Hindi Mahino ke Naam: चैत्र माह से शुभारंभ होता है नए विक्रम संवत् का, जानिए हिंदू पंचांग के अनुसार हिंदी महीनों के क्या नाम हैं

Hindi Mahino ke Naam (हिंदी महीनों के नाम): इस बार हिंदू नव वर्ष की शुरुआत 30 मार्च को हो रही है। जहां अंग्रेजी नव वर्ष 1 जनवरी को शुरू होता है वहीं सनातन धर्म में नव वर्ष या नए संवत् की शुरुआत मार्च या अप्रैल के दौरान होती है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार हिंदी महीनों के नाम अलग होते हैं, जो कि धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व रखते हैं, ऐसे में आज हम आपको हिंदी महीनों के नाम की पूरी जानकारी देंगे और बताएंगे क‍ि ये कब से कब तक शुरू होते हैं।

Hindu Dharm ke 12 Mahino ke Naam

Hindu Dharm ke 12 Mahino ke Naam

Hindi Mahino ke Naam (हिंदी महीनों के नाम): अगर कोई हमसे महीनों के नाम पूछता है तो हम जनवरी से दिसंबर तक सभी महीनों के नाम कह डालते हैं। लेकिन क्या आप हिंदी महीनों के नाम के बारे में जानते हैं? पंचांग को ही हिंदी कैलेंडर कहा जाता है, जो कि परंपरागत भारतीय काल दर्शक है। इसमें वार, तिथि, नक्षत्र, करण और योग का इस्तेमाल होता है। पंचांग को वैदिक ज्योतिषीय ग्रंथ भी कहा जाता है। ये हिंदू धर्म और ज्योतिष में समय मापन और शुभ मुहूर्त तय करने के लिए बहुत अहम होता है। पंचांग के अनुसार, वर्ष को बारह महीनों में विभाजित किया गया है, और प्रत्येक महीने की अपनी धार्मिक, सांस्कृतिक एवं ज्योतिषीय मान्यता होती है। ये हिंदी महीने चंद्र कैलेंडर पर आधारित होते हैं, जो चंद्रमा की गति के अनुसार समय को बांटता है। प्रत्येक मास की शुरुआत अमावस्या या पूर्णिमा के आधार पर मानी जाती है, जिससे अमांत और पूर्णिमांत पंचांग बनते हैं। चैत्र का महीना हिंदू वर्ष का पहला महीना होता है। इस माह से नया विक्रम संवत् शुरू हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्राा ने चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को संसार का निर्माण किया था। ऐसे में आइए जानते हैं क‍ि चैत्र माह के बाद कौन से हिंदी महीने आते हैं ?

हिंदी महीनों के नाम (Hindi Mahino ke Naam)

चैत्र - ये माह हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक होता है। पंचांग के अनुसार, चैत्र माह मार्च के मध्य में आरंभ होता है और अप्रैल के मध्य में समाप्त होता है।

वैशाख - हिंदू कैलेंडर में वैशाख दूसरा महीना होता है, जो अप्रैल के मध्य से शुरू होकर मई के मध्य तक रहता है।

ज्येष्ठ - ये हिंदी पंचांग का तीसरा महीना होता है, जिसकी शुरुआत मई के मध्य में होती है और समापन जून के मध्य में होता है।

आषाढ़ - आषाढ़ हिंदी कैलेंडर का चौथा महीना है, जो मध्य जून से मध्य जुलाई तक रहता है। इसी माह से मानसून की शुरुआत होती है।

श्रावण - ये पंचांग का 5वां महीना होता है। ये माह है मध्य जुलाई से मध्य अगस्त तक रहता है।

भाद्रपद - भाद्रपद हिंदी कैलेंडर का छठा महीना होता है, जो मध्य अगस्त से मध्य सितंबर तक चलता है।

अश्विन - ये हिंदू वर्ष का 7वां महीना होता है, जो मध्य सितंबर में आरंभ होकर मध्य अक्टूबर तक चलता है।

कार्तिक - पंचांग में कार्तिक माह को आठवां स्थान प्राप्त है। ये मध्य अक्टूबर से शुरू होकर मध्य नवंबर तक चलता है।

मार्गशीर्ष - ये हिंदी कैलेंडर का 9वां महीना होता है, जिसकी अवधि मध्य नवंबर से मध्य दिसंबर तक होती है।

पौष - पौष हिंदू पंचांग का 10वां महीना होता है। ये मध्य दिसंबर में प्रारंभ होकर मध्य जनवरी तक चलता है।

माघ - ये हिंदी कैलेंडर का 11वां महीना होता है, जो मध्य जनवरी में शुरू होकर मध्य फरवरी तक चलता है।

फाल्गुन - ये पंचांग का 12वां और अंतिम महीना होता है, जिसकी अवधि मध्य फरवरी से मध्य मार्च तक होती है।

हिंदी महीनों का महत्‍व (Hindi Mahino ka Mahatva)

हिंदी महीनों का महत्व भारतीय संस्कृति, परंपराओं और त्योहारों से गहराई से जुड़ा हुआ है। हिंदू पंचांग के अनुसार वर्ष को बारह महीनों में विभाजित किया गया है, जो चंद्र और सौर गणना पर आधारित होते हैं। प्रत्येक माह का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व होता है। चैत्र से प्रारंभ होकर फाल्गुन तक, ये महीने न केवल ऋतुओं के बदलाव को दर्शाते हैं, बल्कि हमारे जीवन में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संतुलन भी बनाए रखते हैं। इन महीनों के आधार पर व्रत और पर्व निर्धारित किए जाते हैं।

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मेधा चावला author

हरियाणा की राजनीतिक राजधानी रोहतक की रहने वाली हूं। कई फील्ड्स में करियर की प्लानिंग करते-करते शब्दों की लय इतनी पसंद आई कि फिर पत्रकारिता से जुड़ गई।...और देखें

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