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इस विधि से करें होलिका दहन की पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी

इस विधि से करें होलिका दहन की पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी

इस विधि से करें होलिका दहन की पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी

होलिका दहन (Holika Dahan) फाल्गुन पूर्णिमा (Falgun Purnima) पर किया जाता है। इस पूर्णिमा को बसंत पूर्णिमा (Basant Purnima) और दोल पूर्णिमा (Dol Purnima) भी कहा जाता है। वहीं होलिका दहन को छोटी होली (Choti Holi) के नाम से भी जाना जाता है। छोटी होली के अगले दिन बड़ी होली (Badi Holi) यानी रंगवाली होली (Rangwai Holi) खेली जाती है। रंगों का त्योहार होली चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। होलिका दहन वाले दिन सूर्यास्त के बाद अग्नि जलाई जाती है। इस तरह से ये पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है।

Holika Dahan Muhurat 2023 City Wise

होलिका दहन मुहूर्त 2023 (Holika Dahan 2023 Shubh Muhurat):
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 7 मार्च 2023 की शाम 06:24 बजे से रात 08:51 बजे तक रहेगा।

होलिका दहन पूजा सामग्री (Holika Dahan Puja Samagri): होलिका दहन से पहले होली की पूजा (Holi Ki Puja) की जाती है। होली पूजा सामग्री (Holi Puja Samagri) में इन चीजों का शामिल किया जाता है। रोली, माला, पुष्प, गुड़, कच्चे सूत का धागा, साबूत हल्दी, मूंग, रंगीन अक्षत, गंध के लिये धूप या अगरबत्ती, बताशे, नारियल और नई फसल के अनाज गेंहू की बालियां, पके चने आदि।

होलिका दहन पूजा विधि (Holika Dahan Puja Vidhi):
-जहां होलिका जलानी है वहां पूजा सामग्री रख लें।
-सात ही होलिका के पास गोबर से बनी ढाल भी रखी जाती है।
-होलिका दहन के लिए चार मालाएं अलग से रख ली जाती हैं।
-ये मालाएं मौली, फूल, गुलाल, ढाल और खिलौनों से तैयार की जाती हैं।
-इसमें एक माला पितरों के नाम की, दूसरी भगवान हनुमान जी की, तीसरी शीतला माता की और चौथी घर परिवार के नाम की रखी जाती है।
-इसके बाद पूरी श्रद्धा से होली के चारों तरफ परिक्रमा करते हुए उसमें कच्चे सूत के धागे को लपेटना होता है।
-आप होलिका की परिक्रमा तीन या सात बार कर सकते हैं।
-इसके बाद शुद्ध जल समेत सभी पूजा सामग्रियों को एक-एक कर होलिका को अर्पित किया जाता है।
-फिर पंचोपचार विधि से होली का पूजन कर जल से अर्घ्य देना होता है।
-इसके बाद होलिका दहन की अग्नि में में कच्चे आम, नारियल, सतनाज, चीनी के खिलौने, नई फसल इत्यादि की आहुति दी जाती है।

होलिका दहन और होली त्योहार से जुड़ी हर एक अपडेट जानने के लिए बने रहिए हमारे इस लाइव ब्लॉग पर...

Feb 24, 2025 | 01:22 PM IST

होलिका दहन की राख का उपाय (Holika Dahan Rakh Upay)

ज्योतिष अनुसार अगर आर्थिक तंगी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो होलिका की राख अपने घर में लेकर आयें और उसे घर के कोने-कोने में छिड़क दें। इससे ना सिर्फ घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर चली जाएगी बल्कि घर में मौजूद वास्तु दोष भी दूर होगा। इसके अलावा अगर आपके घर के सदस्यों में आपस में लड़ाई-झगड़ा होता रहता है तो उससे भी मुक्ति मिलेगी।
Feb 24, 2025 | 01:22 PM IST

फाल्गुन पूर्णिमा मंत्र (Falgun Purnima Ke Mantra)

-ॐ होलिकायै नम:।
-ॐ प्रह्लादाय नम:।
-ॐ नृसिंहाय न।
-अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः।
अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्।।
Feb 24, 2025 | 01:24 PM IST

घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए होलिका दहन पर करें ये उपाय

जिन्हें अपने घर में नकारात्मक ऊर्जाओं की उपस्थिति का एहसास होता है। उन्हें होलिका दहन पर एक पान का पत्ता, मिश्री, बतासा व लौंक के दो फूलों को देसी घी में डुबोकर होलिका को समर्पित करना है। इसके बाद सुबह इसकी राख को लाल कपड़े में बांध कर घर के मुख्य द्वार पर टांग दें। इस उपाय से आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाएगी।
Feb 24, 2025 | 01:20 PM IST

होलिका दहन पूजा मंत्र (Holika Dahan Puja Mantra)

होलिका का पूजन पारंपरिक पूजा पद्धति के आधार पर किया जाता है। इसमें आठ पूरियों से बनी अठावरी व होली के लिए बने पकवान आदि से ही पूजा होती है। होलिका पूजन के समय आप इस मंत्र का जाप जरूर करें- अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः। अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्‌ ॥
Feb 24, 2025 | 01:16 PM IST

होली से जुड़ी भगवान कृष्ण की कहानी

एक कथानुसार, एक बार भगवान कृष्ण ने बालपन में मैया यशोदा से पूछा कि वे राधा की तरह गोरे क्यों नहीं हैं? अपने लाड़ले के सवाल पर मैया यशोदा ने मज़ाक़ में उनसे कहा कि राधा के चेहरे पर रंग लगाने से राधाजी का रंग भी कन्हैया की तरह हो जाएगा। इसके पश्चात भगवान कृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ रंग वाली होली खेली और उस समय से ही रंगों के त्यौहार होली को निरंतर मनाया जा रहा है।
Feb 24, 2025 | 01:27 PM IST

होलिका दहन की अग्नि में इन चीजों की दें आहुति (Holika Dahan Me Kya Dale)

होलिका दहन हो जाने के बाद उसकी अग्नि में कुछ वस्तुओं की आहुति जरूर देनी चाहिए। ये वस्तुएं हैं कच्चे आम, नारियल, भुट्टे या सप्तधान्य, नई फसल का कुछ भाग, चीनी से बने खिलौने आदि। यहां सप्तधान्य का मतलब है- सात तरह के अनाज जो हैं गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर। होलिका दहन के समय इन सप्तधान्य की आहुति जरूर देनी चाहिए।
Feb 24, 2025 | 01:21 PM IST

होलिका दहन का महत्व

घर में सुख शांति और समृद्धि के लिए होलिका दहन के दिन महिलाएं होली की पूजा करती हैं। इन लकड़ियों को इकट्ठा करके एक गट्ठर के रूप में रखा जाता है और फिर होलिका दहन के शुभ मुहूर्त में इसे जलाया जाता है। होलिका दहन का यह दिन बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है।
Feb 24, 2025 | 01:21 PM IST

Holika Dahan Puja Samagri (होली पूजन सामग्री)

गाय के गोबर से बनी होलिका और प्रहलाद की मूर्तियां, फूल माला, गंगा जल, मीठे बताशे, रंग, अबीर, मिठाइयां, पुष्प, रोली चंदन, कच्चा सूत, हल्दी, मूंग, होली पर बनने वाले पकवान, सात प्रकार के अनाज व गेहूं की बालियां।
Feb 24, 2025 | 01:18 PM IST

होलिका पूजन विधि (Holika Pujan Vidhi)

एक थाली में कुमकुम, चावल, हल्दी, मेहंदी, गुलाल, रोली, नारियल, एक मुट्ठी गेहूं, लच्छा कपास, एक कमल, कुछ फूल और माला रखें और उन्हें होलिका को अर्पित करें। अब इकट्ठा हुई लकड़ियों पर आग जलाएं और इसके साथ भगवान नरसिंह के मंत्र ‘ध्यायेन्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्। अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।’ का जाप करें।
Feb 24, 2025 | 01:18 PM IST

Holika Dahan 2023 Muhurat: होलिका दहन मुहूर्त

अलीगढ़- 06:21 PM से 08:48 PM, गुरुग्राम- 6:25 PM से 08:52 PM, भुवनेश्वर- 05:53 PM से 06:09 PM, गोरखपुर- 06:01 PM से 06:09 PM, बीकानेर- 06:40 PM से 09:07 PM, मैसूर- 06:33 PM से 08:58 PM, बरेली- 06:16 PM से 08:43 PM, कोटा- 06:31 PM से 08:58 PM, रायपुर- 06:10 PM से 08:36 PM
Feb 24, 2025 | 01:20 PM IST

Holika Dahan Mantra In Sanskrit: होलिका दहन मंत्र

होलिका के लिए मंत्र- ॐ होलिकायै नम:
परमभक्त प्रह्लाद के लिए मंत्र- ॐ प्रह्लादाय नम:
भगवान नरसिंह के लिए मंत्र- ॐ नृसिंहाय न
होलिका दहन में कुछ चीजें अर्पित कर रहे हैं, तो इस मंत्र को बोलना शुभ माना जाता है।
अहकूटा भयत्रस्तैः कृता त्वं होलि बालिशैः। अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम्।
Feb 24, 2025 | 01:17 PM IST

Happy Holi 2023: होली की हार्दिक शुभकामनाएं

लाल गुलाबी रंग है, झूम रहा संसार,
सूरज की किरण, खुशियों की बहार,
चांद की चांदनी अपनों का प्यार,
मुबारक हो आपको होली का त्योहार।
Wish You Happy Holi 2023
Feb 24, 2025 | 01:27 PM IST

होलिका दहन के उपाय (Holika Dahan Upay)

रोग से मुक्ति के लिए शिव उपासना करते हुए महामृत्युंजय मंत्र का जप करें। राजनीति में सफलता के लिए बंगलामुखी उपासना का इस रात्रि में बहुत महत्व है। बालक जो बीमार रहता हो वह इस दिन हनुमान बाहुक का पाठ करे तो रोग से मुक्ति मिलती है। धन व ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए श्री सूक्त के ऋग्वैदिक श्री सूक्तम को 16 बार पढ़ने से लाभ होता है।
Feb 24, 2025 | 01:22 PM IST

होलिका दहन पर शुभ संयोग

इस बार फाल्गुन पूर्णिमा यानी होलिका दहन पर धृति योग बन रहा है। वैदिक ज्योतिष में अनुसार, इस योग में निर्माण कार्य शुरू करना बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस योग में भूमि पूजन, शिलान्यास और कोई भी नया निर्माण कार्य शुरू करने से सुख-समृद्धि आती है।
Feb 24, 2025 | 01:17 PM IST

होलिका दहन का उपाय आर्थिक स्थिति बेहतर करने के लिए

आर्थिक तंगी से मुक्ति पाना चाहते हैं तो गन्ने को होलिका दहन की अग्नि दिखाएं। इसके बाद इस गन्ने को घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में खड़ा कर दें। ऐसा करने से आर्थिक स्थिति मजबूत हो जाएगी।
Feb 24, 2025 | 01:26 PM IST

होलिका दहन के दिन क्या ना करें (Holika Dahan Ke Din Kya Kare Kya Na kare)

  • इस दिन सफेद खाद्य पदार्थों का सेवन भूल से भी ना करें।
  • पूजा करते समय अपना सिर अवश्य ढक कर रखें।
  • होलिका दहन की अग्नि नव-विवाहित महिलाओं को देखने से बचना चाहिए।
  • होलिका दहन कभी भी अपनी सास या बहू के साथ ना देखें।
  • होलिका दहन वाले दिन कोई भी शुभ और मांगलिक काम करने से बचना चाहिए।

Feb 24, 2025 | 01:23 PM IST

Happy Holi 2023 Wishes: हैप्पी होली 2023

रंगों से रंगीन शाम हो आपकी,
चाँद सितारों से ज्यादा शान हो आपकी,
ज़िन्दगी का सिर्फ एक मकसद हो आपका
कि लंगूर से ऊँची छलांग हो आपकी!
बुरा न मानो होली हैं
Feb 24, 2025 | 01:25 PM IST

होलिका दहन पर तैयार की जाती हैं ये मालाएं

होलिका दहन मुहूर्त समय में जल, मौली, फूल, गुलाल तथा ढाल व खिलौनों की चार मालाएं तैयार की जाती है। इनमें से एक माला पितरों के नाम की, दूसरी हनुमानजी के नाम की, तीसरी शीतलामाता के नाम की तथा चौथी अपने घर-परिवार के नाम की होती है।
Feb 24, 2025 | 01:19 PM IST

Holika Dahan Me Kya Dalna Chaiye: होलिका दहन में क्या-क्या डालना चाहिए

होलिका दहन होने के बाद होलिका में जिन वस्तुओं की आहुति दी जाती है, उनमें कच्चे आम, नारियल, भुट्टे या सप्तधान्य, चीनी के बने खिलौने, नई फसल का कुछ भाग, सप्तधान्य हैं गेहूं, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर।
Feb 24, 2025 | 01:20 PM IST

Holika Dahan 2023 Shubh Muhurat (होलिका दहन शुभ मुहूर्त)

होलिका दहन का पर्व हर साल फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। चाहे बच्चों हो या बुजुर्ग हर व्यक्ति के लिए ये त्योहार खास होता है। रंगवाली होली से एक दिन पहले होली जलाई जाती है। जिसके लिए शुभ मुहूर्त होना बेहद जरूरी है। जानिए आपके शहर में होलिका जलाने का क्या रहेगा मुहूर्त
Feb 24, 2025 | 01:23 PM IST

होलिका दहन समय Holika Dahan Smay

लुधियाना- 06:29 पी एम से 08:56 पी एम
वाराणसी- 06:03 पी एम से 06:09 पी एम
श्रीनगर- 06:32 पी एम से 09:00 पी एम
अलीगढ़- 06:21 पी एम से 08:48 पी एम
गुरुग्राम- 6:25 पी एम से 08:52 पी एम
Feb 24, 2025 | 01:17 PM IST

Happy Holi 2023: कितने दिन मनाते है होली?

होली पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। होली त्यौहार का पहला दिन होता है होलिका दहन जो फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। होलिका दहन से अगले दिन रंगों से खेलने की परंपरा है जिसे धुलंडी, धुलेंडी और धूलि आदि नामों से भी जाना जाता है। होली के पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
Feb 24, 2025 | 01:25 PM IST

Holika Dahan 2023 Shubh Muhurat (होलिका दहन मुहूर्त 2023)

फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 06 मार्च शाम 04 बजकर 17 मिनट से 07 मार्च की शाम 06 बजकर 09 मिनट तक रहेगी। इसके अनुसार होलिका दहन 7 मार्च को किया जाएगा। 7 मार्च 2023 की शाम 06:24 बजे से रात 08:51 बजे तक होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है।
Feb 24, 2025 | 01:25 PM IST

Holi 2023 (कब है होली 2023)

फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होली का त्योहार मनाया जाता है। इस साल 8 मार्च 2023 को होली मनाई जाएगी। 7 मार्च 2023 को होलिका दहन होगा।
Feb 24, 2025 | 01:19 PM IST

होली मुहूर्त 2023 (Holi Muhurat 2023)

