परिवार में मां सती ने पुनः शरीर धारण करके मां पार्वती के रूप में जन्म लिया। हिमालय राज ने मां पार्वती की शादी जगत के पालनहार भगवान विष्णु से कराने का निर्णय कर लिया था। परंतु मां पार्वती पूर्व जन्म के प्रभाव की वजह से मन में ही महादेव को अपने पति के रूप में स्वीकार कर चुकी थीं। लेकिन माता सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव तपस्या में लीन थे, जिसकी वजह से वह तपस्वी बन गए थे।हरतालिका तीज व्रत पारण मुहूर्त 2024 (Hartalika Teej Vrat Parana Muhurat 2024)
इस साल चौरचन पूजा पर्व 6 सितंबर 2024 को शुक्रवार के दिन मनाया जा रहा है। इस दिन चांद की पूजा की जाती है। चौरचन पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर की दोपहर 3 बजकर 1 मिनट से 7 सितंबर की शाम 5 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।हरतालिका तीज व्रत पारण विधि (Hartalika Teej Vrat Parana Vidhi In Hindi)
जो महिलाएं हरतालिका तीज व्रत का पारण उसी दिन कर लेती हैं। वे पारण करने से पहले विधि विधान शिव, पार्वती और गणेश जी की पूजा करें। इसके बाद अपना व्रत खोल लें। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि तीज व्रत वाले दिन अन्न का सेवन नहीं करना है। आप शाम की पूजा के बाद जल पी सकती हैं साथ में फलाहार भी ले सकती हैं। लेकिन जो महिलाएं तीज व्रत का पारण अगले दिन करती हैं वो अगली सुबह जल्दी उठ जाएं। फिर स्नान कर सुदंर वस्त्र धारण करें। इसके बाद माता गौरी को सिंदूर चढ़ाएं और उस सिंदूर को अपनी मांग में भी लगा लें। इसके बाद ककड़ी और हलवे का भोग लगाएं। फिर उसी ककड़ी को खाकर उपवास तोड़ लें। पारण के बाद सभी सामग्री को और शिव-पार्वती की मिट्टी की प्रतिमा को नदी या कुण्ड में विसर्जित कर दें।हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त (Hartalika Teej Shubh Muhurat)
भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि 05 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर शुरू होने जा रही है। वहीं इस तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत शुक्रवार, 06 सितंबर 2024 को किया जाएगा।हरतालिका तीज पर कितनी बार नहाना चाहिए
हरतालिका तीज पर दो बार नहाना चाहिए एक बार सुबह और एक बार शाम में पूजा से पहले।Hartalika Teej Ka Parana Kab Kare: हरतालिका तीज का पारण कब करें
हरतालिका तीज का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। पारण से पहले भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान पूजा जरूर करें।हरियाली तीज और हरतालिका तीज में अंतर
हरियाली तीज और हरतालिका तीज में बहुत अधिक अंतर होता है। हरियाली तीज सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। वहीं हरतालिका तीज को भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाने का विधान हैं। हरियाली तीज और हरतालिका तीज की तिथि में एक माह का अंतर होता है। ये दोनों ही तीज उत्तर भारत में मनाई जाती है।Hartalika Teej Me Kya Khaye: हरतालिका तीज में क्या खा सकते हैं
प्रेगनेंट और बीमार महिलाओं को तीज व्रत में फलाहार लेना चाहिए। आप नारियल पानी, साबूदाना, आलू इन चीजों का सेवन कर सकती हैं।हरतालिका तीज क्यों मनाई जाती है (Hartalika Teej Kyu Manai Jati Hai)
हरतालिका तीज क्यों मनाई जाती है इस बारे में जानकारी इसकी पौराणिक कथा से मिलती है। हरतालिका तीज की कथा के अनुसार पार्वती माता की सहेलियां उनका अपहरण कर उन्हें घनघोर जंगल में ले गई थीं। जिससे पार्वतीजी के उनके पिता उनका विवाह भगवान विष्णु से न कर दें। क्योंकि माता पार्वती भगवान शिव से विवाह करना चाहती थीं।भगवान शिव की आरती (Shiv Ji Ki Aarti)
ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्द्धांगी धारा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसानन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।
सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
मधु कैटव दोउ मारे, सुर भयहीन करे।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
पर्वत सोहें पार्वतू, शंकर कैलासा।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
जया में गंग बहत है, गल मुण्ड माला।
शेषनाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी।।
ओम जय शिव ओंकारा।।
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोई नर गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी मनवान्छित फल पावे।।
ओम जय शिव ओंकारा।। ओम जय शिव ओंकारा।।
हरतालिका तीज में क्या नहीं करना चाहिए?
