Havan Mantra: हवन आहुति मंत्र 108 यहां देखें
हवन आहुति मंत्र 108: हिंदू धर्म में हवन पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं हवन करने से पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त हो जाता है। यहां देखें हवन मंत्र।

108 हवन आहुति मंत्र (Havan Mantra): हवन करते समय 108 मंत्रो का उच्चारण किया जाता है। हिंदू धर्म में हवन अनुष्ठान का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं इससे घर और मन का शुद्धिकरण हो जाता है| साथ ही जो भी कामना होती है वो भी पूरी हो जाती है। हवन पूजा से किसी भी पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त हो जाता है। यहां देखें हवन करते समय कौन से मंत्र बोले जाते हैं।
Havan Mantra (हवन आहुति मंत्र 108)
- ॐ गणपते स्वाहा.
- ॐ ब्रह्मणे स्वाहा .
- ॐ ईशानाय स्वाहा .
- ॐ अग्नये स्वाहा .
- ॐ निऋतये स्वाहा .
- ॐ वायवे स्वाहा .
- ॐ अध्वराय स्वाहा.
- ॐ अदभ्य: स्वाहा .
- ॐ नलाय स्वाहा .
- ॐ प्रभासाय स्वाहा .
- ॐ एकपदे स्वाहा .
- ॐ विरूपाक्षाय स्वाहा .
- ॐ रवताय स्वाहा .
- ॐ दुर्गायै स्वाहा .
- ॐ सोमाय स्वाहा .
- ॐ इंद्राय स्वाहा .
- ॐ यमाय स्वाहा .
- ॐ वरुणाय स्वाहा .
- ॐ ध्रुवाय स्वाहा .
- ॐ प्रजापते स्वाहा .
- ॐ अनिलाय स्वाहा .
- ॐ प्रत्युषाय स्वाहा .
- ॐ अजाय स्वाहा .
- ॐ अर्हिबुध्न्याय स्वाहा .
- ॐ रैवताय स्वाहा .
- ॐ सपाय स्वाहा .
- ॐ बहुरूपाय स्वाहा .
- ॐ सवित्रे स्वाहा .
- ॐ पिनाकिने स्वाहा .
- ॐ धात्रे स्वाहा .
- ॐ यमाय स्वाहा .
- ॐ सूर्याय स्वाहा .
- ॐ विवस्वते स्वाहा .
- ॐ सवित्रे स्वाहा .
- ॐ विष्णवे स्वाहा .
- ॐ क्रतवे स्वाहा .
- ॐ वसवे स्वाहा .
- ॐ कामाय स्वाहा .
- ॐ रोचनाय स्वाहा .
- ॐ आर्द्रवाय स्वाहा .
- ॐ अग्निष्ठाताय स्वाहा .
- ॐ त्रयंबकाय भूरेश्वराय स्वाहा .
- ॐ जयंताय स्वाहा .
- ॐ रुद्राय स्वाहा .
- ॐ मित्राय स्वाहा .
- ॐ वरुणाय स्वाहा .
- ॐ भगाय स्वाहा .
- ॐ पूष्णे स्वाहा .
- ॐ त्वषटे स्वाहा .
- ॐ अशिवभ्यं स्वाहा .
- ॐ दक्षाय स्वाहा .
- ॐ फालाय स्वाहा .
- ॐ अध्वराय स्वाहा .
- ॐ पिशाचेभ्या: स्वाहा .
- ॐ पुरूरवसे स्वाहा.
- ॐ सिद्धेभ्य: स्वाहा .
- ॐ सोमपाय स्वाहा .
- ॐ सर्पेभ्या स्वाहा .
- ॐ वर्हिषदे स्वाहा .
- ॐ गन्धर्वाय स्वाहा .
- ॐ सुकालाय स्वाहा .
- ॐ हुह्वै स्वाहा .
- ॐ शुद्राय स्वाहा .
- ॐ एक श्रृंङ्गाय स्वाहा .
- ॐ कश्यपाय स्वाहा .
- ॐ सोमाय स्वाहा.
- ॐ भारद्वाजाय स्वाहा.
- ॐ अत्रये स्वाहा .
- ॐ गौतमाय स्वाहा .
- ॐ विश्वामित्राय स्वाहा .
- ॐ वशिष्ठाय स्वाहा .
- ॐ जमदग्नये स्वाहा
- ॐ वसुकये स्वाहा .
- ॐ अनन्ताय स्वाहा.
- ॐ तक्षकाय स्वाहा .
- ॐ शेषाय स्वाहा .
- ॐ पदमाय स्वाहा.
- ॐ कर्कोटकाय स्वाहा .
- ॐ शंखपालाय स्वाहा .
- ॐ महापदमाय स्वाहा .
- ॐ कंबलाय स्वाहा .
- ॐ वसुभ्य: स्वाहा .
- ॐ गुह्यकेभ्य: स्वाहा.
- ॐ अदभ्य: स्वाहा .
- ॐ भूतेभ्या स्वाहा .
- ॐ मारुताय स्वाहा .
- ॐ विश्वावसवे स्वाहा .
- ॐ जगत्प्राणाय स्वाहा .
- ॐ हयायै स्वाहा .
- ॐ मातरिश्वने स्वाहा .
