40 साल पुराने पुल को बहा ले गई भयंकर बाढ़, फिर भी अडिग रहा 400 साल पुराना पंजवक्त्र महादेव मंदिर

Panchvaktra Mahadev Temple Mandi in Himachal Pradesh Flood: मंडी जिले में सैलाब से मचे हाहाकार के बीच एक बार फिर चमत्कार हुआ है। जहां एक ओर पुल, पहाड़ और बड़े-बड़े मकान धराशाई हो गए, वहीं ब्यास नदी और सुकेती खड्ड के किनारे बने पंचवक्त्र मंदिर पर कोई असर नहीं पड़ा है।

Panchvaktra Mahadev Temple Mandi

Panchvaktra Mahadev Temple Mandi in Himachal Pradesh Flood: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और बाढ़ से जलप्रलय जैसा मंजर है। ये जलप्रलय 10 साल पहले जैसी केदारनाथ आपदा की याद दिला रहा है। सबसे अधिक नुकसान मनाली से लेकर मंडी तक देखा गया है। ब्यास नदी के उफान में सब कुछ खत्म हो गया है। मनाली से लेकर मंडी तक ब्यास ने ऐसा तांडव मचाया है कि 100 साल पुराने पुल भी बह गए हैं। इसी बीच मंडी से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है कि लोग सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की महिमा का गुणगान करने लगे।

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मंडी जिले में सैलाब से मचे हाहाकार के बीच एक बार फिर चमत्कार हुआ है। जहां एक ओर पुल, पहाड़ और बड़े-बड़े मकान धराशाई हो गए, वहीं ब्यास नदी और सुकेती खड्ड के किनारे बने पंचवक्त्र मंदिर पर कोई असर नहीं पड़ा है। यह मंदिर केदारनाथ जैसा दिखता है। पानी के बीच यह मंदिर काफी हद तक डूब गया लेकिन इसका बाल भी बांका नहीं हुआ। 100 साल के बाद बाढ़ ने मंदिर के बगल स्थित सुकेती खड्ड पर बने विक्टोरिया ब्रिज को भी अपनी चपेट में ले लिया लेकिन मंदिर अडिग रहा।

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400 साल पुराना है मंदिर

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