इस व्रत के दौरान दिन में सोना वर्जित माना गया है।Hartalika Teej Mehndi Designs: तीज की मेहंदी
श्री गणेश जी की आरती (Sri Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
Teej Images With Shiv Parvati
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Hartalika Teej 2024 16 Shringar List (हरतालिका तीज सोलह श्रृंगार लिस्ट)
- बिंदी
- सिंदूर
- बिछिया
- पायल
- लिपिस्टिक
- मांग टीका
- काजल
- गजरा
- नथ
- झुमका
- कान बाली
- मंगलसूत्र
- चूड़ियां
- मेहंदी
- बाजूबंद
- कमरबंद
- आलता
- नेल पोलिस
Hartalika Teej Aarti: हरतालिका तीज की आरती लिरिक्स
जय पार्वती माता, जय पार्वती माता.ब्रह्म सनातन देवी, शुभ फल की दाता..
जय पार्वती माता...
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता.
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता.
जय पार्वती माता...
सिंह को वाहन साजे कुंडल है साथा.
देव वधु जहं गावत नृत्य कर ताथा..
जय पार्वती माता...
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सती कहलाता.
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता..
जय पार्वती माता...
शुम्भ-निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता.
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाथा..
जय पार्वती माता...
सृष्टि रूप तुही जननी शिव संग रंगराता.
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मदमाता.
जय पार्वती माता...
देवन अरज करत हम चित को लाता.
गावत दे दे ताली मन में रंगराता..
जय पार्वती माता...
श्री प्रताप आरती मैया की जो कोई गाता.
सदा सुखी रहता सुख संपति पाता..
जय पार्वती माता...।
Hartalika Teej 2024 Dont's (हरतालिका तीज के दिन क्या करें)
- हरतालिका तीज के दिन व्रती महिलाएं भूलकर भी पानी ना ग्रहण करें।
- इस दिन मांस मदिरा और तामसिक चीजों का सेवन ना करें।
- हरतालिका तीज के दिन किसी भी स्थिति में अपने मुंह से गलत शब्द ना निकालें।
- इस दिन गुस्सा होने से बचना चाहिए।
- हरतालिका तीज के दिन बाल और नाखून नहीं काटना चाहिए।
- इस दिन भूलकर भी काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।
Shiv parvati photos
हरतालिका तीज के गाने (Hartalika Teej Ke Gane)
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठेवो तो गौरा से प्यार कर बैठे
मैंने ढोलक मंगाई भोले के लिए
वो तो डमरू से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
मैंने गाड़ी मंगाई भोले के लिए
वो तो नंदी से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
मैंने माला मंगाई भोले के लिए
वो तो नागो से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
मैंने भोजन मंगाया भोले के लिए
वो तो भंगिया से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
मैंने गागर भराई भोले के लिए
वो तो गंगा से प्यार कर बैठे
भोला ख़ुशी में कमाल कर बैठे
वो तो गौरा से प्यार कर बैठे
Hartalika Teej 2024 Dos (हरतालिका तीज के दिन क्या करें)
- हरतालिका तीज के दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें।
- इस दिन महिलाएं लाल या हरे रंग की साड़ी पहनें।
- हरतालिका तीज के दिन माता पार्वती और भगवान शिव जी की मिट्टी की मूर्ति बनाएं।
- हरतालिका तीज के दिन महिलाएं निर्जला रहकर व्रत रखें।
- इस दिन आप अपनी क्षमता के अनुसार दान जरूर करें।
- हरतालिका तीज के दिन सुहागिन स्त्रियां माता पार्वती को सुहाग का सामान अर्पित करें।
- इस दिन पूजा के समय भगवान शिव के मंत्रों का जाप जरूर करें।
हरतालिका तीज के दिन सूर्योदय से पहले करें इन चीजों का सेवन
नारियल पानीअनार जूस
पानी
चाय
खीरा
जूस वाले फूल
दही
ड्राई फ्रूट्स
Period Me Hartalika teej kaise rakhen: पीरियड में तीज व्रत कैसे करें