- ॐ धृताच्यै स्वाहा .
- ॐ गंगायै स्वाहा .
- ॐ मेनकायै स्वाहा .
- ॐ सरय्यवै स्वाहा .
- ॐ उर्वस्यै स्वाहा .
- ॐ रंभायै स्वाहा .
- ॐ सुकेस्यै स्वाहा .
- ॐ तिलोत्तमायै स्वाहा .
- ॐ रुद्रेभ्य: स्वाहा .
- ॐ मंजुघोषाय स्वाहा .
- ॐ नन्दीश्वराय स्वाहा .
- ॐ स्कन्दाय स्वाहा .
- ॐ महादेवाय स्वाहा .
- ॐ भूलायै स्वाहा .
- ॐ मरुदगणाय स्वाहा .
- ॐ श्रिये स्वाहा .
- ॐ रोगाय स्वाहा .
- ॐ पितृभ्या स्वाहा .
- ॐ मृत्यवे स्वाहा.
- ॐ दधि समुद्राय स्वाहा.
- ॐ विघ्नराजाय स्वाहा .
- ॐ जीवन समुद्राय स्वाहा .
- ॐ समीराय स्वाहा .
- ॐ सोमाय स्वाहा .
- ॐ मरुते स्वाहा .
- ॐ बुधाय स्वाहा .
- ॐ समीरणाय स्वाहा
- ॐ शनैश्चराय स्वाहा .
- ॐ मेदिन्यै स्वाहा.
- ॐ केतवे स्वाहा .
- ॐ सरस्वतयै स्वाहा .
- ॐ महेश्वर्य स्वाहा .
- ॐ कौशिक्यै स्वाहा .
- ॐ वैष्णव्यै स्वाहा .
- ॐ वैत्रवत्यै स्वाहा .
- ॐ इन्द्राण्यै स्वाहा
- ॐ ताप्तये स्वाहा .
- ॐ गोदावर्ये स्वाहा .
- ॐ कृष्णाय स्वाहा .
- ॐ रेवायै पयौ दायै स्वाहा .
- ॐ तुंगभद्रायै स्वाहा .
- ॐ भीमरथ्यै स्वाहा .
- ॐ लवण समुद्राय स्वाहा .
- ॐ क्षुद्रनदीभ्या स्वाहा .
- ॐ सुरा समुद्राय स्वाहा .
- ॐ इक्षु समुद्राय स्वाहा .
- ॐ सर्पि समुद्राय स्वाहा .
- ॐ वज्राय स्वाहा .
- ॐ क्षीर समुद्राय स्वाहा .
- ॐ दण्डार्ये स्वाहा .
- ॐ आदित्याय स्वाहा .
- ॐ पाशाय स्वाहा .
- ॐ भौमाय स्वाहा .
- ॐ गदायै स्वाहा .
- ॐ पदमाय स्वाहा .
- ॐ बृहस्पतये स्वाहा .
- ॐ महाविष्णवे स्वाहा .
- ॐ राहवे स्वाहा .
- ॐ शक्त्ये स्वाहा .
- ॐ ब्रह्मयै स्वाहा .
- ॐ खंगाय स्वाहा
- ॐ कौमार्ये स्वाहा.
- ॐ अंकुशाय स्वाहा .
- ॐ वाराहै स्वाहा .
- ॐ त्रिशूलाय स्वाहा .
- ॐ चामुण्डायै स्वाहा .
- ॐ महाविष्णवे स्वाहा
Havan Samagri (हवन सामग्री लिस्ट)
- हवन कुंड
- शुद्ध घी
- चावल
- आम या केले के पत्ते
- अगरबत्ती
- सूखा नारियल
- लाल कलावा
- रोली चंदन
- पान के पत्ते
- 5 प्रकार के फल
- मिठाई
- आम की लकड़ी
- चरणामृत
- गुग्गल
- लोबान
- शहद
- लाल कपड़ा
- कपूर
- लौंग
- गंगाजल
- सुपारी
- फूलों की माला
हवन विधि (Havan Vidhi)
जहां हवन करना है वहां सभी सामग्री लेकर बैठें। जिससे बीच में उठना न पड़े। सबसे पहले आपको ॐ कृष्णाय नमः, ॐ माधवाय नमः, ॐ नारायणाय नमः बोलते हुए आचमन करना है। उसके बाद थोड़ा सा पानी लेकर अपने हाथ को धोकर शुद्ध कर लेना है। फिर एक दूब को गंगाजल में भिगोकर नीचे दिए गए मंत्र को पढ़ते हुए खुद पर और चारों दिशाओं मे छिड़ककर शुद्ध कर लेना है।
हवन से पहले बोलें ये शुद्धि मंत्र- ॐ हे कमलनयन, जो स्मरण करता है, वह चाहे अपवित्र हो या पवित्र, यद्यपि सभी अवस्थाओं में रहता है, वह बाहर और भीतर से शुद्ध होता है
इसके बाद कपूर को जलाकर हवन की अग्नि प्रज्वलित कर लेनी है। फिर हवन सामग्री से आहुति देना शुरू करना है। जैसे ही आप पहला मंत्र बोलेंगे, तो उसके बाद आपको हवन में आहुति देनी है। इसी प्रकार आपको हर मंत्र के बाद आहुति देनी है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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