Hatha Jodi: मां चामुंडा का प्रतिरूप है हत्था जोड़ी जड़, चमत्कारी शक्तियां बदल सकती हैं जीवन, ये है इसकी पूजन विधि
Hatha Jodi Benefits: अद्भुत प्रभाव निहित रहता है हत्था जोड़ी जड़ में। मध्य प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में आसानी से मिल जाता है हत्था जोड़ी का पाैधा। विशेष मंत्र के साथ पूजन करने से सिद्ध हो जाती है हत्था जोड़ी जड़। तांत्रिक विधि के साथ सिद्ध की जाती है। दूसरे की प्रयोग की हुई जड़ नहीं देती पूर्ण फल।
हत्था जोड़ी जड़।
- जीवन में सफलता की गारंटी है हत्था जोड़ी जड़
- मध्य प्रदेश में आदिवासी क्षेत्राें में मिलता है पौधा
- तांत्रिक वस्तुओं में महत्वपूर्ण होती है हत्था जाेड़ी
Hatha Jodi: हत्था जोड़ी…यानी जिसके हाथ जुड़े हों। नाम पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि ये क्या अजीब नाम है। भला किसी जड़ का नाम इस तरह का कैसे। लेकिन आपको बता दें कि ये साधारण जड़ नहीं है। इसे चमत्कारी जड़ कहना गलत न होगा, क्योंकि इसके फायदे एक या दो नहीं बल्कि अनेक हैं। हत्था जोड़ी जड़, जिसे बहुत सी जगह ‘हाथा जोड़ी’ भी कहा जाता है। यह एक वनस्पति है। एक विशेष प्रजाति के पौधे की जड़ खोदने पर उसमें मानव भुजा जैसी दो शाखाएं दिखाई पड़ती हैं। इसके सिरे पर पंजा जैसा बना होता है। उंगलियों के रूप में उस पंजे की आकृति ठीक इस तरह की होती है जैसे कोई मुठ्ठी बांधे हो। जड़ निकालकर उसकी दाेनों शाखाओं को मोड़कर परस्पर मिला देने से करबद्धत्ता की स्थिति आती है। यही हत्था जोड़ी है। इसके पौधे प्रायः मध्य प्रदेश में होते हैं।
हत्था जोड़ी जड़ का प्रभाव
हत्था जोड़ी में अद्भुत प्रभाव निहित रहता है। यह साक्षात चामुंडा देवी का प्रतिरूप है। यह जिसके पास भी होगी वह अद्भुत रूप से प्रभावशाली हाेगा। सम्मोहन वशीकरण, अनुकूलन, सुरक्षा और संपत्ति संवर्धन की इसमें चमत्कारी शक्ति होती है। इसे कहीं से प्राप्त करके तांत्रिक विधि के साथ सिद्ध कर दिया जाए तो साधक निश्चित रूप से चामुंडा देवी का कृपापात्र बन जाता है।
यात्रा, विवाद, प्रतियोगिता, साक्षात्कार, युद्ध क्षेत्र आदि में यह साधक की रक्षा करती है और उसे विजय प्रदान करती है। भूत-प्रेत आदि वायव्य आत्माओं का उसे कोई भय नहीं रहता। धन-संपत्ति देने में यह बहुत चमत्कारी साबित होती है। तांत्रिक वस्तुओं में यह महत्वपूर्ण है, किंतु इसका लाभ केवल तभी प्राप्त हो सकता है जब हत्था जोड़ी शुद्ध हो और उसकी नियमानुसार पूजा कर ली जाए। किसी दूसरे की प्रयोग की हुई हत्था जोड़ी अनुकूल नहीं होती।
इस तरह पहचाने हत्था जोड़ी जड़
हत्था जोड़ी छोटी बड़ी विभिन्न आकारों में प्राप्त होती है, प्रभाव सबका समान ही होता है। सामान्यतः इनकी बनावट एक जैसी होती है, दो भुजाएं और दोनों उंगलियां मुठ्ठी बंधी हुईं।
पूजन विधि
सर्वप्रथम कहीं से हत्था जोड़ी प्राप्त करें। उसे रविवार के दिन शुभ योग में शुद्ध जल से स्नान कराकर लाल वस्तु पर रखें। थाेड़ी देर में पानी सूख जाएगा। इसे तिल के कच्चे तेल में डुबोकर रख दें, कटोरी में तेल इस प्रकार भरें कि हत्था जोड़ी डूब जाए। वह तेल पात्र कहीं एक पवित्र स्थान पर रखें। 12 या 15 दिनों तक वैसा ही रहने दें, फिर किसी शुभ मुहूर्त में उसे तेल से निकाल कर पुनः लाल वस्त्र पर स्थापित करें और हनुमानी लाल सिंदूर, चंदन, फूल, अक्षत, धूप, दीप से पूजा करें।
जप के बाद सामर्थ्यानुसार 9,11,21 माला मंत्र का जाप करें और 21 बार उस मंत्र के द्वारा आहुति देकर हवन करें और वह किसी डिब्बी में रख दें। उसे रखते समय सिंदूर, कपूर, लौंग, तुलसी पत्र, अक्षत और चांदी का टुकड़ा भी साथ में रख देना चाहिए। उसका दैनिक पूजन दर्शन बहुत लाभकारी होता है। प्रतिदिन धूपबत्ती देकर माला मंत्र जपने से इसकी शक्ति बढ़ती है। विधिवत सिद्ध हत्था जोड़ी का प्रभाव अचूक है। यह अनुभव सिद्ध सत्य है। आस्था व पवित्रता के साथ इसके पूजन से साधक का कल्याण होता है।
इस मंत्र का करते रहें जाप
हत्था जोड़ी प्राप्त करने पर सभी क्रियाएं पूरी होने के बाद इस मंत्र का मन से जाप करते रहने से समस्त कामनाओं की पूर्ति होती है। “ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः” इस मंत्र से सिद्ध की गई हत्था जोड़ी सफलता प्रदान करती है।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
Budh Pradosh Vrat Katha: शाम में इस मुहूर्त में पढ़ें बुध प्रदोष व्रत कथा, हर कष्ट से मिल जाएगी मुक्ति
14 November 2024 Panchang: बैकुंठ चतुर्दशी के दिन क्या होगा पूजा का शुभ मुहूर्त, कब से कब तक रहेगा राहुकाल
Vaikuntha Chaturdashi 2024 Date: कब रखा जाएगा बैकुंठ चतुर्दशी का व्रत, नोट करें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
Dev Deepawali 2024: इस दिन मनाई जाएगी देव दीपावली, जानिए इसकी तिथि और महत्व
Kartik Purnima 2024 Satyanarayan Puja Vidhi, Samagri List: कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण भगवान की पूजा कैसे करें, यहां जानिए पूरी विधि सामग्री समेत
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited