Holi Kyu Manaya Jata Hai: होली क्यों मनाई जाती है? जानिए इस पर्व की कहानी
Holi Kyu Manaya Jata Hai: हर साल चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होली का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली के दिन रंग लगाने की परंपरा कैसे शुरू हुई। आइए इस बारे में जानते हैं।
Holi Kyu Manaya Jata Hai
Holi Kyu Manaya Jata Hai, Why Holi Celebrated: होली का त्योहार इस साल 25 मार्च को मनाया जाएगा। ये बसंत ऋतु में मनाये जाने वाला प्रसिद्ध त्यौहार है। जो भारत के साथ-साथ नेपाल समेत तमाम देशों में मनाया जाता है। होली के पर्व को धुलेंडी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं और नाच गाकर मिलकर ये त्योहार मनाते हैं। ये पर्व आपसी भाईचारे को बढ़ाता है। यहां आप जानेंगे होली के पर्व की कहानी।
होली की कहानी (Holi Story In Hindi)
रंगवाली होली का त्योहार राधा-कृष्ण के पावन प्रेम की याद में मनाया जाता है। होली की कथा के अनुसार एक बार बाल-गोपाल ने माता यशोदा से पूछा कि वे स्वयं राधा रानी की तरह गोरे क्यों नहीं हैं। तब यशोदा ने मज़ाक में ही कृष्णा से कह दिया कि अगर वे राधा के चेहरे पर रंग लगा देंगे तो उनका रंग भी कन्हैया की ही तरह हो जाएगा। तब बाल गोपाल ने ऐसा ही किया। चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को कान्हा ने राधा और गोपियों के साथ रंगों से होली खेली। माना जाता है कि इसी घटना के बाद से होली पर रंग खेलने की परंपरा शुरू हो गई।
होली के पर्व से जुड़ी एक और कथा मिलती है जिसके अनुसार भगवान शिव के श्राप के कारण धुण्डी नामक राक्षसी को पृथु के लोगों ने इस दिन भगा दिया था। कहते हैं इसी की याद में ॉहोली मनायी जाती है।
होली का इतिहास (Holi History In Hindi)
होली का इतिहास काफी पुराना माना जाता है। जिससे जुड़े काफी साक्ष्य मिले हैं। कहते हैं प्राचीन विजयनगर सम्राज्य की राजधानी हम्पी में 16वीं शताब्दी में भी होली पर्व मनाया जाता था इससे संबंधित एक चित्र भी मिला है, जिसमें होली पर्व की छवि को उकेरा गया है। इस चित्र में राजकुमारों और राजकुमारियों को दासियों समेत रंग और पिचकारी के साथ होली खेलते हुए दिखाया गया है।
होली पर्व के अलग-अलग नाम (Holi Festival Names)
भारत में होली पर्व को अलग-अलग क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है। जैसे ब्रज की होली पूरे देश में आकर्षण का केंद्र होती है। यहां लठमार होली, लड्डू होली और फूलों वाली होली खेली जाती है। तो वहीं हरियाणा में होली के त्योहार को धुलंडी के नाम से जाना जाता है। तो गोवा के शिमगो में इस दिन जलूस निकालने के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। जबकि पंजाब के होला मोहल्ला में सिख धर्म के लोगों द्वारा शक्ति प्रदर्शन किया जाता है। छत्तीसगढ़ की होरी में लोक गीतों की अद्भूत परंपरा है।
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TNN अध्यात्म डेस्क author
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