पीरियड में भी तीज व्रत नहीं छोड़ना चाहिए। इस दौरान भी आपको विधि विधान व्रत रखना चाहिए। बस इस समय भगवान की मूर्तियों को स्पर्श न करें। तीज की पूजा घर की किसी दूसरी महिला से करा लें और मंदिर से दूर बैठकर कथा सुननी चाहिए।Mehandi Design for teej
Hartalika Teej Puja Samagri (हरतालिका तीज की पूजा सामग्री )
गीली मिट्टीसुपाड़ीरुई की बत्ती
भगवान के लिए वस्त्रदूर्ग
मिट्टी का कलश ढक्कन के साथ
अबीर गुलाल
धूपबत्ती
मिठाई
तुलसी मंजरी
पानी वाला नारियल
सिन्दूर
कपूरफल
5 प्रकार के
भांग पत्र
कलावा
इलायची
घी
गेंदे के फूल
आम के पत्ते
जनेऊ
सुपाड़ी
गुलाल
शहदपान पत्ता
धतूरे का फल
रोली 1 पैकेट
पीला चन्दन
पार्वती माता के लिए श्रृंगार सामग्री
गुलाब के फूल
लौंग
भस्म
दान करने के लिए सुहाग का सामान
विल्व पत्र
लकड़ी की चौकी
इलायची
चावल
पंचामृत
शमी यन्त्र
Hartalika teej kahani in hindi
पौराणिक कथा के अनुसार, हिमालय राज के परिवार में मां सती ने पुनः शरीर धारण करके मां पार्वती के रूप में जन्म लिया। हिमालय राज ने मां पार्वती की शादी जगत के पालनहार भगवान विष्णु से कराने का निर्णय कर लिया था। परंतु मां पार्वती पूर्व जन्म के प्रभाव की वजह से मन में ही महादेव को अपने पति के रूप में स्वीकार कर चुकी थीं। लेकिन माता सती की मृत्यु के बाद भगवान शिव तपस्या में लीन थे, जिसकी वजह से वह तपस्वी बन गए थे। मां पार्वती जी की सखियों ने उनका हरण कर लिया। क्योंकि पिता के निश्चय से असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिसके बाद मां पार्वती को हिमालय की कंदराओं में छिपा दिया। इसके बाद मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की। उनकी तपस्या को देख महादेव प्रसन्न हुए और मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इसी वजह से कुवांरी लड़कियां मनचाहे वर की प्राप्ति और सुहागिन महिलाएं अखण्ड़ सौभाग्य पाने के लिए हरतालिका तीज व्रत करती हैं और महादेव के संग मां पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करती हैं।हरतालिका तीज क्यों मनाई जाती है (Hartalika Teej Kyo Manai Jati Hai)
धार्मिक कथाओं अनुसार हरतालिका तीज का त्योहार भगवान शिव और माता पार्वती के मिलन का प्रतीक माना जाता है। सबसे पहले ये व्रत माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए किया था। कहते हैं तभी से इस व्रत को करने की परंपरा शुरू हो गई थी। ये व्रत करवा चौथ की तरह ही पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। बस अंतर इतना है कि करवा चौथ की तरह ये व्रत रात में नहीं बल्कि अगले दिन सुबह के समय खोला जाता है। इसके अलावा इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा की जाती है। चलिए आगे जानते हैं हरतालिका तीज की कथा क्या है।हरतालिका तीज व्रत कथा pdf download
हरतालिका तीज की कथा माता पार्वती और भगवान शिव से जुड़ी है। कहते हैं माता पार्वती ने ये व्रत भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए किया था। भादो शुक्ल पक्ष की तृतीया को माता ने रेत से शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा की फिर रात्रि भर जागरण किया। इस दौरान माता ने जल तक ग्रहण नहीं किया था। व्रत के पुण्य प्रभाव से भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार कर लिया था।Hartalika Teej Mehndi Designs
Hartalika Teej Pradosh Kaal time (हरतालिका तीज प्रदोष काल टाइम 2024)
चर मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 02 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तकलाभ मुहूर्त- सुबह 07 बजकर 36 मिनट से 09 बजकर 10 मिनट तक
अमृत मुहूर्त- सुबह 09 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट तक
शुभ मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से 01 बजकर 53 मिनट तक
चर मुहूर्त- शाम 05 बजकर 02 मिनट से 06 बजकर 36 मिनट तक
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