दिल्ली- 06:24 पी एम से 08:51 पी एम
मुंबई- 06:46 पी एम से 09:11 पी एम
चैन्नई- 06:18 पी एम से 08:43 पी एम
अहमदाबाद- 06:45 पी एम से 09:11 पी एम
हैदराबाद- 06:24 पी एम से 08:49 पी एम
कोलकाता- 05:42 पी एम से 06:09 पी एम
जयपुर- 06:31 पी एम से 08:58 पी एम
पुणे- 06:42 पी एम से 09:07 पी एम
कानपुर- 06:13 पी एम से 08:39 पी एम
नागपुर- 06:20 पी एम से 08:46 पी एम
लखनऊ- 06:10 पी एम से 08:37 पी एम
पटना- 05:54 पी एम से 06:09 पी एम
लुधियाना- 06:29 पी एम से 08:56 पी एम
वाराणसी- 06:03 पी एम से 06:09 पी एम
श्रीनगर- 06:32 पी एम से 09:00 पी एम
अलीगढ़- 06:21 पी एम से 08:48 पी एम
गुरुग्राम- 6:25 पी एम से 08:52 पी एम
भुवनेश्वर- 05:53 पी एम से 06:09 पी एम
गोरखपुर- 06:01 पी एम से 06:09 पी एम
बीकानेर- 06:40 पी एम से 09:07 पी एम
मैसूर- 06:33 पी एम से 08:58 पी एम
बरेली- 06:16 पी एम से 08:43 पी एम
कोटा- 06:31 पी एम से 08:58 पी एम
रायपुर- 06:10 पी एम से 08:36 पी एम
जोधपुर- 06:42 पी एम से 09:09 पी एम
विजयवाड़ा- 06:16 पी एम से 08:41 पी एम
नोएडा- 06:24 पी एम से 08:51 पी एम
मेरठ- 06:24 पी एम से 08:51 पी एम
Feb 24, 2025 | 01:26 PM IST

Holi Katha (होली कामदेव की कथा)

होली की एक और प्रचलित कथा है ।पौराणिक कथा अनुसार जब देवी सती भगवान शिव से विवाह करने के लिए कठोर तप कर रही थी।लेकिन, शिवजी अपने तप में लीन देवी पर कोई ध्यान नहीं दे रहे थे । यह देखकर देवताओं ने कामदेव को कहा कि वह जाकर शंकर भगवान का तप से ध्यान हटा दें ताकि देवी सती की तपस्य सफल हो जाए। कामदेव ने ऐसा ही किया । जैसे ही कामदेव ने शिवजी का ध्यान हटाया उन्हें गुस्सा आ गया और अपना तीसरे नेत्र खोल लिया और कामदेव को भस्म कर दिया । कामदेव के भस्म होते ही देवी रति रोने लगी और शिवजी से अपने पति को वापिस लौटाने की मांग करने लगी । जैसे ही शिवजी का गुस्सा शांत हुआ उन्होंने कामदेव को पुनः जीवित कर दिया। इसी मान्यता अनुसार कामदेव को भस्म होने के दिन होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन उसके जीवित होने की खुशी में होली खेली जाती है।
Feb 24, 2025 | 01:24 PM IST

Holi Story (होली की पौराणिक कथा)

पौराणिक कथा अनुसार राजा हिरणकश्यप का पुत्र प्रलाह्द भगवान विष्णु का परम भक्त था वह हमेशा भगवान विष्णु का ध्यान और कीर्तन करता रहता था । लेकिन राजा हिना कश्यप को भगवान विष्णु की भक्ति पसंद नहीं आती थी वह चाहता था कि उसका पुत्र केवल उसकी ही पूजा करें बहुत मना करने के बाद भी प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की भक्ति करनी नहीं छोड़ी एक दिन हिरणकश्यप ने क्रुद्ध होकर प्रलाहद को दंड देने की सोची । उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए और उसे भस्म कर दे होलिका के पास ऐसा वरदान था कि उसे अग्नि नहीं चला सकती। अपने बेटे को मरने के लिए हिरणकश्यप ने होलिका को कहा कि प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठ जाए तब देखते हैं किसके राधे विष्णु इसे बचाने आते हैं या नहीं। होलिका प्रह्लाद को लेकर बैठ गई जैसे ही अग्नि चली प्रह्लाद ने भगवान विष्णु का ध्यान लगाना शुरू कर दिया देखते ही देखते होली का तो अग्नि में जल गई और प्रह्लाद बच गए। सबको भगवान विष्णु की भक्ति पर विश्वास हो गया । इसी की याद में होलिका दहन किया जाता है। यह इस बात का प्रतीक है कि भगवान अपने भक्त की हमेशा रक्षा करते हैं और बुराई का नाश करते हैं।

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