Holi Ki Katha: होली व्रत कथा हिंदी में यहां पढ़ें
Holi 2023 Vrat Katha in Hindi: होली के दिन कई लोग व्रत रखते हैं। इसलिए व्रती इस दिन जरूर पढ़ें भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद की ये कहानी।
होली व्रत कथा
होली व्रत कथा (Holi Vrat Katha In Hindi)
नारद पुराण के अनुसार, आदिकाल में हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस था। वह खुद को ईश्वर से भी बड़ा ओर महान समझता था। दैत्यराज चाहता था कि समस्त लोग सिर्फ उसकी पूजा करें। लेकिन उसका खुद का पुत्र प्रह्लाद ही भगवान विष्णु का परम भक्त था। यह भक्ति प्रह्लाद को उसकी मां से विरासत में मिली थी।
इसी वजह से दैत्य अपने पुत्र को भगवान की भक्ति से हटना चाहते थे। उसने कई प्रयास किए। लेकिन पुत्र प्रह्लाद प्रभु की भक्ति को नहीं छोड़ पाए। तब हिरण्यकश्यप ने अपने ही बेटे को जान से मारने की योजना बनाई। कई प्रयत्नों के बाद भी वह प्रह्लाद को मार ना सका। हर बार प्रह्लाद प्रभु की कृपा से बच जाता था।
इसके बाद हिरण्यकश्यप को अपनी बहन होलिका की याद आई, जिसे वरदान प्राप्त था कि अग्नि उसे जला नहीं सकती। दैत्यराज अपने पुत्र को मारने के लिए अपनी बहन से मदद मांगी।
योजना अनुसार, होलिका परम भक्त प्रह्लााद को गोद में लेकर आग की चिता पर बैठ गई। प्रह्लााद तनिक भी विचलित नहीं हुआ। बल्कि पूरी श्रद्धा से केवल भगवान विष्णु का स्मरण करने में लगा रहा। परिणामतः होलिका का वरदान उसी क्षण समाप्त हो गया। होलिका अग्नि में जल गई। वहीं, भगवान विष्णु की असीम कृपा से भक्त प्रह्लाद का बाल भी बांका नहीं हुआ।
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